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ओ मेरे घनश्याम रे—गृहलक्ष्मी की कविता

Hindi Poem: रंगों से रंग दे चूनर कोचटक रंग में श्याम रेऐसी होली खेलो संग मेंओ मेरे घनश्याम रे काली काली तोरी सूरतराधा जी को भावे रेगोप गोपियाँ तुम्हें बुलावेओ मेरे घनश्याम रे बरसाना की राधा रानीगोकुल को घनश्याम रेधूम मचा दे जमुना तट परओ मेरे घनश्याम रे ब्रज की गलियां रंग बिरंगीसबके मन को […]

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