Maut ke Deewane by James Headley Chase hindi novel - Grehlakshmi
Maut ke Deewane by James Headley Chase

डेबी के जाने के एक सप्ताह पश्चात मैं अपने विमान चालक बिल पिडर को भी खो बैठा।

बिल पिडर कम्पनी के विमान से अमरीकन माहीगीरों के एक समूह को लांग द्वीप से स्टैला पेरिस ले जा रहा था। प्रोग्राम के अनुसार मुझे भी उसके साथ जाना था क्योंकि लांग द्वीप से आगे कुकिड द्वीप में मुझे ‘थीटा कारपोरेशन’ के लिए कुछ जमीन खरीदनी थी।

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रवानगी की पूर्व संध्या को बाथरूम में मेरा पांव फिसल गया था, जिससे मेरे पैर में मोच आ गई थी‒और इसके कारण मुझे अपना प्रोग्राम रद्द करना पड़ा था। मैंने एकदम अन्तिम समय पर बिल पिडर को सूचित किया था कि मैं उसके साथ नहीं जा सकूंगा।

फ्रीपोर्ट से उड़ान भरने के पश्चात बिल पिडर लगातार कन्ट्रोल टावर से सम्पर्क बनाये हुए था। जब विमान एकस्यूमा द्वीप के ऊपर उड़ रहा था, तो यह सम्पर्क अचानक समाप्त हो गया था। हम समझ गये थे कि उसका विमान अकस्मात् किसी दुर्घटना का शिकार हो गया है। तत्पश्चात मैंने विमान को ढुंढवाने के बहुतेरे प्रयास किए थे किन्तु बिल पिडर का शव तो दरकिनार, हमें विमान का मलबा तक नहीं मिला था…उस विमान में जो चार अमरीकन सफर कर रहे थे, उनमें से दो इतने सोर्सफुल थे कि उनकी मृत्यु का समाचार मिलते ही अमरीकन समाचार पत्रों ने मेरे होटलों के विमान के बखिये उधेड़ दिए थे। मेरे होटलों की बहुत बदनामी हुई थी‒मैं जब भी अपनी साख को उभारने का यत्न करता था…कोई न कोई ऐसी घटना घट जाती थी कि मेरी साख बढ़ने की बजाय और नीचे गिर जाती थी तथा हर हादसे में ऐसा होता था कि मेरा कोई मित्र अथवा स्वजन या तो दुर्घटना का शिकार हो जाता था या फिर मेरी सूरत से बेजार हो जाता था। एक सप्ताह पूर्व डेबी मुझे छोड़ गई थी…और अब बिल पिडर मुझसे हमेशा-हमेशा के लिए जुदा हो गया था।

बिल पिडर की मृत्यु से मुझे बहुत आघात पहुंचा था, क्योंकि कम्पनी का मुलाजिम होने के अलावा वह मेरा एक मित्र भी था।

बिल पिडर की अन्तिम धर्म-क्रिया में भाग लेने के पश्चात जब मैं चर्च से बाहर निकल रहा था तो मैंने अपने एक अन्य विमान चालक बॉबी बोवन से कहा‒‘मुझे तो कुछ समझ नहीं लगी कि यह हुआ कैसे…बिल पिडर कन्ट्रोल टावर से बिल्कुल ठीक-ठाक बात कर रहा था कि बात करते-करते वाक्य के मध्य में सम्पर्क समाप्त हो गया। यान चालन के इतिहास में आज तक ऐसा वाक्य सुनने में नहीं आया।’

बॉबी बोवन ने कन्धे उचकाते हुए कहा‒‘क्या कहा जा सकता है, टॉम। यह जानते समझते हुए भी कि यह एक असाधारण दुर्घटना है, हम कुछ नहीं कर सकते। हमारे पास कोई प्रमाण ही नहीं है…हम विमान का मलबा तक नहीं ढूंढ पाये।’

हम यही बातें कर रहे थे कि हमारी दृष्टि बिल पिडर की पत्नी मेग्ग पिडर पर पड़ गई। वह अपने आंसू पोंछते हुए चर्च से बाहर निकल रही थी।

बॉबी ने कहा‒‘बिल एक बहुत ही स्नेही पति था। बिल एवं मेग्ग की आपस में बहुत बनती थी। मेग्ग बेचारी पर बहुत भारी गुजरेगी।’

‘मेग्ग की पूरी देख-भाल की जायेगी।’ मैंने बॉबी से कहा‒‘उसे पैसे आदि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी।’

‘टॉम…पैसा उसके पति की कमी को तो पूरा नहीं कर सकता।’

बॉबी के इन शब्दों ने मेरे अन्तःकरण को भाले के समान भेद दिया था। कुछ रोज पूर्व पेरीगार्ड ने बेलिस की विधवा के बारे में भी ऐसे ही शब्द प्रयोग किए थे‒और इस समय बॉबी ने भी वैसे ही शब्द मेरे सामने दोहराये थे। मैं लज्जा से पानी-पानी हो गया था।

बॉबी ने मेरे साथ-साथ चलते हुए कहा था‒‘टॉम, मुझे यकीन है कि बिल पिडर का विमान किसी साधारण दुर्घटना का शिकार नहीं हुआ….बल्कि उसे दुर्घटनाग्रस्त किया गया है।’

लेकिन मुझे, बॉबी बोवन दोनों को कोई सन्देह नहीं था कि बिल पिडर के विमान के साथ दुर्घटना घटाई गई थी।

लेकिन मैं, बॉबी बोवन या कोई अन्य यह कैसे अनुमान लगा सकता था कि यह दुर्घटना भी हत्या करने के उद्देश्य से घटाई गर्ई थी।

अगले दिन बिली अचानक फ्रीपोर्ट पहुंच गया। जब वह पहुंचा था, तो मैं अपना सामान पैक कर रहा था।

‘तुम कहीं बाहर जा रहे हो?’ बिली ने मुझसे पूछा।

‘ना।’

‘तो फिर यह पैकिंग क्यों कर रहे हो?’

‘मैं स्वयं को रायल पाम होटल में शिफ्ट कर रहा हूं।’

‘वह क्यों?’

‘घर से जी ऊब गया है।’

तत्पश्चात बिली ने कुछ नहीं पूछा और इधर-उधर की बातें करने लगा था। वह काफी आशंकित प्रतीत हो रहा था और मैं उसकी आशंका भांप गया था।

मैंने कहा‒‘बिली, इधर-उधर की मत हांको और मतलब की बात पर आओ…मुझे यह बताओ कि तुम अपने परिवार के दूत के रूप में आये हो…मेरा आशय है कि तुम्हें डेबी के सम्बन्ध में यहां भेजा गया है?’

यह सुनते ही बिली की सारी शंका दूर हो गई बोला‒‘यस टॉम, तुमने बिल्कुल सही अनुमान लगाया है और सच बात तो यह है कि यदि मेरे चाचा यानी आपके ससुर महोदय जैक चार्ल्स की तबियत ठीक होती, तो वह स्वयं ही तुमसे पूछताछ करने आते। पहले तो वह अपने बेटे फ्रेंक यानी आपके साले साहब को भेज रहे थे, पर उसे किसी आवश्यक काम से कैलिफोर्निया जाना पड़ गया था…सो इस काम के लिए मेरा चयन किया गया कि यहां आकर तुमसे मालूम करूं कि बात क्या है?’

मैंने बिली से पूछा‒‘पहले मुझे यह बताओ….क्या डेबी को पता है कि तुम उसके सन्दर्भ में यहां आये हो?’

‘नहीं।’ बिली ने उत्तर देते हुए कहा‒‘चाचा महोदय ने डेबी को बताये बिना मुझे यहां भेजा है। वह अपनी बेटी के बारे में जरूरत से कुछ ज्यादा ही चिन्तित हैं कि उनकी लाड़ली वापस मायके क्यों चली आई है। व्यक्तिगत रूप से पूछो तो मेरा यह विचार है कि तुम दोनों के मामले में किसी को भी हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं, किन्तु…।’

मैंने बिली की बात पूरी करते हुए कहा‒‘किन्तु चार्ल्स परिवार बहुत दम्भी है और अपनी बेटियों के निजी जीवन में हस्तक्षेप करना अपना अधिकार समझता है।’

‘टॉम, मैंने अपने चाचा को बहुत समझाया था कि तुम दोनों पति-पत्नी हो और हमें तुम्हारे आपसी मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं…पर चाचा महोदय किसी की सुनें तब ना।’

मैंने शान्त स्वर में बिली से पूछा‒‘तुम क्या जानना चाहते हो?’

‘मैं कुछ नहीं जानना चाहता। तुम्हारे ससुर जैक महोदय और तुम्हारे साले साहब जनाब फ्रेंक यह जानने के इच्छुक हैं कि तुम दोनों के बीच ऐसी क्या बात हुई थी कि डेबी को मायके लौटना पड़ा।’

‘उन्होंने अपनी बेटी से ही पूछ लिया होता।’

उसने अपने बाप और भाई को कोई जवाब नहीं दिया और मैंने उससे पूछने की कोई परवाह ही नहीं की। तुम ही बता दो कि क्या बात हुई थी?’

‘कोई बात हुई हो तो बताऊं, बिली। डेबी यह चाहती है कि मैं अपना काम छोड़ चौबीसों घंटे उसके इर्द-गिर्द मंडराता रहूं। यह भला कैसे हो सकता है। यहां से जाने से पहले भी उसने मुझ पर आरोप लगाया था कि मैं उसकी उपेक्षा करता हूं। उसे अपने अलावा और कुछ सूझता ही नहीं। जब मैंने डेबी को यह बताया था कि मैं बाल-बाल बचा हूं, तो उसने इतनी मुरव्वत भी नहीं की कि मुझसे झूठे मुंह भी पूछ लेती कि मुझे कहीं चोट तो नहीं आई। उसे तो बस हरदम अपनी ही पड़ी रहती है।’

‘डेबी सर्वथा स्वार्थी है। इसमें कोई सन्देह नहीं। मैं तो कई बार उसके मुंह पर कह देता हूं कि तुम एक स्वार्थी व्यक्ति हो।’

‘किसी के स्वभाव को कौन बदल सकता है, बिली।’

‘वह तो ठीक है, पर यदि तुम चाहो, तो मैं डेबी से बात करके देखता हूं।’

‘बिल्कुल नहीं, बिली। तुम डेबी के मामले में कोई दखल मत दो और अपने चाचा एवं चचेरे भाई को भी यही परामर्श दो कि डेबी को उसके हाल पर छोड़ दें।’

‘मैंने तो पहले भी उनको यही सलाह दी थी। अब तुम्हारी ओर से भी कह दूंगा।’

तत्पश्चात मैं एवं बिली बिजनेस सम्बन्धित बातें करते रहे थे‒बिली भी हाल की घटनाओं से बहुत चिन्तित था।

‘यार, टॉम कुछ करो….कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता कि बाहामा द्वीप के बारे में कोई बुरा समाचार अखबारों में छपता हो और जैक चाचा तो समाचार पढ़ते ही आकाश सर पर उठा लेता है। वह शुरू से ही बाहामा में सरमाया लगाने के हक में नहीं था…और इन हाल की घटनाओं से तो उसे बहाना मिल गया है कि हमने अपना सरमाया जान-बूझकर बर्बाद किया है।’

मैंने बिली से कहा‒‘मेरे होटलों से तो जैक का कोई सम्बन्ध नहीं। तुम मुझे यह बताओ कि हमारे संयुक्त बिजनेस यानी थीटा कारपोरेशन में जैक का कितना सरमाया लगा हुआ है?’

‘थीटा कारपोरेशन में जैक का अपना निजी सरमाया तो एक पैसा नहीं लगा हुआ, पर यह है कि ‘थीटा कारपोरेशन’ का 80 प्रतिशत स्वामित्व चार्ल्स कारपोरेशन के अधिकार में है…चार्ल्स कारपोरेशन एक पब्लिक लिमिटेड कम्पनी है…और जैक कम्पनी के शेयरधारियों को प्रभावित करके यह प्रस्ताव पारित करा सकता है कि थीटा कारपोरेशन चूंकि एक वित्तीय जोखिम सिद्ध हो रही है, अतः उसमें चार्ल्स कारपोरेशन का लगा हुआ सरमाया वापस ले लिया जाए।’

मैंने बिली से कहा‒‘जैक ने यदि ऐसा कोई कदम उठाया तो मेरा दिवाला निकल जाएगा।’

‘तभी तो मैंने तुमसे कहा कि कुछ ऐसा करो कि स्थिति काबू में आ जाए तथा बाहामा के बारे में बुरे समाचार छपने बन्द हो जाएं।’

‘बिली, तुम ही बताओ कि मैं दैवी विपत्तियों की कैसे रोकथाम कर सकता हूं और बाहामा द्वीप पर अगर कोई विपदा पड़ेगी, तो समाचार पत्रों वाले तो ऐसे समाचार छापेंगे ही। दैवी विपदायें तो मेरे वश से बाहर हैं।’

‘तुम स्वयं ही सोचो और बताओ कि मैं क्या करूं?’

‘ईश्वर से प्रार्थना करो।’

मैं पहले ही विपत्तियों से घिरा हुआ था कि अब जैक चार्ल्स मेरे पीछे पड़ गया था।

न जाने मेरे साथ और क्या-क्या होने वाला था।

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