पेड़ की घनी छांव में बैठा जौनी वियान्डा मन ही मन में उन मच्छरों को कोस रहा था जो जगह-जगह उसे काट रहे थे। उसने टोनी को डैक पर और फिर मोटरबोट में बैठते देख लिया था।
जब टोनी हाउस बोट से निकलकर बोट में बैठ गया और बोट वापिस लौट गई तो वह तेजी से चलकर हाउस बोट में आ गया। फ्रैडा किचन में पेस्ट्री बना रही थी। टोनी से हुई समस्त बातें बताने के बाद वह बोली – ‘मैं उसे विश्वास दिला देने में सफल हो गई हूं।’
जौनी ने निश्चिंतता की सांस ली – यदि टोनी को इस कहानी पर विश्वास आ गया तो निश्चित ही मसीनो भी यकीन कर लेगा और उसकी खोजबीन की सरगर्मी लगभग समाप्त हो जाएगी। मसीनो जानता था कि एक बार हवाना पहुंच जाने के बाद वह उसकी पहुंच से बहुत दूर हो जाएगा।
‘मैंने उसे बताया था।’ फ्रैडा बोली – ‘कि तुम्हारे पास एक भारी सूटकेस भी था। क्यों, ठीक किया था न मैंने।’
मगर जो कुछ उसने जौनी को बचाने के लिए किया था या जिस होशियारी से उसने टोनी को यकीन दिलाया था, उसके विषय में यह सोचकर जौनी एक घंटे के उस समय को याद करके खीझ रहा था जो फ्रैडा ने टोनी के साथ गुजारा था। अतः उसने कड़वे स्वर में पूछा -‘उसका साथ मनोरंजक रहा था न?’
‘हां!’
जौनी के दिल में आया कि उसके मुंह पर एक जोर का थप्पड़ जमा दे, किन्तु स्वयं पर काबू पाकर चुभती हुई आवाज में बोला -‘तुम सिर्फ एक रंडी हो और कुछ नहीं।
उसने कोई जवाब नहीं दिया।
‘बोलो। हो या नहीं?’
‘हां।’ फ्रैडा उसकी ओर पलटकर बोली, ‘एड से शादी करने से पहले मैं एक मशहूर कॉलगर्ल थी। एड इस बात को जानता था और अब तुम भी जान गये हो।’ उस पर नजरें डाले बगैर फ्रैडा ने हाथ धोये और उसके बराबर से गुजरती हुई लिविंग रूम में आ गई। पराजित-सा जौनी भी उसके पीछे चल दिया।
‘मुझे अफसोस है।’ विचलित स्वर में वह बोला -‘मुझे जो कुछ नहीं कहना चाहिए था वह तुमसे कह गया। तुमने जो कुछ मेरे लिए किया, उसके लिए मैं सचमुच तुम्हारा शुक्रगुजार हूं।’
वह बैठ गई और शांत स्वर में बोली – ‘मेरे लिए वह आदमी उन व्यक्तियों से अलग नहीं था जो मेरे शरीर को कीमत चुकाकर हासिल किया करते थे। जब वह शारीरिक संसर्ग की अपनी घिनौनी वासना की प्यास बुझा रहा था, तो यकीन करो, मैं तुम्हारे ही बारे में सोच रही थी। सिर्फ तुम्हीं एकमात्र वह व्यक्ति हो जौनी, जिसने मुझे शारीरिक सुख प्रदान किया है।’ उसने अपने कंधों को झटका दिया – ‘अगर तुम इस मूर्खतापूर्ण ईर्ष्या की बजाय, यह सोचो कि मैं ऐसा करने पर मजबूर थी तो अधिक उपयुक्त होगा। मैंने उसे यहां बुलाया था, यह विश्वास दिलाने के लिए कि तुम यहां से जा चुके हो और क्यूबा पहुंचना चाहते हो। उस स्थिति में अगर मैं स्वयं को बचाने का प्रयास करती तो क्या उसे विश्वास आ जाता। अब तुम बिल्कुल सुरक्षित हो, यह क्यों नहीं समझते?’
जौनी ने आगे बढ़कर उसे अपनी बांहों के घेरे में ले लिया। खेद भरे स्वर में वह बोला -‘मुझे अफसोस है बेबी, वाकई में तुम लाजवाब हो।’
‘अब इसे भूल जाओ।’ फ्रैडा ने उसे मीठी झिड़की दी और उठकर खिड़की द्वारा झील की ओर देखने लगी-‘अब यह जरूरी हो गया है कि तुम पर किसी की नजर न पड़े। सुनो जौनी, क्या हम कल ही यहां से कूच नहीं कर सकते?’
जौनी ने इंकार में सिर हिलाया – ‘नहीं, अभी नहीं’ हालांकि तुमने बड़ी कुशलता से परिस्थिति को सुलझाने की कोशिश की है और इससे पहले के मुकाबले हम सुरक्षित तो हो गये, पर साथ ही पेचीदगी भी बढ़ गई है।’
‘क्या मतलब?’ फ्रैडा ने पूछा।
‘मतलब यह कि यदि हम कल ही चल देते हैं तो एड हमारे विषय में पूछताछ अवश्य करेगा। वह साल्वेडर से भी इस बारे में पूछताछ करेगा और टोनी से बोला गया तुम्हारा झूठ पकड़ में आ जायेगा। फिर पूरे जोर-शोर से तलाश जारी हो जाएगी। न सिर्फ मेरी ही, बल्कि तुम्हारी भी। इसलिए अगले चार दिनों की प्रतीक्षा तो हमें करनी ही पड़ेगी।’
उसने निराश भाव से अपने हाथ मले। फिर झल्लाहट भरे स्वर में बोली -‘प्रतीक्षा-प्रतीक्षा-आज तक यही तो करती आई हूं मैं।’
तभी ट्रक की आवाज उन्हें सुनाई पड़ी – फ्रैडा तेजी से किचन में पहुंच गई। जौनी ने सोचा -शायद स्काट वापस आ रहा है।
दौलत आई मौत लाई भाग-31 दिनांक 18 Mar.2022 समय 08:00 बजे रात प्रकाशित होगा