Daulat Aai Maut Lai Hindi Novel | Grehlakshmi
daulat aai maut lai by james hadley chase दौलत आई मौत लाई (The World is in My Pocket)

उस समय ग्यारह बजकर पन्द्रह मिनट का समय था जब एक ऐयर टैक्सी न्यू साइमारा के एयरपोर्ट पर आकर खड़ी हुई।

टोनी केपिला एयर टैक्सी से बाहर निकला और एक दूसरी टैक्सी की ओर बढ़ गया। दस मिनट में ही टैक्सी कार ने उसे वाटर फ्रंट बार में पहुंचा दिया। उस भव्य और विशाल इमारत में प्रवेश करते समय टोनी को झिझक-सी महसूस हुई।

सफेद जैकेट और लाल पेंट पहने एक इटैलियन ने उसे टोका – ‘क्या चाहिए तुम्हें?’

उसके लहजे में हिकारत का भाव महसूस करके टोनी का खून खौलने लगा।

दौलत आई मौत लाई नॉवेल भाग एक से बढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- भाग-1

‘सुअर की औलाद।’ वह गरजा, ‘मुझे फौरन ल्यूगी के पास पहुंचा दो।’

आश्चर्य से वेटर की आंखें चौड़ी हो गईं। हडबड़ाये स्वर में बोला – ‘सीनोर मोरो तो अभी व्यस्त है।’

‘उससे कहो मसीनो आया है। वह मेरा ही इंतजार कर रहा होगा, टोनी ने रौब मारते हुए कहा।

वेटर की आंखों से नफरत के भाव विलुप्त हो गये – आदरपूर्ण स्वर में वह बोला – ‘माफ कीजिये सर। बार के पीछे से चले जाइए। पहला दरवाजा उन्हीं के कमरे का है।’

‘ल्यूगी मोरो, बिलियर्ड टेबल जैसे विशाल डेस्क के पीछे बैठा हुआ था। वह पैड पर कुछ लिख रहा था। टोनी को देखकर उसने सिर हिलाया और अपनी कुर्सी पर सीधा होकर बैठ गया।

ल्यूगी मोरो बहुत ही मोटा आदमी था। नाक थोड़ी पिचकी हुई थी और उसकी आंखें किसी मरी हुई मछली जैसी सूनी और निर्जीव थीं।

‘बैठो-लो सिगार पियो।’ हवाना सिगारों का बॉक्स उसकी ओर खिसकाता हुआ वह बोला।

टोनी सिगार नहीं पीता था। वह खामोशी से कुर्सी पर बैठ गया। मोरो के विषय में उसने लोगों से सुना था कि इस आदमी की जबरन इज्जत करनी पड़ती है वरना वह किसी मुसीबत का शिकार हो सकते थे।

‘हमें अभी तक सौ से भी ज्यादा सूचनाएं प्राप्त हो चुकी हैं।’ मोरो बोला -‘मगर इस सूचना में ज्यादा सत्यता दिखाई पड़ती है। मेरे आदमी विभिन्न जगहों पर सूचनाओं की पुष्टि करते फिर रहे हैं। इसलिए मेरे विचार से तुम अकेले ही लिटिल क्रीक जाकर एक नजर देख आओ। हो सकता है यह सूचना गलत हो। इस सूरत में मेरे आदमियों को व्यर्थ ही वह काम छोड़ना पड़ेगा जो वह कर रहे हैं। तुम जाकर देख आओ और हमें सूचित कर देना। यदि वह सूचना सही निकली तो हम उसे वहां जाकर दबोच लेंगे।’

डर की एक तेज लहर टोनी को अपनी रीढ़ की हड्डी से गुजरती महसूस हुई।

‘आप अपना कोई आदमी क्यों नहीं भेज देते मेरे साथ? उसने कहा।

मोरो ने उसे घूरा। फिर अपने सिगार की राख को ऐश-ट्रे में झाड़ता हुआ बोला – ‘मैंने तुम्हें बताया तो है कि मेरे आदमी व्यस्त हैं।’

‘परन्तु…’

‘तुम मसीनो के सबसे तेज गनमैन हो। हो न?’ मोरो ने उसकी बात काटते हुए पूछा।

‘हां।’

‘फिर तो तुम उसे आसानी से संभाल लोगे – उसने अपने डेस्क का एक बटन दबाया। मुश्किल से एक ही मिनट बाद एक जवान लम्बे बालों वाले इटैलियन ने कमरे में प्रवेश किया। ‘इसे लिटिल क्रीक ले जाओ लियो।’ वह युवक टोनी की ओर संकेत करता हुआ बोला -‘और उसे अब अच्छी तरह से समझा देना। साल्वेडर से भी इसका परिचय करा देना और उस बूढ़े से मेरा नमस्कार कहना भी मत भूलना।’

युवक ने घूरकर टोनी की ओर देखा और दरवाजे की ओर संकेत किया। टोनी उसके पीछे-पीछे दरवाजे से बाहर आ गया। खामोशी से चलते हुए दोनों इमारत के पिछले दरवाजे के निकट खड़ी लिंकन तक जा पहुंचे।

लियो ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और टोनी पीछे की सीट पर जा बैठा।

लियो ने ग्लोब कम्पार्टमेंट से शक्तिशाली लैंसों वाला वाइना क्यूलर

निकालकर उसे देते हुए कहा – ‘इसे रखो, ये तुम्हारे लिए हैं।’

आधा घंटे के बाद उनकी कार ब्रूनो के स्टोर के आगे पहुंचकर रुकी।

‘मेरा काम समाप्त हुआ’ लियो कार से उतरता हुआ बोला – ‘अब आगे तुम्हारा काम है जासूसी करके पता लगाओ कि यह वही आदमी है या कोई और है – अगर वही आदमी हुआ तो हमें सूचित कर देना। हम आकर पकड़ लेंगे उसे।’

लियो ने कार वापस मोड़ी और टोनी कुछ देर सड़क पर खड़ा कार को वापस जाते देखता रहा। फिर उसने अपना ध्यान स्टोर की ओर केन्द्रित किया।

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इस समय ग्यारह बजकर पैंतालीस मिनट हुए थे। स्टोर के सामने वाटर फ्रंट पर मामूली-सी चहल-पहल थी। कार से उतरते समय टोनी ने नोट किया था कि लोग उसे उत्सुकतापूर्वक देख रहे थे। अतः उसने वाइनाक्यूलर गले में लटकाया और स्टोर में प्रवेश कर गया।

साल्वेडर उस समय ग्राहकों को निबटाने में लगा हुआ था। जैसे ही उसने टोनी को देखा – उसने अपनी पत्नी को आवाज देकर पास बुला लिया। उसकी पत्नी ग्राहकों को निबटाने लगी और साल्वेडर टोनी को लेकर लिविंग रूम में चला आया।

‘तुम्हें ल्यूगी ने भेजा है?’ उसने टोनी से पूछा।

‘हां!’

साल्वेडर ने मेज की दराज खोलकर एक बड़ा-सा मानचित्र निकाला और उसे मेज पर फैलाता हुआ बोला – ‘हम यहां हैं और वह इस जगह पर है।’ पेंसिल से एक स्थान पर निशान बनाते हुए उसने कहा – ‘चाहो तो मेरी मोटरबोट ले जा सकते हो या फिर कार द्वारा झील पर चले जाओ।’

टोनी ने अपने माथे पर आए पसीने को कमीज की आस्तीन से पोंछा और बोला – ‘बोट ही ठीक रहेगी।’

वह जौनी के इतने नजदीक नहीं जाना चाहता था। यदि संदिग्ध व्यक्ति जौनी था तो…’

‘हां-झील में आमतौर पर काफी लोग मछलियां पकड़ते रहते हैं।’

साल्वेडर वाइनाक्यूलर पर नजरें जमाते हुए बोला -‘तुम भी उन्हीं में मिल जाओगे। किसी को तुम पर संदेह भी नहीं होगा। मछली पकड़ने का सामान भी मैं तुम्हें अपना दे दूंगा – समझ गये।’

‘ठीक है।’

एक घंटे के बाद टोनी साल्वेडर की छोटी-सी फिशिंग बोट में था। फिशिंग रॉड और वाइनाक्यूलर लापरवाही से पड़े हुए थे। साल्वेडर ने उसे गहरी नीली कमीज, लेविस का एक जोड़ा तथा बुश हैट दे दिया था और बोट के इंजन के विषय में भी सब-कुछ समझा दिया था।

‘रॉड को यहां डाल लेना।’ बोट की साइड में लगे क्लिप की ओर इशारा करते हुए उसने बताया था। ‘हाउस बोट के बिल्कुल नजदीक जाने की कोशिश मत कराना – अगर कोई मछेरा तुमसे पूछे तो कह देना तुम मेरे दोस्त हो – फिर वे तुमसे कुछ नहीं कहेंगे।’

झील के बीचो-बीच पहुंचकर टोनी ने बोट का इंजन बंद कर दिया। हाउस बोट से वह काफी दूर के फासले पर था। फिशिंग रॉड को क्लिप में फंसाकर उसने वाइनाक्यूलर हाउस बोट की ओर फोकस कर दिया।

लैंसों की पावर देखकर वह चकित रह गया। हाउस बोट इतना नजदीक दीख रहा था। जैसे वह हाथ बढ़ाकर उसे छू लेगा। डैक के छेद और रेलिंग पर लगा जंग तक साफ-साफ दिखाई पड़ रहे थे – परन्तु आदमी उसे कोई नहीं नजर आया। वह आराम से निगरानी करता रहा।

मोटरबोट स्थिर खड़ी रही।

यह महज एक इत्तफाक ही था।

दौलत आई मौत लाई भाग-27 दिनांक 14 Mar.2022 समय 08:00 बजे रात प्रकाशित होगा

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