World Water Day: ‘जल है तो जीवन है’ जल के बिना हमारा जीवित रहना नामुमकिन है। तो जीवित रहने के लिए जरूरी है हमें पानी के महत्व के बारे में पता हो। एक तरफ पानी को धड़ल्ले से बहाते रहना एक शोचनीय स्थिति है। वहीं दूसरी ओर ऐसे भी घर, गांव और कस्बे हैं जहां पानी को लेकर इतनी अधिक किल्लत है कि लोग अपना जीवन बेहद मुश्किल से व्यतीत कर रहे है। पानी की इस स्थिति के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 22 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ मनाया जाता है। साथ ही इस दिन को मनाने का लक्ष्य 2030 तक सभी तक स्वच्छ पानी पहुंचाना है।
World Water Day: विश्व जल दिवस का इतिहास
वर्ल्ड वाटर डे को मनाए जाने की पहल ब्राजील में 1992 में रियो दी जेनेरियो में आयोजित पर्यावरण और विकास सम्मेलन कार्यक्रम में की गई थी। 1992 में इसको मनाए जाने का विचार हुआ और फिर पहली बार 1993 को ये दिवस मनाया गया। फिर इसके बाद हर साल जल संरक्षण और उसके महत्व को समझने के लिए 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाए जाने लगा।
जल का महत्व
हमारी पृथ्वी पर 71 प्रतिशत पानी है जबकि उसमें से 3 प्रतिशत भाग ही पीने योग्य है। बदलते वक़्त के साथ हमारी नदियां, तालाब और झील सूख रही है। 10 साल पहले जहां पानी 50 फुट पर निकल जाता था लेकिन आज 80 फुट पर भी साफ पानी नहीं मिलता है। आज हर किसी को जल का महत्व समझना चाहिए। अगर आज हम जल का महत्व नहीं समझ पाएंगे तो कल हमें इसके लिए पछतावा होगा। जिसका शायद कोई फायदा न हो।
विश्व जल दिवस पर पानी से जुड़े मुददे

- विश्व जल दिवस के दिन ऐसे मुददों को रखा जाता है जो जल की दिक्कतों से सम्बन्धित है। और आपके जीवन के लिए बेहद महत्वपर्ण है।
- पानी से जुड़े पहलू जैसे जल प्रदूषण, पानी की कमी का होना, अपर्याप्त जल आपूर्ति, स्वच्छता की कमी और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव शामिल है। क्योंकि यदि पानी के इन सभी पहलूओं पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो आने वाले समय में और दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
- अगर देखा जाए तो पृथ्वी का 71 प्रतिषत भाग जल से ढका हुआ है शेष भाग मानव, जीव जंतु और मैदानों का है। सभी का जीवन जल से है, बिना जल के जीवन की कल्पना व्यर्थ है। हर किसी को पानी की आवश्यकता है। ऐसे में जरूरी है कि हम वक़्त रहते पानी के महत्व को समझें।
- घर हो या बाहर, हर जगह बिना पानी के कुछ नहीं है। लेकिन लोग व्यर्थ में पानी बहाते है। उन्हें समझना होगा कि पानी हमारे लिए कितना महत्व रखता है।
- शुद्ध जल की अनुपब्धता और पानी से संबंधित ढेरों समस्याओं के बावजूद देश की बड़ी आबादी इसे समझना नहीं चाहती है। जहां लोगों को मुश्किलों से पानी मिलता है वे इसके महत्व को जानते है लेकिन जिन्हें आसानी से पानी मिल रहा है। वे बेपरवाह नजर आते हैं।
- पानी में एक बड़ी समस्या ये देखी जाती है कि पानी शुद्ध नहीं है जिससे पीने पर बिमारियां घर कर लेती है। पानी को दूषित करने की वजह भी हम ही हैं। पानी के दूषित होने से वर्तमान में करीब 1600 जलीय प्रजातियां जल प्रदूषण के कारण लुप्त होने के कगार पर हैं, जबकि विश्व में करीब 1.10 अरब लोग दूषित पेयजल पीने को मजबूर हैं और साफ पानी के बगैर अपना गुजारा कर रहे हैं।