लंबे समय के बाद जीवन अब पटरी पर लौटने लगा है। पिछले साल कोरोना ने दीवाली का रंग ही फीका कर दिया था। लेकिन इस साल बाजारों में एक बार फिर से रौनक लौट आई है और इसलिए, इस बार लोग एक बार फिर हर्षोल्लास से साल का सबसे बड़ा त्योहार मनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। वैसे जब बात दीवाली सेलिब्रेशन की हो तो उसकी शुरूआत होती है धनतेरस के साथ। इसे दिवाली त्योहार के पांच दिनों की शुरुआत माना जाता है। इस दिन यूं तो धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी और धन्वंतरि की पूजा की जाती है, लेकिन त्योहार का असली आनंद शॉपिंग में आता है।
धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में सोना, चांदी, तांबा, पीतल आदि के बर्तन खरीदने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि अगर शुभ मुहूर्त में खरीददारी और पूजा की जाए तो इससे ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और उचित फल मिलता है। इस बार धनतेरस दो नवम्बर को है, तो ऐसे में आप भी इस बार धनतेरस पर कुछ खास व अलग खरीद सकती हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे में-
धनतेरस पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
यह तो हम सभी को पता है कि धनतेरस पर शुभ मुहूर्त पर ही पूजन और सोना खरीदना चाहिए। हर साल यह मुहूर्त अलग होता है। वहीं, अगर धनतेरस 2021 की बात की जाए तो धनतेरस पूजा मुहूर्त- 18:22 से 20:09 बीच का है। वहीं धनतेरस पर सोना खरीदने का शुभ समय 2 नवंबर, को शाम 7:10 बजे से रात 8:44 बजे तक है। तो ऐसे में आप इस समय सोना खरीदने के लिए जा सकते हैं।
धनतेरस पर क्यों करते हैं दीपदान
धनतेरस के दिन शाम के समय दीपक जलाने की परंपरा है, जिसे यमदीपदान के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के देवता के नाम पर मिट्टी का दीपक शाम के समय जलाने से यमदेव की कृपा बनी रहती है। हालांकि, इससे जुड़ी भी एक पौराणिक कथा है। कहते हैं कि राजा हिम के बेटे को यह श्राप था कि अपनी शादी के चौथे दिन ही वह काल के गाल में समा जाएगा। चूंकि विवाह के दौरान राजकुमार की पत्नी को इस बात की जानकारी थी और उन्होंने अपने पति की जान बचाने के लिए एक युक्ति सोच ली थी।
पति से शादी के चौथे दिन उसने उन्हें जगे रहने के लिए कहा। कहीं पति की आंख ना लग जाए, इसके लिए वह लगातार गीत-कहानियां सुनाती रही। इतना ही नहीं, राजकुमारी ने दरवाजे पर बहुत अधिक सोने-चांदी और अन्य बहुमूल्य वस्तुएं भी रख दीं। साथ ही साथ उन्होंने घर के आसपास दीपक भी जलाएं।
इस तरह, जब यम सांप के रूप में राजा हिम के बेटे की जान लेने के लिए आए, तो गहनों और दीपक की चमक से अंधे हो गए। इस तरह, वह घर में प्रवेश नहीं कर सके। ऐसे में वह गहनों के ढेर पर बैठे गए और राजकुमारी द्वारा सुनाए जाने वाले गीतों को सुनते रहे। इसी तरह, सुबह हो गई। ऐसे में यमराज राजकुमार की जान लिए बिना ही चले गए, क्योंकि राजकुमार के मृत्यु की घड़ी बीत चुकी थी।
धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं सोना-चांदी
धनतेरस के दिन सोना व चांदी खरीदना बेहद ही शुभ माना जाता है। इससे जुड़ी पौराणिक कथा भी है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान धन्वंतरि भी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। चूंकि, भगवान धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश था, इसलिए इस दिन सोना-चांदी व बर्तन खरीदने की परंपरा है। बता दें कि इस समय सोने का भाव करीबन 49000 रूपए के आसपास है तो ऐसे में आपके लिए अगर सोना खरीदना थोड़ा मुश्किल है तो आप चांदी की चीज या फिर बर्तन भी खरीद सकते हैं।
धनतेरस पर खरीद सकते हैं यह चीज भी
- धरतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी काफी अच्छा माना जाता है। दरअसल, पुराणों में झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है। ऐसे में अगर धनतेरस के दिन झाड़ू को खरीदा जाए तो इससे घर में दरिद्रता और आर्थिक संकट दूर होता है। कहते हैं कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से कर्ज से भी मुक्ति मिल जाती है।
- धनिए के बीज काफी सस्ते होते हैं और इसलिए अगर आप कोरोना के कारण पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं तो ऐसे में धनिये के बीज खरीद सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा के समय मां लक्ष्मी को धनिये के बीज अर्पित करने चाहिए और फिर उन बीजों को मां के आशीर्वाद के रूप में तिजोरी में रखें। ऐसा करने से धन-धान्य में बरकत होती है।
- वहीं, धनतेरस के दिन आप अपने व्यवसाय से संबंधित कोई सामान भी खरीद सकते हैं। कहा जाता है कि इस दिन इनकी पूजा करने से अच्छा फल प्राप्त होता है।
- अगर आप नया फोन या लैपटॉप खरीदना चाहते हैं तो ऐसे में आप धनतेरस के दिन इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स खरीद सकते हैं। इस दिन इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स खरीदना काफी शुभ होता है। आप मोबाइल फोन से लेकर घर का अन्य जरूरी सामान जैसे फ्रिज या ओवन इत्यादि खरीद उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
- धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन भी खरीदे जा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन्हें घर की पूर्व दिशा में रखने से लाभ प्राप्त होता है। जो लोग इस खास दिन सोना-चांदी नहीं खरीद सकते हैं, वह पीतल के बर्तन अवश्य खरीदें।