Summary: खरमास में क्यों नहीं होते शुभ काम? जानें कारण और किन कार्यों की होती है मनाही
खरमास के दौरान सूर्य की धीमी गति और गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति के कारण विवाह, गृह प्रवेश और नए कार्य शुरू करना वर्जित होता है। इस माह में केवल भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा का महत्व होता है।
Auspicious works not done in Kharmas 2025: हिन्दू धर्म में जिस तरह से शुभ महीना और शुभ मुहूर्त का खास महत्व होता है, ठीक इसी तरह से इसमें खरमास महीने की भी अपनी विशेषता है। दरअसल खरमास के महीने में जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु और भगवान सूर्य देव की पूजा करने की मान्यता है। लेकिन इस महीने में धार्मिक और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर खरमास के महीने में शुभ और मांगलिक काम क्यों नहीं किए जाते हैं? आइए जानते हैं विस्तार से।
क्या होता है खरमास?

खरमास दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें खर शब्द संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है गधा और मास का अर्थ है महीना। खरमास के बारे में ऐसा माना जाता है कि एक बार जब भगवान सूर्य देव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे, तब उन्हें कहीं भी रुकने की अनुमति नहीं थी। अगर वे कहीं रुक जाते तो उसी दिन पृथ्वी की सारी गतिविधियां बंद हो जातीं। कुछ समय के बाद आराम ना मिलने के कारण रथ से जुड़े सातों घोड़ों को प्यास लग गई और वे थक गए। यह दृश्य देखकर सूर्य देव ने तनाव में आकर रथ को नदी के तट पर खड़ा कर दिया ताकि घोड़े पानी पीकर अपनी प्यास बुझा सकें और उन्हें थोड़ा आराम मिल सके।
लेकिन अचानक, सूर्य देव को ध्यान आया कि अगर उन्होंने अपना रथ रोका तो पृथ्वी की सभी गतिविधियां बंद हो जाएंगी। तभी सूर्य देव की नजर तालाब के किनारे दो गधों (खर) पर पड़ी। तब उन्होंने सब घोड़ों को पानी पीने और आराम करने के लिए छोड़ दिया और उन दोनों गधों को अपने रथ से जोड़ लिया, ताकि वे रुके नहीं। लेकिन, गधों से रथ की रफ़्तार धीमी हो गई और एक महीने का चक्कर किसी तरह से पूरा हुआ और घोड़ों को भी आराम मिल गया। अब, फिर सूर्य देव ने अपने रथ के साथ घोड़ों को जोड़ा और परिक्रमा शुरू की। पूरे साल ऐसा ही चलता रहा और एक सौर मास यानी खरमास हर सौर वर्ष में एक बार आता है।
खरमास में क्यों नहीं होते हैं शुभ काम

खरमास के महीने में शुभ काम इसलिए नहीं किए जाते हैं क्योंकि इसमें भगवान सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में एक महीने बाद स्थान परिवर्तन करते हैं, जिस दिन सूर्य देव मीन राशि में आते हैं, उसी दिन से खरमास शुरू हो जाता है। ऐसे में सूर्य देव के मीन या धनु राशि में मौजूद रहने से गुरु ग्रह की शक्तियां कम हो जाती हैं। गुरु ग्रह को भाग्य के कारक में रूप माना जाता है, इसलिए खरमास में शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं।
खरमास के दौरान किन चीजों को करने की मनाही होती है

- शादी-ब्याह के रिश्ते की बातचीत
- नए घर का गृह प्रवेश और भूमि पूजन
- बच्चे का मुंडन और तिलकोत्सव
- जनेऊ संस्कार करने की मनाही होती है
- कोई भी नया काम शुरू करने की मनाही होती है
