Covid Alert 2025: एक बार फिर से कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। आइए जानते हैं कि कोराना का यह नया वैरिएंट कितना खतरनाक है और क्या इसकी वजह से एक बार फिर से देश में लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ेगी?
‘कोरोना वायरस’ का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में साल 2020 से 2021 का वो खौफनाक मंजर याद आने लगता है, जब इसने चारों तरफ तबाही मचा रही थी। यह वायरस इतना ज्यादा खतरनाक है कि चले जाने के बाद भी थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर अपना रूप बदलकर एक नए वैरिएंट के रूप में हमारे सामने आ जाता है। हर बार की तरह एक बार फिर से कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है और इस बार इसका नया वैरिएंट जेएन-1 है। आइए कोरोना के जेएन-1 वैरिएंट के बारे में और ज्यादा विस्तार से जानते हैं कि यह क्या है व कितना खतरनाक है? और इससे बचाव के लिए क्या-क्या करने की आवश्यकता है।
किन देशों में तेजी से फैल रहा है कोरोना का जेएन-1 वैरिएंट
कोरोना जेएन-1 वैरिएंट सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड में काफी तेजी से फैल रहा है। यहां हर दिन इसके कई नए मामले सामने आ रहे हैं और अब इसने इन देशों के साथ साथ भारत में भी दस्तक दे दी है। भारत में फिर से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में कोरोना के नये मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं। अब तक मुंबई के केईएम हॉस्पिटल में दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत होने के बाद शहर में कोरोना के प्रति सतर्कता काफी ज्यादा बढ़ा दी गई है और स्वास्थ्य विभाग भी अपनी तरफ से अलर्ट मोड़ पर आ गया है।
कोरोना जेएन-1 वैरिएंट क्या है
कोरोना का जेएन-1 वैरिएंट, ओमिक्रोन का ही एक नया वैरिएंट है और उसके सब-वेरिएंट्स एलएफ-7 और एनबी 1.8 को इस बार वायरस संक्रमण के लिए जिमेदार माना जा रहा है। जेएन-1 वैरिएंट ओमिक्रॉन बीए-2.86 वंश के परिवार का वायरस है। इस वैरिएंट की पहली बार पहचान अगस्त 2023 में की गई थी। इसमें तकरीबन 30 यूटेशन हैं। ये एडिशनल वन और टू यूटेशनन्स के जरिए बहुत ही आसानी से फैलने की क्षमता रखता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर एक-दूसरे में सांस, आंख, नाक और मुंह के द्वारा शरीर में बहुत ही आसानी से प्रवेश करता है।
कितना खतरनाक है कोरोना का जेएन-1 वैरिएंट
कोरोना का भयानक रूप तो हम सभी ने देखा है, लेकिन क्या इसका यह नया वैरिएंट जेएन-1 भी पहले जितना ही भयानक है। इस बारे में सर्वोदय अस्पताल के पल्मोनोलॉजी की एसोसिएट डायरेक्टर और हेड डॉ. मनीषा मेंदीरत्ता का कहना है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट जेएन-1
कितना खतरनाक है, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है। अभी तक ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि ये वैरिएंट पहले से भी ज्यादा खतरनाक है। यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है, फिलहाल इससे बचने का एक ही उपाय है कि मास्क का इस्तेमाल
किया जाए और अपने हाथों को साबुन और हैंडवॉश से समय-समय पर अच्छे से धोया जाए। अभी लोगों को जेएन-1 वैरिएंट से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य ही करना चाहिए। साथ ही कमजोर इयूनिटी वाले लोगों को थोड़ा संभलकर रहने की भी जरूरत है क्योंकि वे इसकी चपेट में बहुत जल्दी आ जाते हैं।
क्या है कोरोना के जेएन-1 वैरिएंट के लक्षण
1.गले में खराश होना व खांसी आना
2.नींद नहीं आना
3.एंग्जाइटी का अनुभव होना
4.नाक बहना
5.सिर में दर्द, कमजोरी व थकान महसूस होना
6.मांसपेशियों में दर्द होना
7.बुखार का अनुभव होना
कोरोना के जेएन-1 वैरिएंट से बचाव के लिए क्या-क्या करें

1.कोरोना के नये वैरिएंट से बचाव के लिए बहुत ज्यादा भीड़ वाले इलाके में जाने से बचें। अगर आप जाते भी हैं तो मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
2.सर्दी-खांसी व लू के लक्षण को अनदेखा ना करें, बल्कि तुरंत अस्पताल जाएं और खुद को आईसोलेट करें, ताकि आपकी वजह से यह दूसरे लोगों में भी ना
फैले।
3.अपने हाथों को अच्छे से बार-बार साबुन व हैंडवॉश से धोते रहें।
4.खांसी व छींक आने पर अपने मुंह और नाक को रुमाल या फिर टिशू पेपर से जरूर ढकें। साथ ही इस्तेमाल के बाद टिशू पेपर कभी भी खुले में नहीं फेंकें इसे अच्छे से रैप करके डस्टबिन में फेंके।
5.बाहर से घर के अंदर आने के बाद व कुछ भी चीजें छूने के बाद व पहले अपने
हाथों को सैनिटाइज करना ना भूलें।
बूस्टर डोज ले चुके लोगों पर कितना असरदार है कोरोना जेएन-1 वैरिएंट

डॉ. मनीषा मेंदीरत्ता के अनुसार कोरोना वैक्सीन लगभग हर किसी ने ले ली थीए इसके बाद कुछ लोगों ने बूस्टर डोज भी लगवाई हैं। लेकिन कोरोना के इस नए वैरिएंट का खतरा सभी के ऊपर है, क्योंकि जिन लोगों ने भी बूस्टर डोज लिया था उनकी इयुनिटी अब कम हो गई है इसलिए उन पर
जेएन-1 वैरिएंट का असर उतना ही होगा, जितना सामान्य लोगों पर होगा।
क्या इस दौरान ट्रेवल करना सही है
भारत और अन्य एशियाई देशों में बढ़ते कोविड के मामलों के चलते आपको बिना वजह के ट्रेवल करने से बचना चाहिए। खासकर अभी थाइलैंड और सिंगापुर जैसे देश में जाने से पहले एक बार जरूर सोचना चाहिए। अभी हाल ही में बिग बॉस-18 में नजर आ चुकीं बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा
शिरोडकर और आईपीएल हैदराबाद टीम के बल्लेबाज ट्रेविस हेड भी ट्रेवल करने के कारण कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इसलिए आप कोशिश करें कि ट्रेवल करने से बचें क्योंकि आप बिना ट्रेवल किए खुद को आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं।
इन जरूरी बातों का खास ध्यान रखें

1.संक्रमण होने पर पैनिक ना करें और ना ही घबराएं
2.सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करें- बेवजह यात्रा करने से बचें
3.कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने पर कोविड टेस्ट जरूर करवाएं कद्यकिसी भी अफवाह पर विश्वास ना करें।
5.सतर्क रहें और खुद को सुरक्षित रखें।
6.अपनी इ यूनिटी को मजबूत बनाने पर ध्यान दें।
7.अगर लू जैसे लक्षण दिखें तो बिना देर किए हुए टेस्ट कराएं।
8.बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग विशेष सावधानी बरतें।
(लेख डॉ. मनीषा मेंदीरत्ता, सर्वोदय अस्पताल फरीदाबाद में एसोसिएट डायरेक्टर और प्रमुख-पल्मोनोलॉजी से बातचीत पर आधारित है।)

“कोरोना के नये वैरिएंट से बचाव के लिए बहुत ज्यादा भीड़ वाले इलाके में जाने से बचें। अगर आप जाते भी हैं तो मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।”
