Covid Myth : कोरोना वायरस से संबंधित मिथ ने देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी दहशत इस कदर फैला रखी है, कि लोग घरों से बाहर निकलने में भी हिचकते हैं और बाकी कसर हमारा सोशल मीडिया पूरी कर रहा है। लोग अफवाहों पर भरोसा कर अपनी मुश्किलों को और भी ज्यादा बढ़ा रहे हैं। देखा जाए तो कोरोना से जुड़ी सामान्य लक्षणों के बारे में सभी को पता है। लेकिन इंटरनेट इन लक्षणों को और भी ज्यादा डरावना बना रहे हैं। आज का हमारा ये लेख खास इसी विषय पर आधारित है, जहां हम आपको कोरोना वायरस से संबंधित मिथ बताएं, जिस पर आपको बिल्कुल भी विश्वास नहीं करना है।
पहला कोरोना वायरस से संबंधित मिथ

इंटरनेट का कहना है कि, कोरोना किसी मौसमी फ्लू की तरह है। जो ज्यादा खतरनाक नहीं होता। ये कुछ हद तक सही भी है। लेकिन इससे मौतों का आंकड़ा ज्यादा है। जहाँ नॉर्मल फ्लू से 10 में से एक की मौत होती है तो वहीं कोरोना से 10 में तीन की मौत हो रही है। इसकी गम्भीरता को समझना जरूरी है।
दूसरा कोरोना वायरस से संबंधित मिथ

कहा जा रहा है कि, कोरोना से केवल बड़ों को नुकसान है, और बच्चे सुरक्षित हैं। ये बिलकुल गलत है। उम्र कोई भी हो कोरोना सभी को अपनी चपेट में ले रहा है। लेकिन जिन्हें सांस की समस्या है या इम्यूनिटी कमजोर है वो जल्दी संक्रमित हो रहे हैं।
तीसरा कोरोना वायरस से संबंधित मिथ

शुरू से ही मास्क पहनने की नसीहत हम सबको मिल रही है। लोग अकेले में भी मास्क पहने रहते हैं। यहां हमारी सलाह है कि आप खासतौर पर तब तो जरूर मास्क पहनें जब आप किसी से बात कर रहे हों।
चौथा कोरोना वायरस से संबंधित मिथ

कहा जाता है कि, आप 10 मिनट के अंदर संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन यहां हम आपको बता दें कि, अगर आप एहतियात बरतें तो कोरोना से दूर रहेंगे। इसके लिए साफ सफाई का ख्याल रखें। संक्रमित से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाकर रखें। साथ ही अपने हाथ को बार-बार धोते रहें। आप सुरक्षित रहेंगे।
कोरोना वायरस से संबंधित पांचवा मिथ

कहना ये भी है कि, घरेलू नुस्खों से कोरोना का संक्रमण ठीक किया जा सकता है। तो आपको जानकारी के लिए बता दें कि घरेलू उपचार हेल्थ के लिए तो फायदेमंद होते हैं, लेकिन इनका सेवन ना तो आपको संक्रमण से ठीक करेगा और ना ही उससे बचाएगा।
छठा कोरोना वायरस से संबंधित मिथ

इंटरनेट में बताया जाता है कि गर्मी के सीजन में कोरोना वायरस मर जाता है। इस बारे में विशेषज्ञों की माने तो, नये वायरस की जानकारी को लेकर कुछ भी कहना मुश्किल हैं। इस बात की भी कोई पुष्टि नहीं है कि, गर्मी में ये मर जाते हैं। क्योंकि बढ़ते समय के साथ कोरोना का रूप भी बदल रहा है।
कोरोना वायरस से संबंधित सातवां मिथ

ऐसा सोशल मिडिया पर दावा किया जाता है कि, निमोनिया के टीके आपको संक्रमण से बचाकर रखेंगे। लेकिन आपको बता दें कि, निमोनिया का कोई भी टीका कोरोना से बचाव के लिए बिलकुल भी कारगर नहीं है। तो आप इस पर बिलकुल भी विश्वास ना करें कि आपको निमोनिया का टीका कोरोना से बचाएगा।
आठवां कोरोना वायरस से संबंधित मिथ

कहा जाता है कि, एंटीबायोटिक्स से कोरोना को रोका जा सकता है। जबकि एंटीबायोटिक केवल इन्फेक्शन और बैक्टीरिया से लड़ता है ना की किसी तरह के वायरस से। हालांकि जिन लोगों का कोरोना का इलाज चल रहा है, उन्हें इसे लेने की सलाह दी जाती है और सलाह अगर डॉक्टर ने दी है तो आपके लिए फायदेमंद है।
कोरोना संक्रमण से जुड़ी ऐसी कई भ्रांतियां हैं, जिन पर लोग ज्यादातर विश्वास करते हैं। लेकिन ये कितनी सच हैं और कितनी झूठी, इसके बारे में हमने इस लेख में जिक्र भी किया है। कोरोना काल में सिर्फ सावधानी और कोविड नियमों का पालन करना ही, इसका बचाव है, ना कि, अफवाहों पर विश्वास करना।
