Kharmas 2024 Tips: खरमास हिन्दू धर्म में एक अवधि है। जब भी सूर्य देवता गुरु की राशि धनु और मीन में जाते है या भ्रमण करते है, तब यह महीना शुरू होता है। हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक, ऐसे कई कार्य है जो हमें खरमास के महीने में नहीं करना चाहिए। इस बार खरमास 14 मार्च से शुरू होकर 13 अप्रैल को समाप्त हो रहे हैं। तो चलिए जानते हैं कि खरमास में क्या करें और क्या न करें।
खरमास हिन्दू धर्म में एक अवधि है। यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, एक खर (गदहा) और मास (महीना)| बता दें कि यह महीना एक वर्ष में दो बार आता है। जब भी सूर्य देवता गुरु की राशि धनु और मीन में जाते है या भ्रमण करते है, तब यह महीना शुरू होता है। हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक, खरमास में सूर्य देवता गुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं। इस वजह से राजा सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है।
खरमास महीने में यह भी माना जाता है कि इस दौरन सूर्य देवता अपनी सवारी घोड़ों को आराम करने के लिए खुला छोड़ देते है और खर यानी गदहा, गर्दभ से यात्रा करते हैं। जिस कारण सूर्य देवता की गति धीमी हो जाती है और उनका प्रभाव कम हो जाता है। इसी वजह से यह भी मान्यता है कि इस दौरान कई शुभ कार्य पर रोक लग जाती है। हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक, ऐसे कई कार्य है जो हमें खरमास के महीने में नहीं करना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि किस तरह के कार्य हमें इस दौरान नहीं करने चाहिए।
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नई शुरुआत
नए व्यवसाय, परियोजना, काम या किसी भी महत्वपूर्ण नई प्रयास की शुरुआत खरमास के दौरान अक्सर नहीं की जाती है। खरमास के दौरान नए कार्य को शुरू करना अशुभ माना जाता है। इसीलिए हिन्दू ग्रंथों में इस अवसर पर कोई भी नया कार्य करने के लिए मना किया जाता है।
विवाह
खरमास के दौरान विवाह की योजना बनाना या विवाह समारोह का आयोजन अक्सर नहीं किया जाता है। क्योंकि यह जीवन के नए चरण की शुरुआत के लिए अशुभ समय माना जाता है। इसीलिए इस अवसर पर हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग विवाह नहीं करते हैं।
निर्माण
नए निर्माण कार्य की शुरुआत, जैसे कि घर, मंदिर, या किसी भी महत्वपूर्ण संरचनाओं का निर्माण, खरमास के बाद की तारीखों में स्थगित किया जाता है। खरमास के दौरान घर या मंदिर निर्माण के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होता है। इसीलिए सारे नए निर्माण कार्यों को खरमास के बाद किया जाता है।
यात्रा
हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक, खरमास के दौरान यात्राएं शुभ नहीं मानी जाती है। इसीलिए कुछ लोग खरमास के दौरान दूरस्थ यात्रा या यात्राएँ नहीं करते, विशेष रूप से महत्वपूर्ण उद्देश्यों के लिए जैसे कि तीर्थयात्रा या व्यापारिक यात्राएँ। इसके साथ ही संपत्ति, भूमि, या वास्तु संपत्ति की खरीददारी खरमास के दौरान नहीं की जाती।
धार्मिक आचरणों को आरंभ करना
खरमास के दौरान कुछ धार्मिक आचरण, पूजा, यज्ञ या धार्मिक रियाज़ आदि की प्रारंभिक क्रियाएँ नहीं की जाती हैं। इस दौरान किसी भी प्रकार के धार्मिक आचरण को शुभ नहीं माना जाता है। इसके साथ ही खरमास के दौरान बाल, नाखून काटने या किसी भी शरीर के अंगों को काटने या काटने कार्यों से बचा जाता है।
