Silent Stress in Children
Silent Stress in Children Credit: Istock

Overview: बच्चे का जरूरत से ज्यादा चुप रहना हो सकता है खतरनाक, पेरेंट्स ऐसे करें मदद

हर बच्चा अलग होता है, और कुछ स्वभाव से शांत होते हैं। शांत रहना कोई समस्या नहीं है, बशर्ते बच्चा खुश और संतुष्ट हो।

Deal with Silent Child: हर बच्चा अनोखा होता है। कुछ बच्चे बहुत मिलनसार होते हैं, कुछ मनोरंजक होते हैं, तो कुछ स्वभाव से शांत रहते हैं। शांत बच्चे अक्सर अकेले रंग भरना, किताबें पढ़ना या अपने ख्यालों में खोए रहना पसंद करते हैं। लेकिन जब बात सामाजिक मेलजोल की आती है, तो वे दूसरों के साथ घुलने-मिलने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं। कई बार जरूरत से ज्‍यादा शांति बच्‍चे के लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्‍मेदारी है कि वह बच्‍चे का स्वाभाविक रूप से समर्थन कर उनकी मदद करें। तो चलिए जानते हैं कुछ खास टिप्‍स के बारे में जो आपकी मदद कर सकती हैं।

शांत बच्‍चे का स्‍वाभाविक व्‍यवहार

The natural behavior of a calm child
The natural behavior of a calm child

शांत बच्चे आमतौर पर तीन श्रेणियों में आते हैं।

शर्मीले बच्चे: ये बच्चे सामाजिक परिस्थितियों में सहज होने में समय लेते हैं और अपने तरीके से चीजों को अपनाते हैं।

अंतर्मुखी बच्चे: इन्हें अधिक सामाजिक उत्तेजना की जरूरत नहीं होती; बल्कि सामाजिक मेलजोल उनकी ऊर्जा को कम कर सकता है।

सामाजिक चिंता वाले बच्चे: ये बच्चे सामाजिक होना चाहते हैं, लेकिन उनकी चिंता उन्हें रोकती है।

चुप रहने वाले बच्‍चे को हो सकती हैं ये समस्‍याएं

हर बच्चे का स्वभाव अलग होता है, और यह ठीक है कि आपका बच्चा बहुत मिलनसार न हो। यदि आपका बच्चा अपनी पसंद की गतिविधियों में खुश रहता है और उसका मूड अच्छा रहता है, तो उसका शांत रहना कोई समस्या नहीं है। लेकिन ज्‍यादा शांत रहने वाले बच्‍चे ये महसूस कर सकते हैं।

तनाव व चिंता: बच्‍चे का जरूरत से ज्‍यादा शांत स्‍वभाव चिंता और तनाव का कारण बन सकता है। ऐसे बच्‍चे अपनी भावनाएं जाहिर नहीं कर पाते जिससे वह चिंतित और डिप्रेस महसूस कर सकते हैं।

आत्‍मविश्‍वास में कमी: चुप रहने वाले बच्‍चों में आत्‍मविश्‍वास की कमी देखने को मिल सकती है। ऐसे बच्‍चे अपनी बात कहने, कोई काम करने और दोस्‍त बनाने में झिझकते हैं।

गतिविधियां होती हैं प्रभावित: शांत स्‍वभाव के बच्‍चे स्‍कूल, सोसाइटी और दोस्‍तों के बीच गति‍विधियां करने से घबराते हैं। कोई उन्‍हें देखे या उनके बारे में बात करे ये उन्‍हें रास नहीं आता। इसलिए वह सोशल गतिविधियों से दूर रहते हैं।

बच्‍चे का चुप रहना क्‍यों है खतरनाक

Why is a child's silence dangerous
Why is a child’s silence dangerous

– जरूरत से ज्‍यादा शांत बच्‍चे स्‍वभाव से काफी गंभीर होते हैं। उनके दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है जो स्‍वयं बच्‍चे के लिए और पेरेंट्स के लिए खतरनाक हो सकता है।

– शांत रहने वाले बच्‍चे सोशल गैदरिंग में जाना पसंद नहीं करते। उन्‍हें अकेला रहना पसंद आता है। ऐसे में बच्‍चा डिप्रेशन का शिकार हो सकता है।

– चुप रहने वाले बच्‍चे अपनी भावनाएं व्‍य‍क्‍त नहीं कर पाते जो उनकी मेंटल हेल्‍थ को प्रभावित कर सकती हैं।

– शांत रहने वाले बच्‍चे गुस्‍से में तेज हो सकते हैं। अपनी बात न समझाने के कारण वह दूसरों पर अटैक भी कर सकते हैं।

पेरेंट्स अपनाएं ये टिप्‍स

– उन्हें बोलने के लिए समय और स्थान दें। सवाल पूछने के बाद 5 सेकंड तक उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार करें। 

– सामाजिक परिस्थितियों का अभ्यास करवाएं, जैसे डॉक्टर के पास सवालों का जवाब कैसे देना है, इसका घर पर रोल-प्ले करें।

– उनके लिए जवाब न दें बल्कि उन्हें खुद बोलने दें। 

– सामाजिक स्थिति के बारे में पहले से बात करें और संभावित सवालों के उदाहरण दें।

– बच्चे को असहज या शर्मिंदगी महसूस न कराएं बल्कि बच्‍चे को बोलने के लिए प्रोत्‍साहित करें।

– बच्‍चे को मी-टाइम इंज्‍वॉय करने दें।  

– बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास बढ़ाएं। उन्‍हें वह हर काम करने दें जो वह करना चाहते हैं।

– ऐसी जगह चुनें जहां जल्दी न हो, जैसे रिश्तेदारों से बात करना, दुकान पर सामान मांगना या रेस्तरां में ऑर्डर देना। बाद में उनकी तारीफ करें। 

– बच्‍चे को पेंटिंग, डांस और म्‍यूजिक की ओर प्रोत्‍साहित करें।