Overview: क्या आपका बच्चा भी है रामेन लवर, तो जान लें इससे जुड़े 5 हेल्थ रिस्क के बारे में
बच्चों का खानपान पूरी तरह से बदल रहा है। वह घर का खाना खाने की बजाय रामेन खाना पसंद करते हैं जिससे कई तरह के हेल्थ रिस्क डेवलप हो रहे हैं।
Health Risk of Having Ramen: वेस्टनाइजेशन के दौर में हमारी लिविंग हैबिट्स में ही नहीं बल्कि खाने के तरीके और व्यंजनों में काफी बदलाव आया है। पहले जहां हम चाइनीज व्यंजनों को खाना पसंद करते थे वहीं अब कोरियन डिश रामेन के दिवाने हो गए हैं। खासकर बच्चे इसके टेस्ट और स्पाइसीनेस को बेहद पसंद कर रहे हैं। कई परिवारों के लिए पैकेज्ड रामेन नूडल्स एक आसान, सस्ता और जल्दी बनने वाला भोजन है। लेकिन क्या आप जानते हैं ये बच्चों के लिए कई हेल्थ रिस्क को बढ़ाता है। हालांकि एक कटोरी रामेन नूडल्स खाना हानिकारक नहीं होता, लेकिन इसे बार-बार खाने से आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। रामेन खाने से बच्चे की हेल्थ कैसे प्रभावित हो सकती है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
सोडियम की अधिक मात्रा

पैकेज्ड रामेन में सबसे बड़ी चिंता इसकी अत्यधिक सोडियम सामग्री है। इसकी एक सर्विंग में 800-1000 मिलीग्राम सोडियम हो सकता है, जो वयस्कों के लिए अनुशंसित दैनिक मात्रा का लगभग आधा है। डायट्री गाइडलाइन के अनुसार 4 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रतिदिन 1200-1500 मिलीग्राम से अधिक सोडियम नहीं लेना चाहिए। अधिक नमक के सेवन से बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की समस्याएं और भविष्य में हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
न्यूट्रीशन की कमी
पैकेज्ड रामेन में फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है। यह भूख तो मिटा सकता है, लेकिन इसमें न्यूट्रीशन न के बराबर होता है। रामेन में मुख्य रूप से मैदा और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो हेल्थ के लिए नुकसानदायक होते हैं। इससे गट हेल्थ तो प्रभावित होती ही है साथ ही कमजोरी और खून की कमी की समस्या भी हो सकती है। बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए प्रोटीन, अच्छे वसा, विटामिन और खनिजों से भरपूर संतुलित आहार जरूरी है।
अनहेल्दी फैट की अधिकता
ज्यादातर रामेन को पैक करने से पहले तला जाता है, जिससे इसमें अनहेल्दी फैट, खासकर सैचुरेटेड फैट की मात्रा बढ़ जाती है। सैचुरेटेड फैट से भरपूर आहार कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जिससे भविष्य में हार्ट प्रॉब्लम और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। आजकल प्रोसेस्ड और हाई-फैट खाद्य पदार्थों की आसान उपलब्धता के कारण बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है, और रामेन इस समस्या को और बढ़ाता है।
रसायन और प्रिजर्वेटिव्स

पैकेज्ड फूड में अक्सर मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है, जो स्वाद बढ़ाने वाला एक कैमिकल है और संवेदनशील बच्चों में थकान, मतली और सिरदर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके अलावा, रामेन में फ्लेवर, कलर और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ बच्चों में इन कैमिकल्स से एलर्जी या संवेदनशीलता हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप चकत्ते, पेट की समस्याएं या हाइपरएक्टिविटी की समस्याएं हो सकती हैं।
ब्लड शुगर में वृद्धि
आपको बता दें कि रामेन में मौजूद रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स तेजी से ग्लूकोज में तबदील हो जाते हैं। बिना प्रोटीन या फाइबर के इसे खाने से ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि होती है, जिसके बाद थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है। साथ ही शुगर लेवल बढ़ने से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है।
