Summary: रिश्ते को ताज़ा रखने का मंत्र
बच्चों की नींद और दिनचर्या के बीच कपल्स भी रिश्ते को मज़बूत रखने के लिए साइलेंट रोमांस अपना सकते हैं।
Silent Romance after Baby: किसी भी कपल्स के लिए मां-बाप बनना एक सुखद अनुभव है। लेकिन इस सुखद अनुभव के साथ कुछ चुनौतियां भी आती हैं जैसे पेरेंटिंग के साथ अपने रिश्तों को समय देना। किसी भी कपल के जीवन में बच्चों के आने के बाद उनका पहला जरूरी कार्य बच्चों की सही परवरिश और देखभाल होता है। ऐसे में कपल्स के आपसी संबंध आहत होते हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, कपल्स महसूस करते हैं उनके बीच प्यार और रोमांस खत्म हो चुका है बस बची है तो जिम्मेदारियां। रिश्ते में इस स्थिति से बचने के लिए पैरंट्स बनने के बाद भी साइलेंट रोमांस का बने रहना जरूरी है आईए जानते हैं इस लेख में क्या है साइलेंट रोमांस।
क्या है साइलेंट रोमांस
साइलेंट रोमांस अपने साथी को प्यार दिखाने का ऐसा तरीका है जिसमें उग्रता नहीं बल्कि है सरलता, स्वाभाविकता और शांत हाव-भाव है। अर्थात जब कपल्स बिना शोरशराबे के अपने आसपास किसी को डिस्टर्ब किए बिना जब एक दूसरे से प्यार दिखाते हैं, अपने साथी से हल्की मुस्कान के साथ हमेशा जुड़ाव रखने इशारों से बातें करना, प्यार भरे स्पर्श देना एक दूसरे के लिए समय निकालना इसमें शामिल है।
क्यों जरूरी है साइलेंट रोमांस

बच्चा होने के बाद पति-पत्नी में प्यार कम जाता है। पत्नी बच्चे के आगे पति की जरूरतो को नहीं देखी, इस तरह की बातें हमारे समाज में एक टैबू की तरह है। बल्कि हकीकत यह है कि पैरंट्स बनने के बाद बच्चे की जिम्मेदारियां, घर, परिवार, रिश्तेदार, ऑफिस इन सब में कपल्स थक जाते हैं और एक दूसरे को समय नहीं दे पाते। ऐसे में रिश्ते के बीच प्यार बने रहने के लिए बहुत जरूरी हो जाता है साइलेंट रोमांस।
साइलेंट रोमांस कपल के पेरेंटिंग के तनाव को कम करता है साथ ही उनके रिश्ते के बीच प्यार के ताजा ऐहसास को बनाए रखता है।
रिश्ते में प्यार और नजदीकियां कपल्स को हमेशा ऊर्जा प्रदान करती है जिससे वह किसी भी काम को तनाव मुक्त होकर कर पाते हैं।
माता-पिता का प्यार भरा रिश्ता बच्चों को रिलेशनशिप और परिवार के प्रति सकारात्मक सोच से भरता है।
कपल्स कैसे निभा सकते हैं साइलेंट रोमांस
सही समय का चुनाव करके: पैरंट्स बनने के बाद रोमांस के समय का चुनाव एक जरूरी मुद्दा हो जाता है। कपल्स रोमांस के लिए बच्चों के सोने के बाद या फिर स्कूल जाने के बाद का समय चुन सकते हैं।
अगर आपके बच्चे दादी-दादी के साथ या किसी और रिश्तेदार के पास रह सकते हैं तो आप उन्हें वहां रखकर अपना प्राइवेट टाइम प्लान कर सकते हैं।
बच्चों के साथ प्यार का वातावरण: अपने बच्चों को हल्के प्यार, स्पर्श और सम्मान का वातावरण दे। आप जिस प्रकार सहज होकर अपने बच्चों को गले लगाते हैं, माथा चूमते हैं यह आप अपने साथी के साथ भी सामान्य भाव से करें इससे बच्चे सहज रहेंगे और वह प्यार और सम्मान की भावना को समझेंगे।
लव नोट्स, इशारे और मुस्कान: लव नोट्स, इशारे और मुस्कान यह सुनने में बहुत छोटे शब्द हैं लेकिन रिश्ते में प्यार बनाए रखने के लिए जरूरी है।
अगर इंटिमेसी के लिए पार्टनर के साथ समय ना मिले तो भी आप उन्हें प्यार भरे लव नोट्स देकर मैसेज या इमोजी भेज कर अपने मुस्कान से या सकारात्मक बातों से उनका तनाव कम कर सकते हैं, आप अपने साथी को प्यार जाता सकते हैं। रोमांस सिर्फ इंटिमेशी से नहीं बल्कि हर वह छोटे-छोटे काम है जिससे आपका साथी आपके प्रति प्यार और लगाव महसूस करता है और यही साइलेंट रोमांस का केंद्र है।
