Relationship Advice: साइलेंट डिवोर्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें पति-पत्नी कानूनी रूप से साथ तो होते हैं, लेकिन उनके बीच किसी भी तरह का भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक जुड़ाव लगभग खत्म हो चुका होता है ये कानूनी तलाक से बिलकुल अलग है , लेकिन साइलेंट डिवोर्स भी रिश्ते की नींव बुरी तरह से हिला देता है। अक्सर बच्चों, समाज, या पारिवारिक दबाव की वजह से पति-पत्नी साथ तो रहते हैं, लेकिन उनमें बातचीत नहीं होती, ना ही प्यार रह जाता है। साइलेंट डिवोर्स में पति-पत्नी को एक-दूसरे के जीवन में कोई रुचि नहीं होती। व्यस्त जीवनशैली , काम का दबाव, समय की कमी और तकनीक की बेकार लत ने रिश्तों में होने वाली बातचीत को खत्म कर दिया है। जब लोग अपने विचार या भावनाएँ एक दूसरे के साथ साझा नहीं करते, तो धीरे-धीरे रिश्ते में दूरी आ जाती है।
जब कपल्स एक-दूसरे से बहुत ज़्यादा अपेक्षाएँ रखते हैं और वे पूरी नहीं होतीं, तो उनके बीच निराशा पनपती है।
बातचीत होना है जरुरी

रिश्ते की सबसे मजबूत नींव है आपसी बातचीत। पति-पत्नी जब एक-दूसरे से खुलकर बात करते हैं, तो न केवल गलतफहमियां दूर होती हैं, बल्कि भावनात्मक नज़दीकियाँ भी बढ़ने लगती हैं। अपने पार्टनर से हर तरह की बातें साझा करें। पूरे दिन भर में क्या हुआ, आप जिंदगी के बारे में क्या सोचते हैं, बीती रात क्या सपना देखा या कुछ भी साझा करें। बातचीत हर रिश्ते के लिए एक पुल का काम करती है।
साथी की बातें सुनें
अक्सर हम अपने मन की बात कह देते हैं लेकिन सामने वाले की बात सुनते नहीं हैं। रिश्ते में सुनना एक तरह की कला है। जब आप अपने हमसफ़र की बात ध्यान से सुनते हैं, तो वे महसूस करते हैं कि उनकी भावनाएँ आपके लिए मायने रखती हैं। अगर दोनों साथी एक-दूसरे की बातों को गंभीरता से लें, तो ज्यादातर समस्याएँ हल हो जाएंगी।
विवाह सलाहकार से मिलें
कभी-कभी ये छोटी-छोटी परेशानी इतनी मुश्किल ले आती हैं कि उन्हें आपसी बातचीत से सुलझाना नामुमकिन हो जाता है। ऐसे में देर ना करें जल्द से जल्द किसी अनुभवी विवाह सलाहकार की मदद लें। आपका ये एक कदम साइलेंट डिवोर्स से आपको बचा सकता है। अनुभवी व्यक्ति की निष्पक्ष सलाह आपको खुशहाल जीवन दे सकती है।
उम्मीद से अधिक अपेक्षाएँ ना रखें
एक सफल रिश्ते में साथी को आज़ादी और सम्मान मिलनाबेहद जरुरी है। हर इंसान की कुछ व्यक्तिगत सीमाएँ और इच्छाएँ होती हैं। अगर आप एक-दूसरे से बहुत अधिक उम्मीदें रखेंगे, तो निराशा ही हाथ लगेगी। इसीलिए ज़रूरी है कि कपल्स एक-दूसरे की सीमाओं का सम्मान करें। ऐसा करने से दोनों साथी भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस करते हैं।
समय बिताएं

सिर्फ साथ रहना ही काफ़ी नहीं होता, बल्कि साथ में अच्छा और यादगार समय बिताना बेहद ज़रूरी है। मोबाइल से दूर होकर एक साथ बैठ कर बातें करें, साथ बैठकर खाना खाएं, हंसी-मजाक करें, साथ मिलकर खाना बनाएं, कहीं भी घूमने निकल जाएं। ये प्यारे पल रिश्ते में अपनापन लाते हैं। जब कपल एक-दूसरे के साथ अच्छा समय बिताते हैं, तो वे तनाव और गलतफहमियों को जल्दी सुलझा पाते हैं।
रिश्तों को बचाए रखना बेहद जरुरी है, इसलिए अपने पार्टनर का हमेशा साथ दें, हर स्तिथि में उनके साथ खड़े रहे। आपके रिश्ते को मजबूत होते देर नहीं लगेगी।
