Right Corrector Shade: बेदाग और निखरी त्वचा हर लड़की चाहती हैं, लेकिन हर किसी के साथ यह होना मुश्किल है। हर किसी की स्किन अलग होती है। ऐसे में मुंहासे, एक्ने, झाईयां और रिंकल जैसी समस्याएं किसी को भी परेशान कर सकती हैं। कई लड़कियां इन्हें छिपाने के लिए मेकअप का इस्तेमाल करती हैं। मेकअप का आजकल की जिंदगी का जरूरी हिस्सा है। कोई सुंदर दिखने तो कोई मुहांसों को छिपाने के लिए मेकअप करता है। हालांकि, कई बार मेकअप करने के बाद भी चेहरे पर मौजूद मुंहासे और दाग-धब्बे छिप नहीं पाते हैं। ऐसे में दाग-धब्बों और एक्ने को छिपाने के लिए करेक्टर का इस्तेमाल काफी जरूरी होता है। यह कई सारे शेड्स में आता है। आज हम आपको बताते हैं कि सही करेक्टर को कैसे चुनें, और चेहरे पर इसे किस तरह इस्तेमाल करना है।
क्या होता है करेक्टर?

चेहरे पर कलर करेक्टिंग मेकअप से डिस्कलरेशन को छिपाने में हेल्प मिलती है, वहीं इसके ऊपर कंसीलर अप्लाई कर लेने से वो और भी अच्छी तरह कवर हो जाता है। इसके लिए सबसे जरूरी है अपनी स्किन की उन खामियों को छिपाने के लिए सही कलर करेक्टर चुनना। लैवेंडर, ऑरेंज और ग्रीन जैसे शेड्स इस्तेमाल में थोड़े ट्रिकी हो सकते हैं।
इस तरह से करें करेक्टर का इस्तेमाल
कलर करेक्टर लगाने से पहले फाउंडेशन लगाना चाहिए। करेक्टर जहां असामान्य रंगत को एक जैसा बनाता है, वहीं फांउडेशन कवरेज देकर स्किन टोन को एकसमान बनाता है। अपने चेहरे पर प्राइमर लगाने के बाद और अपना फेस मेकअप शुरू करने से पहले आपको कलर करेक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। कलर करेक्टर मेकअप आपके मेकअप रूटीन का दूसरा चरण है। जब आप अपने कलर करेक्टर को अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें, तो आप अपने चेहरे का मेकअप हमेशा की तरह जारी रख सकते हैं।
येलो कलर करेक्टर
ये स्किन के पिंक कलर और रेडनेस को करेक्ट करता है। यह चेहरे की डलनेस से लड़ने के लिए काफी अच्छा है, क्योंकि मीडियम से फेयर स्किन टोन को इससे और भी निखार मिलता है।
ग्रीन कलर करेक्टर

अगर किसी के चेहरे पर रेडनेस हो गई है, तो ये शेड काफी हेल्पफुल है। ये शेड रेड स्पॉट, लाल रंग के बर्थमार्क, एक्ने को छिपाता है। इतना ही नहीं सनबर्न में भी ग्रीन करेक्टर इस्तेमाल किया जा सकता है।
पीच या ऑरेंज करेक्टर
ऑरेंज शेड्स के अंदर आने वाले कलर करेक्टर चेहरे के दाग-धब्बों और डार्कनेस को ठीक करते हैं। इस शेड का कोई भी करेक्टर चुनने के दौरान अपनी स्किन टोन का जरूर ध्यान रखें। लाइट स्किन पर जहां पीच ज्यादा सूट करता है, वहीं डार्क स्किन टोन पर ऑरेंज।
ब्लू करेक्टर

ये आपके चेहरे के पीलेपन को बैलेंस करता है। डार्क ऑरेंज वाले पिग्मेंटेशन में भी ये करेक्टर काफी काम का है। ग्रीन की तरह ही ब्लू को किसी भी स्किन टोन पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
कंसीलर या करेक्टर
ये आपकी जरूरत पर निर्भर करता है कि आप किसका इस्तेमाल करना चाहते हैं। करेक्टर को स्किन के कुछ खास तरह के दाग-धब्बों, रेडनेस या डार्क सर्कल्स को बेअसर करने के लिए बेहतर माना जाता है। वहीं, कंसीलर को आम कवरेज के लिए।
