Benefits of Blowing Shankh: प्राचीन काल से ही घरों या मंदिरों में पूजा के समय शंख बजाने की परंपरा रही है। कई घरों में पूजा शंख बजाए बिना अधूरी मानी जाती है। शंख का इस्तेमाल प्राचीन काल से धार्मिक और मांगलिक कार्यों में किया जाता रहा है। शास्त्रों के अनुसार घर में शंख की आवाज गूंजना शुभ माना गया है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि और शांति आती है। मान्यता है कि जब पहली बार शंख प्रकट हुआ था तब इसका उपयोग सागर मंथन के लिए किया गया था। इसलिए इसे सौभाग्य और स्वास्थ्य दोनों से जोड़ा जाता है। शंख बजाने के जितने धार्मिक लाभ हैं उतना ही ये हमारे स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। तो चलिए जानते हैं इसके विभिन्न लाभों के बारे में।
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मांसपेशियों को आराम

नियमित रूप से शंख बजाने से मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है, जिससे मांसपेशियों की सूजन और दर्द में राहत मिल सकती है। शंख बजाने से यूरिनरी ट्रेक्ट, ब्लैडर, लोअर एब्डोमिन, छाती और गर्दन की मांसपेशियों में होने वाले दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
फेफड़ों की एक्सरसाइज
जिन लोगों को सांस लेने और फेफड़ों से संबंधित समस्याएं हैं उन्हें नियमित रूप से शंख बजाने का प्रयास करना चाहिए। शंख बजाने से फेफड़ों की मांसपेशियां फैलती हैं, जिससे उनकी एरियल कैपेसिटी में सुधार होता है। इसके अलावा शंख बजाने से आपकी थायरॉइड ग्रंथियों और वोकल कॉर्ड की भी एक्सरसाइज होती है। इससे बोलने में होने वाली किसी भी समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
रिंकल्स से छुटकारा
जब आप शंख बजाते हैं तो आपके चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिससे आपके चेहरे में होने वाले रिंकल्स और फाइन लाइंस से छुटकारा मिल सकता है। ये एक बेहतरीन एक्सरसाइज है जिसके चलते आपको हर महीने फेशियल करवाने की भी आवश्यकता महसूस नहीं होगी।
मनोकामनाएं होती हैं पूरी
शंख की आवाज बेहद सुरीली और मनमोहक लगती है। इसकी आवाज से ही आप पूजा-पाठ के लिए प्रेरित हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार पूजा के बाद शंख बजाने से साधक की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होने लगते हैं।
मां लक्ष्मी का निवास

माना जाता है कि शंख मां लक्ष्मी का निवास स्थान है। पुराणों में शंख को मां लक्ष्मी का भाई बताया गया है। इसलिए जिस घर में शंख की पूजा की जाती हैं या उसे उपयुर्क्त स्थान दिया जाता है वहां मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर में शंख को स्थान देना चाहिए।
भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न
आपने देखा होगा कि सत्यनारायण भगवान की कथा के बाद या मध्य में शंख बजाया जाता है। माना जाता है कि शंख की आवाज भगवान विष्णु को मंत्रमुग्ध कर देती थी इसलिए विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में शंख का उपयोग किया जाता है। वहीं भगवान शंकर की पूजा के दौरान शंख बजाने की मनाही होती है।
पथरी से मुक्ति
आयुर्वेद के अनुसार शंख बजाने से पेट और लिवर से संबंधित बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। नियमित रूप से शंख बजाने से पथरी और पीलिया जैसी बीमारियों को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार शंख बजाने से आसपास मौजूद कीटाणुओं से भी छुटकारा मिल सकता है।
