Benefits of Shankh: हर धर्म में किसी न किसी चीज़ को अपने आराध्य का प्रतीक माना जाता है। इन प्रतीकों के प्रति सम्मान होना स्वाभाविक है क्योंकि व्यक्ति अपने आराध्य अपने ईश्वर से जुड़ा होता है ऐसे में वो उनके प्रतीक को श्रद्धा से पूजता है। जिस तरह भगवान शिव के पास डमरू है उसी तरह विष्णु जी के पास सुदर्शन चक्र और शंख है। और इसी तरह हर देवी देवता से सम्बंधित कुछ न कुछ प्रतीक होते ही हैं जिन्हें हम सम्मान के साथ पूजते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शंख किसका प्रतीक है और इसे गुरुवार को क्यों बजाना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि शंख आखिर इतना महत्वपूर्ण क्यों है और उसे गुरुवार को बजाने से क्या लाभ प्राप्त होगा।
शंख क्यों है अनमोल रत्न

पौराणिक कथाओं में ये बताया गया है कि शंख समुन्द्र मंथन के 14 रत्नों में से एक रत्न है। जो कि विष्णु भगवान को अत्यंत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि शंख में लक्ष्मी और विष्णु जी का वास है। शंख की ध्वनि बेहद सकारात्मक मानी जाती है। इसकी ध्वनि से नकारात्मकता दूर होती है। शंख से जो ध्वनि उत्पन्न होती है वो अत्यंत प्रभावशाली मानी गयी है। इसकी ध्वनि से वातावरण में शुद्धता आती है यही कारण है कि कहीं भी कुछ धार्मिक काम होता है जैसे कथा या हवन आदि को शुरू करने से पहले शंख बजाया जाता है।
गुरुवार को शंख वादन
गुरुवार भगवान विष्णु का दिन होता है। शंख में लक्ष्मी और विष्णु का वास होने के कारण गुरुवार को शंख बजाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा होती है। शंख को साफ़ करके उसपर तिलक लगाकर पानी और तुलसी का पत्ता रखकर पूजा करने से शुभ होता है। चूँकि मान्यता अनुसार शंख में लक्ष्मी और नारायण दोनों विराजमान हैं इसलिए ऐसा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस तरह आप अपने गुरुवार को शुभ और सकारात्मक बना सकते हैं।