एग्‍जाम से पहले ऐसा क्‍या करें कि बच्‍चे का लगे पढ़ाई में मन: Kids Exam Preparation
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Kids Exam Stress: एग्‍जाम का टाइम बच्‍चों के साथ ही साथ पूरे परिवार के लिए बड़ा गंभीर समय होता है। सभी बच्‍चे अच्‍छी पढ़ाई करके अच्‍छे नंबर लाने की कोशिश करते हैं। माता-पिता भी बच्‍चों को अच्‍छी तैयारी और बेहतर अंक लाने में मदद करने के लिए मेहनत करते हैं। एग्‍जाम के नाम से कुछ बच्‍चे घबरा जाते हैं, जिसे एग्‍जाम फोबिया कहा जाता है। अधिकांश बच्‍चे बोर्ड परीक्षाओं से सबसे ज्‍यादा डरते हैं, क्‍योंकि स्‍टूडेंट्स के लिए ये जीवन बदलने वाला अनुभव होता है। अपने सपनों के और नजदीक पहुंचने के लिए बच्‍चे एग्‍जाम में अच्‍छे अंक लाने की कोशिश करते हैं। जिस वजह से उनपर बहुत अधिक दबाव भी होता है। एग्‍जाम के दौरान होने वाली टेंशन के समय, माता-पिता का काम है कि वे अपने बच्‍चे की मदद करें और उन्‍हें अपना पूरा सपोर्ट दें। यहां हम कई ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं जिनसे माता-पिता अपने बच्‍चों की छोटी मगर बहुत लाभदायक मदद कर सकते हैं। 

Kids Exam Stress:किसी भी तरह की चेतावनी को न करें नजरअंदाज

Kids Exam Stress
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एग्‍जाम के समय कुछ लक्षणों को समझकर आप बच्‍चे की मदद करना शुरू कर सकते हैं। कुछ बच्‍चों में अन्‍य की तुलना में स्‍ट्रेस लक्षण अधिक विकसित होते हैं। इस वजह से जी मिचलाना, उल्‍टी, बुखार और आक्रामकता की समस्‍या हो सकती है। आगे चलकर ये समस्‍याएं बर्नआउट और डिप्रेशन में बदल सकती हैं। पेरेंट्स को यह याद रखना चाहिए कि उनका बच्‍चा किसी भी एग्‍जाम से ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है। इसलिए उनपर दबाव नहीं बनाना चाहिए। अगर बच्‍चों में ऐसा कोई भी लक्षण दिखाई दे तो उससे बात करें और उन्‍हें ये बताएं कि आपका प्‍यार एग्‍जाम के नंबर पर निर्भर नहीं है।

घर को बनाएं शांत और सकारात्‍मक 

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Make peace at home Credit: shutterstock

माता-पिता को कई तरह के काम होते हैं, इसलिए वे हमेशा बच्‍चे के पास नहीं रह सकते। हालांकि बच्चे एग्‍जाम के समय माता-पिता का अधिक ध्‍यान पाने की कोशिश करते हैं। बच्‍चे आपसे कुछ बातें शेयर करना चाह सकते हैं या उन्‍हें आपकी मदद की आवश्‍यकता भी हो सकती है। इसलिए माता-पिता ये कोशिश करें कि एग्‍जाम के समय बच्‍चे के पास रहें और घर में शांतिपूर्ण और सकारात्‍मक माहौल बनाने की कोशिश करें। इससे बच्‍चों को जरूरी सपोर्ट मिल सकेगा।

एक संतुलित दिनचर्या

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Rest of 15 to 20 minutes should be included in the routine. Credit: shutterstock

यह बहुत जरूरी है कि बच्‍चा अपनी पढ़ाई और आराम के बीच एक स्‍वस्‍थ और संतुलित जीवन शैली को अपनाएं। समय पर और पौष्टिक भोजन के साथ 15 से 20 मिनट का आराम रुटीन में शामिल होना चाहिए। देर रात तक पढ़ाई करने से बचना चाहिए क्‍योंकि बेहतर पढ़ाई और परीक्षा में अच्‍छे प्रदर्शन के लिए रात में अच्‍छी और पर्याप्‍त नींद बहुत जरूरी है। डॉक्‍टर्स भी हेल्‍दी रहने के लिए रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं। विशेषरूप से परीक्षा के दौरान, दिमाग को फ्रेश रखना जरूरी होता है ताकि उसे पढ़ाई के लिए तैयार किया जा सके। 

उचित भोजन

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Good Diet Credit: shutterstock

एग्‍जाम टाइम में समय पर पौष्टिक भोजन बच्‍चों को देना चाहिए। आप जो खाते हैं वैसा ही आपका व्‍यवहार होता है। जंक फूड बच्‍चों को न केवल बीमार बनाता है बल्कि उन्‍हें सुस्‍त भी करता है। अभिभावक बच्‍चे की सुविधा के लिए भोजन का एक टाइम-टेबल बना सकते हैं। अभिभावक भी स्‍वयं अधिक पौष्टिक भोजन खाकर बच्‍चे को प्रोत्‍साहित कर सकते हैं। एग्‍जाम के समय कैफीनयुक्‍त पेय पदार्थों जैसे कॉफी, कोल्‍डड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक्‍स लेने से बचना चाहिए। 

साथ में करें डिनर

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Family Dinner Credit: shutterstock

सुनने में भले ये अजीब लग सकता है लेकिन ये बहुत प्रभावी होता है। कुछ एक्‍स्‍ट्रा पढ़ाई करने के चक्‍कर में बच्‍चे अपनी हेल्‍थ को नजरअंदाज करते हैं। इसलिए साथ में डिनर करने से न केवल बच्‍चे को सही समय पर पर्याप्‍त भोजन करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे उन्‍हें पढ़ाई से ब्रेक भी मिलेगा। साथ में डिनर करने से परिवार के सदस्‍यों को आपस में बातचीत करने, अपनी समस्‍याओं को साझा करने और आपसी जुड़ाव का अवसर भी मिलता है। अभिभावक इस बात का खास ख्‍याल रखें कि डिनर टैबल पर परीक्षा की तैयारियों को लेकर बच्‍चे से बात बिल्कुल न करें।

बच्‍चे की क्षमता को पहचानें

यह महत्‍वपूर्ण है कि माता-पिता इस बात को अच्‍छी तरह से समझें कि हर बच्‍चे की अपनी क्षमता होती है। इसलिए अपने बच्‍चे को उनकी क्षमता से अधिक स्‍कोर करने के लिए मजबूर करने के बजाय, माता-पिता को उन्‍हें परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। रिजल्‍ट की चिंता नहीं करनी चाहिए।

डिस्‍ट्रैक्‍शन को रखें दूर

एग्‍जाम टाइम में बच्‍चों को किसी भी तरह के डिस्‍ट्रैक्‍शन से दूर रखना चाहिए, इसके लिए घर का वातावरण शांत और अच्‍छा होना जरूरी है। इसमें माता-पिता और परिवार के अन्‍य सदस्‍य की अहम भूमिका होती है, वे टीवी और म्‍यूजिक सिस्‍टम की आवाज को धीमा रखकर मदद कर सकते हैं। जब बच्‍चा पढ़ाई कर रहा हो तब उनका पसंदीदा सीरियल या कॉमेडी शो देखने से बचें, ताकि पढ़ाई करते हुए वे अपने आप को अकेला महसूस न करें।

गतिविधियों पर रखें नजर

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Track Activities Credit: shutterstock

अगर आपको लगता है कि बच्‍चा सोशल मीडिया पर बहुत अधिक वक्‍त खर्च कर रहा है, या अपने दोस्‍तों से बहुत अधिक समय तक बात कर रहा है, तब ऐसे में आपको सख्‍त होने की जरूरत है, लेकिन ध्‍यान रखें आपको गुस्‍सा नहीं करना है। आप शां‍त रहकर बच्‍चे का ध्‍यान उनके पेंडिंग वर्क पर लाने की कोशिश कर सकते  हैं और  उन्‍हें इस तरह के काम के लिए ब्रेक टाइम का उपयोग करने के लिए कह सकते हैं। लेकिन याद रखें आपको दृढ़ रहते हुए भी विनम्र बने रहना है।

स्‍टडी ब्रेक

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Break is important during study Credit: shutterstock

अच्‍छी पढ़ाई के साथ ही यह भी जरूरी है कि बच्‍चों के टाइम-टेबल में ब्रेक भी होना चाहिए। यह उन्‍हें पढ़ाई के नए स्‍लॉट के लिए तरोताजा बनाता है। बच्‍चे को आदर्शरूप से 20 मिनट के ब्रेक के साथ कम से कम 2 घंटे पढ़ाई करनी चाहिए। अभिभावक बच्‍चे की सुविधानुसार पढ़ाई और ब्रेक का टाइम टेबल बनाकर मदद कर सकते हैं। अभिभावक यह भी सुनिश्चित करें कि बच्‍चा ब्रेक टाइम का इस्‍तेमाल ब्रेक लेने के लिए ही करे।

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पढ़ाई में करें मदद

रिवीजन प्रोसेस में माता-पिता अपने बच्‍चे की मदद कर सकते हैं। अभिभावक ओरल या रिटन टेस्‍ट ले सकते हैं और उनकी तैयारियों की समीक्षा कर सकते हैं।  माता-पिता पढ़ाई के लिए बच्‍चे की जरूरतों को पूरा करने में भी मदद कर सकते हैं, जैसे सभी टेक्‍स्‍टबुक, रिफ्रेंश बुक, पुराने क्‍वेश्‍चन पेपर, स्‍टेशनरी और अन्‍य जयरी सामान उपलब्‍ध हो यह सुनिश्चित करना। जब बच्‍चे रिवीजन करते हैं तब माता-पिता साथ बैठकर भी उनकी मदद कर सकते हैं।

रिलेक्‍सेशन टेक्‍नीक

Relaxation Tips
Relaxation Technique

पढ़ाई के साथ दिमाग और शरीर को आराम देना भी जरूरी होता है। अभिभावक बच्‍चों को कुछ आसान रिलेक्‍सेशन टेक्‍नीक सिखा सकते हैं, जैसे पढ़ाई या डिनर के बाद वॉक पर जाना। आप उन्‍हें शॉर्ट स्‍टोरी या कविता पढ़ने के लिए कह सकते हैं। आप उनके साथ पसंदीदा टीवी शो भी देख सकते हैं।