Kids Exam Preparation: माता-पिता अपने बच्चे के भविष्य को आकार देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अक्सर, एग्जाम से पहले, स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के मन की स्थिति बेहद नाजुक होती है। माता-पिता को इस बात की चिंता होती है कि उनके बच्चे कितना अच्छा करेंगे, वे कितना पढ़ रहे हैं और उनके प्रदर्शन का उनके भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। वास्तव में, वे अक्सर परीक्षा के दौरान अपने बच्चों की तरह ही तनाव और चिंता से गुजरते हैं।
पेरेंट्स का ऐसा बिहेवियर कई बार बच्चे के लिए नेगेटिव साबित हो सकता है। माता-पिता को एग्जाम के दौरान बच्चे को प्रेरित करने और आवश्यकता पड़ने पर परीक्षा के तनाव को दूर करने में मदद करने के लिए एक मीडिएटर के रूप में कार्य करना चाहिए। पेरेंट्स को बच्चे की शारीरिक और मानसिक रूप से सहायता करनी चाहिए ताकि बच्चा पढ़ने में मन लगा सके। चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण टिप्स के बारे में जिसे फॉलो करबच्चे का तनाव कम किया जा सकता है।
Kids Exam Preparation: एग्जाम का डर कम करें

एग्जाम का डर निश्चित रूप से सभी स्टूडेंट्स के मन में होता है जिसका प्रभाव उनके रिजल्ट पर पड़ता है। माता-पिता के रूप में,आपको बच्चे के साथ हेल्दी कम्यूनिकेशन करना चाहिए और उनके डर को दूर करने की दिशा में काम करना चाहिए। अपने बच्चे को आश्वस्त करें और उसे बताएं कि एग्जाम महत्वपूर्ण हैं और उनके जीवन में एक मील के पत्थर की तरह हैं लेकिन यह अंत नहीं है। परिणाम जो भी हो इसके लिए बच्चे को तैयार रहना होगा। उन्हें अतिरिक्त दबाव महसूस कराए बिना उन्हें प्रेरित करने के सही तरीके खोजें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें प्रॉपर आराम करने दें और मोटिवेट करें।
बच्चे की तुलना करने से बचें

अपने बच्चे की तुलना दूसरों से न करें। बच्चे की तुलना निराशाजनक हो सकती है और उसे हतोत्साहित कर सकती है। इसके बजाय, बच्चे की सहाहना करें कि वह क्या करने में सबसे अच्छा है और फिर बच्चे की समस्या को एक साथ सुलझाने का प्रयास करें। यदि बच्चा किसी विषय में कमजोर है, तो उसका मार्गदर्शन करने के लिए एक शिक्षक की तलाश करें ताकि उसे मदद मिल सके। उसे परीक्षा में अच्छा स्कोर करने के लिए प्रेरित करें।
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घर का माहौल बनाएं खुशनुमा

बच्चे का मेंटल प्रेशर कम करने के लिए घर का माहौल खुशनुमा बनाने की कोशिश करनी चाहिए। पेरेंट्स को कोशिश करनी चाहिए कि वह बच्चे के सामने हर वक्त पढ़ाई की बात न करें। बच्चे के साथ ऐसे काम और खेल खेले जिससे उसका मन प्रसन्न हो सके। यदि बच्चा हर बात पर गुस्सा करता है या चिड़चिड़ाता है तो उसका ध्यान भटकाने का प्रयास करें, न कि उसपर गुस्सा करें। बच्चे को कुछ देर टीवी देखने और मनोरंजन करने के लिए प्रोत्साहित करें।
एग्जाम स्ट्रेटेजी बनाएं

बच्चे का मन पढ़ाई में लगे इसके लिए पेरेंट्स एग्जाम्स की स्ट्रेट्जी भी बना सकते हैं। एक सही स्ट्रेट्जी बच्चे को पढ़ने के लिए मोटिवेट करती है। बच्चे से निरंतर कम्यूनिकेट करते रहें ताकि यदि वे किसी समस्या का सामना करते हैं तो आपको इसका पता चल जाए। पढ़ाई के लिए ऐसा टाइम टेबल तैयार करें जिसमें उसके पढ़ाई के साथ मनोरंजन का भी समय निर्धारित हो।
एग्जाम के दौरान ऐसी हो डाइट

एग्जाम के दौरान बच्चों को स्ट्रेस फ्री और हेल्दी रखने में डाइट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एग्जाम टाइम में बच्चे को अधिक ऑयली और हैवी खाना देने से बचें। जहां तक हो बच्चे को फाइबर, प्रोटीन और कार्ब से भरपूर डाइट दें। बच्चे के ब्रेकफास्ट में दलिया, पोहा, उपमा और होल वीट ब्रेड सैंडविच दें। साथ ही स्प्राउट्स, सोया, दूध, लीन मीट और अंडा बच्चे की डाइट में शामिल करें। बच्चे को हाइड्रेट रखने के लिए कम से कम 2 लीटर पानी जरूर पिलाएं। यदि बच्चे अच्छा आहार लेंगे तो उनका मन भी प्रसन्न रहेगा।
फेंगशुई का भी पड़ता है प्रभाव

फेंगशुई के जरिए भी बच्चों के चंचल मन को कंट्रोल किया जा सकता है। फेंगशुई का ध्यान रखते हुए बच्चों का बेडरूम उत्तर-पूर्व दिशा में बनवाएं। शिक्षा की दृष्टि से यह दिशा अत्यंत शुभ मानी जाती है। इसके अलावा बच्चों के कमरे में स्टडी टेबल ऐसी जगह रखें, जिसमें बच्चे का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो। कमरे में ड्रैगन कार्प, कॉन्च शैल, क्रिस्टल ग्लोब, क्वान यिन गॉर्डन और ग्रीन क्रिस्टल लोटस रखने से बच्चे का पढ़ाई में काफी मन लगता है।
