Board Exam Preparation
Board exam preparation

Board Exam Preparation: हर माता पिता की ख्वाहिश रहती है कि उनका बच्चा जिंदगी की हर परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त करें। अब चाहे वो स्कूल की बोर्ड परीक्षा हो या फिर बड़े से बड़ा इम्तिहान। मां बाप के लिए अपने बच्चे की हर परीक्षा की तैयारी करवाना एक बड़ी और खास जिम्मेदारी होती है। वहीं सीबीएससी हो या कोई और। बोर्ड 10 वीं 12 वीं की परीक्षा का स्ट्रेस बच्चों को है, जिसकी वजह से पेरेंट्स को बच्चों की तैयारी के लिए टेंशन होनी भी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर आपका बच्चा में बोर्ड की परीक्षा दे रहा है तो अपने बच्चें को इस बार बोर्ड की परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने के लिए जरूर सिखाएं ये आदतें।

पेरेंट्स के साथ साथ बोर्ड एग्जाम के लिए बच्चों को भी उतना ही स्ट्रेस होता है। उन्हें भी सबसे आगे निकलने की होड़ रहती है जिसके लिए वो पूरा टाइम अपना पढ़ाई में झोक देते है। इस तरह से बच्चें की एनर्जी के साथ साथ कॉन्फिडेंस भी लो होने लगता है। इसलिए अपने बच्चों के लिए एक बेहतर टाइम टेबल बनाएं। जिससे वो ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई को दें और कुछ समय अपने लिए भी निकाले जिससे उसका माइंड फ्रेश हो सकें।

बोर्ड के एग्जाम आपके बच्चे के भविष्य को बनाने में बहुत महत्वपूर्ण रोल अदा करते है। इसलिए बच्चों का पूरा ध्यान पढाई पर सही से केन्द्रिक रहना बहुत जरूरी है। इसलिए बच्चें जब पढ़ाई कर रहे हो तो उनके पास से ऐसी चीज़े बिल्कुल हटा दें जो उनका ध्यान भटका सकतें है। सबसे ज्यादा जरूरी है इन दिनों में बच्चों का मोबाइल से दूरी बनाना।

Board Exam Preparation
how to prepare your child for board exam

हर बच्चें का एक पसंदीदा सब्जेक्ट होता है जिसे पढ़ना उन्हें बहुत पसंद होता है। ऐसे में अपने बच्चों की जब आप तैयारी करा रहे है तो पहले उन्हें पसंदीदा सब्जेक्ट के चैप्टर्स को कवर करने के लिए कहें। उसके बाद उन्हें वो सब्जेक्ट दें जो उन्हें सबसे ज्यादा मुश्किल लगता है। इस तरह से गैप के बाद अलग अलग सब्जेक्ट पढ़ने से उसका सिलेबस भी कवर होगा और मन भी लगा रहेगा।

आपका बच्चा पहले दिन जो भी पढ़ रहा है आप उसका एक टेस्ट तैयार करें और दूसरे दिन उसका टेस्ट लें इससे रह गयी कमी का वहीं पता चल जाएगा और फिर से तैयारी अच्छे से हो पाएगी।

ज्यादातर बच्चें चीजों को समझने से ज्यादा फोकस रट्टा मारने पर करते है लेकिन ऐसा करना आपके बच्चें को भारी पड़ सकता है। एग्जाम में कंफ्यूज होकर सब खराब कर सकता है। इसलिए बच्चें को समझाएं और याद करने के बाद उसे लिखकर प्रक्टिस करने पर जोर दें।

बोर्ड के एग्जाम का स्ट्रेस बच्चें पर वैसे ही बहुत होता है ऐसे में अगर आप हमेशा अपने बच्चें को पढाई के लिए रोकते टोकते रहेंगे तो इससे उनपर प्रेशर बढेगा। पढ़ाई के लिए अनुशासन जरुरी है लेकिन ज्यादा रोक टोक मुशिकल बना सकती है। इसलिए अपने बच्चें के साथ संतुलन बनाकर उनके साथ सुलाह के साथ तैयारी में उनका साथ दें।                

गायत्री वर्मा को मीडिया क्षेत्र में 7 वर्षों का अनुभव है। वे पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी के साथ बतौर डिजिटल कंटेंट राइटर फ्रीलांस रूप में जुड़ी हुई हैं। विभिन्न विषयों पर प्रभावशाली लेखन की दक्षता रखने वाली गायत्री, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स...