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सीबीएसई की कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं 15 फरवरी, 2025 से शुरू होने जा रही हैं। दसवीं कक्षा की परीक्षाएं 18 मार्च, 2025 तक चलेंगी। वहीं बारहवीं की परीक्षाएं 4 अप्रैल, 2025 तक समाप्त होंगी। इस साल होने वाली सीबीएसई परीक्षाओं के लिए शैक्षिक मानकों में कई बदलाव किए गए हैं।
CBSE 2025 Board Exam Update: हर स्टूडेंट के लिए बोर्ड एग्जाम बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं 15 फरवरी, 2025 से शुरू होने जा रही हैं। दसवीं कक्षा की परीक्षाएं 18 मार्च, 2025 तक चलेंगी। वहीं बारहवीं की परीक्षाएं 4 अप्रैल, 2025 तक समाप्त होंगी। इस साल होने वाली सीबीएसई परीक्षाओं के लिए शैक्षिक मानकों में कई बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य स्टूडेंट्स के शैक्षणिक अनुभव को बेहतर बनाना है। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार भी कुछ बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव लिखित परीक्षा और प्रैक्टिकल परीक्षा दोनों में ही किए गए हैं। बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने के लिए सभी स्टूडेंट्स को इन बदलावों की जानकारी होना बहुत जरूरी है।
परीक्षा फॉर्मेट में हुए हैं ये बदलाव

सीबीएसई 2025 की बोर्ड परीक्षा में कई बड़े बदलाव हुए हैं। इन बदलावों की जानकारी होने पर स्टूडेंट्स परीक्षा में ज्यादा नंबर स्कोर कर सकते हैं। इस बार 12वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम में सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अब योग्यता आधारित प्रश्न ज्यादा पूछे जाएंगे। यह बदलाव एनईपी के साथ तय किए गए हैं। इससे स्टूडेंट्स को एक्सपेरिमेंटल और एप्लीकेशन बेस्ड लर्निंग मिल पाएगी। ये प्रश्न इस तरीके से डिजाइन किए जाएंगे जिससे स्टूडेंट्स की थ्योरिटिकल और प्रैक्टिकल नॉलेज बढ़ेगी।
प्रश्नों की लंबाई में भी आया अंतर
बोर्ड की परीक्षाओं में प्रश्नों की लंबाई और शब्दों की संख्या दोनों ही बहुत ज्यादा मायने रखती है। क्योंकि इससे स्टूडेंट्स का स्कोर बढ़ने में मदद मिलती है। साथ ही टाइम भी बचता है, जिससे स्टूडेंट्स को पेपर सॉल्व करने में भी मदद मिलती है। साल 2025 में सीबीएसई ने क्रिएटिव प्रश्न उत्तरों की संख्या घटा दी है। इसमें छोटे और बड़े दोनों ही प्रश्न शामिल हैं। ये बदलाव 10वीं और 12वीं दोनों ही क्लास के लिए किए गए हैं। सीबीएसई का उद्देश्य है कि इससे स्टूडेंट्स की रटने की आदत छूट जाए और पढ़ाई को गहराई से पढ़ें। इससे स्टूडेंट्स की विश्लेषणात्मक और आलोचनात्मक सोच बढ़ेगी, जो उनके करियर में काम आएगा।
इंटरनल असेसमेंट में बढ़ावा
इस बार की बोर्ड परीक्षाओं को इंटरनल असेसमेंट को बढ़ावा दिया गया है। कुल 40 प्रतिशत अंक इंटरनल असेसमेंट के आधार पर होंगे, बाकी 60 प्रतिशत अंतिम बोर्ड परीक्षा पर आधारित होंगे। इस रिवाइस स्ट्रक्चर से स्टूडेंट्स की हॉलिस्टिक असेसमेंट को बढ़ावा मिलेगा। इसमें प्रोजेक्ट्स, पीरियोडिक टेस्ट और असेसमेंट भी शामिल है।
स्टूडेंट्स के लिए 75% अटेंडेंस हैं जरूरी
यह नियम भले ही पुराना है, लेकिन इस बार की बोर्ड परीक्षाओं में इसका सख्ती से पालन करना होगा। सभी स्टूडेंट्स के लिए 75% अटेंडेंस होना बहुत जरूरी है। इससे कम उपस्थिति होने पर स्टूडेंट्स को बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मेडिकल इमरजेंसी, गेम या अन्य वैध कारणों में अगर स्टूडेंट्स अनुपस्थित हों तो इसके लिए दस्तावेज भी जमा करवाने होंगे।
सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
इस बार की बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर सीबीएसई पहले से भी ज्यादा ध्यान देगा। सीबीएसई ने हर परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के आदेश दिए हैं। अगर कोई परीक्षा केंद्र इसमें कोताही करेगा तो सीबीएसई उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेगा।
