महाभारत की ये 14 सीख हमेशा रहती है उपयोगी, जानें क्या है ये पाठ: Mahabharat Lessons
Mahabharat Lessons

Overviewमहाभारत से मिलने वाली सीख:

महाभारत को युद्ध का ग्रंथ माना जाता है। पर वास्तव में इस ग्रंथ में छिपी शिक्षा हर क्षेत्र में हमारा मार्गदर्शन करती है।

Mahabharat Lessons: महाभारत को अमूमन युद्ध से संबंधित ग्रंथ माना जाता है। पर वास्तव में यह जीवन के हर पहलुओं से जुड़ा हुआ ग्रंथ है। जिसकी उपयोगिता व प्रासांगिकता कभी खत्म नहीं होती। ये ग्रंथ आमजन से लेकर राजनीति व प्रबंधन के कई गुर हमें सिखाता है। आज हम आपको महाभारत की 13 ऐसी सीखों के बारे में बता रहे हैं, जो जीवन के हर क्षेत्र के लिए उपयोगी है।

Mahabharat Lessons: 1.युद्ध अंतिम विकल्प

महाभारत सिखाता है कि लड़ाई या युद्ध किसी भी व्यक्ति या देश के लिए अंतिम विकल्प होना चाहिए। शिशुपाल के बार-बार आक्रमण पर भी श्रीकृष्ण युद्ध से बचते रहे। जरासंध, कालयवन और बाणासुर के आक्रमण पर उन्होंने मथुरा को छोड़ रणछोड़ कहलाना भी स्वीकार किया। पर वे अं​त तक युद्ध टालने रहे। महाभारत से पहले भी उन्होंने कौरवों को शांति दूत के रूप में खूब समझाया। सारे प्रयास विफल होने पर ही उन्होंने अंत में युद्ध का समर्थन किया।

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2. अधूरा ज्ञान नुकसानदेह

Mahabharat Lessons
Incomplete knowledge is harmful


महाभारत बताता है कि अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है। अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु ने मां के गर्भ में चक्रव्यूह में घुसने का ज्ञान तो पा लिया लेकिन उससे निकलने की जानकारी नहीं मिली। ये अधूरा ज्ञान ही उसके लिए प्राणघातक साबित हुआ। महाभारत के युद्ध में उसकी मौत चक्रव्यूह में फंसने से ही हुई। इसलिए हमें अपने कार्यक्षेत्र का पूरा ज्ञान होना चाहिए।

3. जुए से दूर रहें

Mahabhart Lessons Tips
Stay away from gambling


महाभारत युद्ध का आधार कौरवों व पांडवों के बीच खेला गया जुआ था। जिसमें पांडव जीत के लालच में अपना सब कुछ हारने के बाद पत्नी दौपदी को भी दाव पर लगा उसे गवा देते हैं। जिसके बाद भरी सभा में उसका चीर हरण ही महाभारत युद्ध का मुख्य कारण बना। ऐसे में महाभारत हमें सिखाता है कि लालच में आकर जुए व सट्टे जैसे कामों में नहीं फंसना चाहिए।

4. सत्य व नीति के साथ रहो

महाभारत हमें सत्य व नीति का साथ देना सिखाता है। भीष्म, द्रोणाचार्य व कर्ण जैसे योद्धाओं ने सही व गलत को जानने पर भी कौरवों का साथ देकर अपयश प्राप्त किया। जबकि श्रीकृष्ण ने कमजोर लेकिन सही पांडवों का साथ देकर हमेशा सत्य व नति का साथ देने की शिक्षा दी। पांडवों की जीत ने यह भी साबित किया कि अंत में विजय सत्य की होती है।

5. दोस्त का साथ दो

14 Mahabharat Lessons
Mahabharat Lessons-Support Your Friends

महाभारत दोस्ती की भी अनूठी मिसाल है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मित्र अर्जुन की हर परिस्थिति में सहायता की। महाभारत युद्ध में सारथी की भूमिका निभाकर गीता का उपदेश देकर सही रास्ते पर चलने की शिक्षा भी दी। महाभारत में करण व दुर्योधन की मित्रता भी यह सीख देती है कि दोस्त यदि गलत है तो उसका साथ नहीं देना चाहिए। वरना उसकी गिनती खलनायकों में होती है और वह अपयश का भागी होता है।

6. संतान का अनुचित मोह गलत

CHild Attachment
Child’s undue attachment is wrong


धृतराष्ट्र ने बेटे दुर्योधन को राजा बनाने के लिए उसके हर पाप में साथ दिया। उसके मोह के कारण ही महाभारत के युद्ध की नौबत आई। यदि वह निष्पक्ष होकर युधिष्टिर को राजा बना देता या उन्हें संपति में हिस्सा दे देता तो विनाशकारी महायुद्ध बच सकता था। पर उसने ऐसा नहीं किया। जिसका खामियाजा उसे अपने सौ बेटों की मौत से चुकाना पड़ा। ऐसे में महाभारत सिखाता है कि पुत्र मोह में फंसकर उसके गलत कार्यों का समर्थन नहीं करना चाहिए।

7. लक्ष्य पर ध्यान रखो

Mahabharat
Focus on Goals

धनुष विद्या प्राप्त करते समय गुरु द्रोणाचार्य ने जब पेड़ पर पक्षी को निशाना बनाने को कहा तो सब शिष्यों ने पक्षी के अलग— अलग अंगों के देखे जाने की बात कही। पर अर्जुन ने केवल उसकी आंख को लक्ष्य कर केवल वही दिखने की बात कही। इसी तरह द्रौपदी के स्वयंवर में भी अर्जुन ने केवल मछली की आंख को ही लक्ष्य बना उसे भेद दिया। इससे साबित होता है अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहकर ही मनुष्य सफल हो सकता है।

8. हक मत छीनो

Lessons from Mahabharat
Give all rights to a child

महाभारत दूसरों का हक नहीं छीनने की सीख भी देता है। पांडवों के राज्य का हक छीनने पर कौरवों का नाश ही हुआ। जबकि कंस का वध कर उसका राजपाट अपने नाना उग्रसेन को सौंपकर श्रीकृष्ण ने प्रसिद्धि प्राप्त की। ऐसे में दूसरों के अधिकार या संपति पर कभी हक नहीं जमाना चाहिए।

9. एकलव्य जैसा हो जुनून

Life Lessons
Mahabhart Lessons to Learn

महाभारत में एकलव्य को धनुष विद्या सीखने के लिए गुरु नहीं मिले। पर उसने इस विद्या को सीखने का संकल्प लेकर अभ्यास कर ही धनुष विद्या में महारत हासिल कर लिया। ये कथा हमें सीख देती है कि मनुष्य अभ्यास, मेहनत व संकल्प से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर कर सकता है।

10. कर्म करने रहने की सीख

भगवद् गीता भी महाभारत का ही हिस्सा है। जिसमें श्रीकृष्ण ने काम, क्रोध व लालच से दूर रहते हुए कर्म करने की अनूठी सीख दी। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अकर्मण्य, आलसी या निष्क्रिय ना रहते हुए वर्तमान में जीते हुए निष्काम कर्म करते रहना चाहिए। गीता के उपेदश आज भी प्रासांगिक होने की वजह से आम जीवन से लेकर मैनेजमेंट की कक्षाओं तक पढ़ाए जा रहे हैं।

11. नैतिक मूल्यों की शिक्षा

Worship
moral education

महाभारत पग- पग पर नैतिक मूल्यों की शिक्षा देता है। जैसे अनुशासन पर्व में पितामह भीष्म ने कहा कि ‘भूमि के समान कोई दान नहीं, माता के समान कोई गुरू नहीं, सत्य के समान कोई धर्म नहीं और दान के समान कोई पुण्य नहीं है। यदि इन मूल्यों को स्वीकार कर लें तो समाज से जमीन-जायदाद के झगड़े, माता— पिता की दुर्गति, गरीबी सरीखी समस्याएं दूर हो सकती है।

12. राजनीति की सीख

Political Lessons

महाभारत राजनीतिक शिक्षा भी देता है। यह ग्रंथ सिखाता है कि अन्यायपूर्ण किया गया शासन ज्यादा समय तक नहीं ठहरता। राजा को हमेशा धर्मपूर्वक शासन करता चाहिए। समानता, स्वतंत्रता व न्याय तक सबकी पहुंच होनी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर शासक का कंस व कौरवों जैसा हाल होता है।

13. आत्मनिर्भरता की सीख

Self Learning
Learning self reliance

महाभारत में एकचक्रा राज्य का राजा अपने बल की बजाय बकासुर राक्षस के बल पर राज करता था। लोगों की बलि मांगने पर भी राजा बकासुर के सामने असहाय था। बाद में भीम ने उसको मारकर प्रजा को उसके आतंक से मुक्त कराया। ये कथा दूसरों के भरोसे रहने की बजाय आत्मनिर्भरता की सीख देती है।

14. उकसावे से बचें

Provocation
Mahabharat Lessons-avoid provocation

महाभारत के युद्ध का एक बड़ा कारण दुर्योधन को उसके मामा शकु​नी द्वारा बार बार उकसाना भी था। इसी तरह कर्ण ने भी दुर्योधन के उकसावे में आकर अर्जुन के लिए रखे बाण को घटोत्कच पर चलाकर कौरवों की हार तय कर दी थी। ऐसे में महाभारत हमें यह भी सिखाता है कि किसी के भी उकसावे में ना आकर अपने विवेक से काम लेना चाहिए।

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