Overview:पहली करवा चौथ पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना होगा पछतावा
पहली करवा चौथ पर महिलाओं से छोटी-माटी गलतियां हो जाती हैं। लेकिन ध्यान रखा जाए तो इन गलतियों से बचा जा सकता है।
Avoid Mistake In Karwa Chauth: करवा चौथ का व्रत हर विवाहित महिला के लिए बेहद खास होता है। यह व्रत पति की लंबी आयु, सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है। करवा चौथ न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करती हैं। खासकर पहली करवा चौथ का उत्साह और महत्व और भी विशेष होता है, लेकिन कुछ गलतियां व्रत के फल को प्रभावित कर सकती हैं। जिसका पछतावा आपको जिंदगी भर हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि पहली करवा चौथ पर महिलाओं को किन गलतियों से बचना चाहिए।
सर्गी को न छोड़ें

सर्गी करवा चौथ के व्रत का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सास द्वारा दी जाती है। यह भोजन सूर्योदय से पहले खाया जाता है और व्रत के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। सर्गी को छोड़ना व्रत की परंपरा को तोड़ने के समान है। इसे जरूर ग्रहण करना चाहिए।
व्रत के दौरान खान-पान से बचें
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले सर्गी खाने के बाद शुरू होता है और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही समाप्त होता है। इस दौरान पानी या भोजन का सेवन सख्ती से वर्जित किया गया है। यदि भूलवश कुछ खा-पी लिया जाए, तो व्रत अधूरा माना जाता है और इसका आध्यात्मिक लाभ नहीं मिलता। इसलिए पूरे दिन निर्जला रहकर व्रत का पालन करें। ध्यान रहे कि यदि आपके परिवार में दिन में एक बार चाय पीने या फल खाने का रिवाज है तो उसे फॉलो करें।
चंद्र दर्शन से पहले व्रत न तोड़ें
करवा चौथ का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है। यदि किसी कारणवश चंद्र दर्शन से पहले व्रत तोड़ा जाता है, तो इसका कोई फल नहीं मिलता। चंद्रमा का दिखना इस व्रत में विशेष महत्व रखता है। इसलिए धैर्य रखें और चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोलें।
नुकीली वस्तुओं का उपयोग न करें
करवा चौथ के दिन सुई, कैंची, चाकू या किसी भी नुकीली वस्तु का उपयोग करना वर्जित है। ऐसा करना व्रत के फल को कम करता है और अशुभ माना जाता है। इस दिन सिलाई, कढ़ाई या अन्य नुकीले कामों से बचें। यह नियम व्रत की पवित्रता और शक्ति को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
दिन में सोने से बचें
करवा चौथ के व्रत के दौरान दिन में सोना निषिद्ध माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, व्रत के समय शरीर और मन को पूरी तरह भगवान के प्रति समर्पित करना चाहिए। दिन में सोने से मानसिक और आध्यात्मिक एकाग्रता भंग हो सकती है, जो व्रत के लाभ को प्रभावित करता है।
अपने सुहाग की वस्तुएं दान न करें

करवा चौथ पर सुहाग की वस्तुएं दान करना शुभ माना जाता है, लेकिन भूलकर भी अपनी सुहाग की वस्तुएं दान न करें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे सौभाग्य में कमी आ सकती है। दान के लिए नई वस्तुएं चुनें।
पति से झगड़ा न करें
करवा चौथ पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन पति के साथ किसी भी तरह का झगड़ा या विवाद करने से बचें। यह व्रत के उद्देश्य को कमजोर कर सकता है और नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। शांत और सकारात्मक माहौल बनाए रखें।
मेहंदी को नजरअंदाज न करें
करवा चौथ पर मेहंदी लगाना सुहाग की निशानी माना जाता है। यह न केवल सौंदर्य बढ़ाता है, बल्कि शुभता का प्रतीक भी है। पहली करवा चौथ पर मेहंदी लगाना न भूलें, क्योंकि यह व्रत और श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
करें शारीरिक और मानसिक तैयारी
करवा चौथ का व्रत शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। निर्जला व्रत के दौरान कमजोरी या चक्कर आने से बचने के लिए सर्गी में पौष्टिक और ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें। मानसिक रूप से सकारात्मक रहें और ध्यान या प्रार्थना के माध्यम से मन को शांत रखें।
