Overview: गलती से टूट जाए करवा चौथ का व्रत, तो ऐसे करें फिर से शुरुआत
करवा चौथ का व्रत यदि गलती से टूट जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। क्षमा याचना मंत्र द्वारा फिर से व्रत की शुरुआत करें।
Karwa Chauth Mistake: हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पवित्र व्रत मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को पड़ रहा है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु, सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है। यह एक निर्जला व्रत है, जिसमें महिलाएं दिनभर बिना कुछ खाए-पिए रहती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने और पति के हाथों जल ग्रहण करने के बाद ही व्रत पूर्ण होता है। लेकिन कई बार अनजाने में कोई गलती हो जाती है और व्रत टूट जाता है। ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि धैर्य से व्रत को दोबारा शुरू किया जा सकता है। धार्मिक ग्रंथों में भी ऐसी स्थिति से निपटने के उपाय दिए गए हैं। तो चलिए जानते हैं व्रत टूटने पर क्या कर सकते हैं।
व्रत का महत्व

करवा चौथ के व्रत का केवल धार्मिक महत्व नहीं है बल्कि ये प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। ये व्रत रखने से पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम और मजबूत रिश्ता कायम होता है। सदियों से महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती आई हैं। आजकल महिलाओं के साथ पुरुष भी निर्जला व्रत रखते हैं और पत्नी का साथ निभाते हैं।
गलती से व्रत टूटने पर क्या करें
यदि करवा चौथ का व्रत रखते समय अनजाने में कोई गलती हो जाए, जैसे कि कुछ खा लिया जाए या पानी पी लिया जाए, तो सबसे पहले मन में किसी भी तरह का नकारात्मक विचार न लाएं। व्रत को छोड़ने या अधूरा छोड़ने की बजाय, इसे फिर से शुरू करने का संकल्प लें। यह एक सामान्य मानवीय भूल हो सकती है, और शास्त्रों में इसका समाधान भी बताया गया है। सबसे पहले अपने मन को शांत करें और भगवान से क्षमा मांगें। इसके लिए ये उपाय कर सकते है।
क्षमा याचना मंत्र का जाप: अपने दाहिने हाथ में जल लें और क्षमा याचना मंत्र का 51 बार उच्चारण करें। मंत्र है: “आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥” इस मंत्र का अर्थ है कि मैं पूजा की विधि, आवाहन और विसर्जन नहीं जानता, हे परमेश्वर, मुझे क्षमा करें। मंत्र जाप के बाद जल को चंद्रमा को अर्पित करें। ऐसा करने से आपका व्रत पुनः शुरू हो जाएगा।
देवी-देवताओं से करें प्रार्थना: भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना करें, क्योंकि करवा चौथ का व्रत उनके आशीर्वाद से पूर्ण होता है। उनसे अपनी गलती के लिए क्षमा मांगें और व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ दोबारा शुरू करें।
व्रत का संकल्प दोबारा लें: अपने मन में यह संकल्प करें कि आप इस व्रत को पूरी निष्ठा और नियमों के साथ पूरा करेंगी। इसके बाद व्रत की पूजा और अन्य विधियों को पहले की तरह करें।
दान-पुण्य करें: यदि संभव हो तो व्रत पूर्ण होने के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र या दक्षिणा दान करें। इससे दोष का प्रभाव और कम होता है।
करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त

करवा चौथ 10 अक्टूबर शुक्रवार को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:16 बजे से शाम 6:29 बजे तक है। अनुमान है कि चंद्रमा शाम 7:40 मिनट पर उदय होगा। इससे पहले महिलाएं पूजा विधि और कथा संपन्न कर लें।
बरतें ये सावधानियां
करवा चौथ का व्रत अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए इसे रखते समय कुछ सावधानियां बरतें।
– सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खा लें, जिसमें पौष्टिक भोजन शामिल हो।
– दिनभर किसी भी तरह के नकारात्मक विचारों से बचें।
– पूजा के समय सभी सामग्री पहले से तैयार रखें ताकि कोई भूल न हो।
– यदि कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो व्रत रखने से पहले चिकित्सक से सलाह लें।
– किसी भी तरह के आडंबरों में न पड़े बल्कि परिवार के बड़े बुर्जुगों की सलाह से आगे बढ़ें।
