बचपन की एक शरारत भरी घटना आपके साथ शेयर कर रही हूं। स्कूल की शुरुआत में मेरी क्लास की एक मैम अक्सर पढ़ाई और होमवर्क को लेकर मुझे खूब डांटती और खिंचाई करती थी। इस वजह से मैंने उसे सबक सिखाने की सोची। एक दिन मैं घर से खेलने वाले कांच के कंचे लेकर आई और टीचर के खड़े होने की जगह पर फर्श पर डाल दिए।
इस उम्मीद में कि जैसे ही वह आएगी फिसलकर गिरेगी और खूब मजा आएगा। टीचर आई और पढ़ाने लगी। इसी दौरान उन्होंने मुझे होमवर्क की कॉपी लेकर आने को कहा तो मैं कॉपी लेकर हड़बड़ी में जैसे ही वहां गई, कंचों पर पांव पड़ते ही फिसल पड़ी और धड़ाम से गिरी। पूरी क्लास हंसने लगी तो टीचर मैम ने उन्हें डांट कर चुप कराया। फिर प्यार से उन्होंने मुझे उठाया और मेरा हालचाल पूछने लगीं। मुझे अपनी हरकत का फल मिल गया। शर्म भी बहुत आई। आगे से ऐसी शरारत न करने की कसम खाई।
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