उनके परिवार के पहनावा-ओढ़ावा, रहन-सहन व खान-पान से ऐसा लगता था मानो वे आधुनिक विचार-धारा के हैं और यदा-कदा वे रिश्तेदारों व आस-पड़ोस के लोगों के बीच अपने परिवार के आधुनिक होने का अहसास भी दिलाया करते थे, परंतु, उस दिन जब उनकी पुत्रवधू को बच्चा होने वाला था और उसे अस्पताल में भर्ती कराकर पड़ोसियों के साथ उनके परिवार के सदस्य भी खुशखबरी सुनने का इंतजार कर रहे थे।
तभी नर्स ने आकर बताया ‘लड़की हुई है। लड़की सुनकर उनके परिवार के सभी सदस्यों का खिला चेहरा उतर गया था। उनका उतरा चेहरा देखकर पड़ोसियों को यह समझने में देर न लगी कि वे आधुनिकता का नकाब भर ओढ़े हुए हैं।
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