Hindi Story: टाई की नॉट ठीक करते हुए कुंदन आदेश देता जा रहा था-‘सोफे का कपड़ा कम पड़ गया है, तुम खुद लाकर दे देना। इनके जिम्मे कर दिया तो समझो सब चौपट। दरवाज़े-खिड़कियों का वार्निश आज ज़रूर पूरा हो जाना चाहिए और देखो, प्लंबर आएगा तो जहाँ-जहाँ के नल और पाइप खराब हों, सब […]
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सजा: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: पप्पा का कार्ड आया है चाचाजी के नाम : ‘फैसले की तारीख 16 अप्रैल पड़ी है और इस बार निश्चित रूप से फैसला हो जाएगा, पहले की तरह स्थगित नहीं होगा। यदि छुट्टी मिल सके और असुविधा न हो तो दो दिन के लिए आ जाना।’मेरे और मुन्नू के लिए एक लाइन तक […]
छत बनानेवाले: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: दरवाज़े के बाईं ओर की दीवार पर लगी नेमप्लेट को दो बार अच्छी तरह पढ़ने के बाद बड़े झिझकते-से हाथों से शरद ने कुंडी खटखटाई।‘कौ..न?’ एक दहाड़ता-सा स्वर दरवाज़े से टकराकर बिखर गया। शरद की समझ में नहीं आया कि वह क्या कहे। एक बार तो मन हुआ कि चुपचाप चल दे और […]
क्षय: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: सावित्री के यहाँ से लौटी तो कुंती यों ही बहुत थका हुई महसूस कर रही थी। उस पर टुन्नी के पत्र ने उसके मन को और भी बुरी तरह मथ दिया। पापा को भी दो बार खाँसी का दौरा उठ चुका था। वह जानती थी कि वे बोलेंगे कुछ नहीं, पर उनका मन […]
एक बार और: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: सारा सामान बस पर लद चुका है। बस छूटने में पाँच मिनट बाकी है। ड्राइवर अपनी सीट पर आकर बैठ गया है। सामान को ठीक से जमाकर कुली नीचे उतर आया है और खड़ा-खड़ा बीड़ी फेंक रहा है। अधिकतर यात्री बस में बैठ चुके हैं, पर कुछ लोग अभी बाहर खड़े विदाई की […]
दरार भरने की दरार: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: मैंने घर में सबको मना कर दिया था कि जब श्रुति दी आएँ तो उस समय कमरे में कोई नहीं आएगा। छोटे भाई-बहनों को इस बात की कतई तमीज़ नहीं है। कोई भी मेरे पास आएगा, तो आनेवाले के आस-पास वे इस प्रकार मँडराएँगे, गोया वह उन लोगों से ही मिलने आया हो। […]
एक कमज़ोर लड़की की कहानी: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: जैसे ही रूप ने सुना कि उसका स्कूल छुड़वा दिया जाएगा, वह मचल पड़ी-‘मैं नहीं छोडूँगी स्कूल। मैं साफ-साफ पिताजी से कह दूँगी कि मैं घर में रहकर नहीं पढ़ूँगी। घर में भी कहीं पढ़ाई होती है भला! बस, चाहे कुछ भी हो जाए, मैं यह बात तो मानूँगी ही नहीं। आजकल कुछ […]
आते-जाते यायावर: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: कभी सोचा भी नहीं था महज़ मज़ाक में कही हुई बात ऐसा मोड़ ले लेगी। मोड़, और इस शब्द पर मुझे खुद ही हँसी आने लगी। मेरी जिंदगी में अब न कोई उतार-चढ़ाव आएगा, न मोड़। वह ऐसे ही रहेगी; सीधी, सहज और सपाट। हाँ, कभी-कभी उस सपाट जिंदगी में एक दरार डालकर […]
त्रिशंकु: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: ‘घर की चहारदीवारी आदमी को सुरक्षा देती है, पर साथ ही उसे एक सीमा में बाँधती भी है। स्कूल-कॉलेज जहाँ व्यक्ति के मस्तिष्क का विकास करते हैं, वहीं नियम-कायदे और अनुशासन के नाम पर उसके व्यक्तित्व को कुंठित भी करते हैं…. बात यह है बंधु, कि हर बात का विरोध उसके भीतर ही […]
श्मशान: मन्नू भंडारी की कहानी
Hindi Story: रात के दस बजे होंगे। श्मशान के एक ओर डोम ने बेफिक्री से खाट बिछाते हुए कबीर के दोहे की ऊँची तान छेड़ दी, ‘जेहि घट प्रेम न संचरै, सोई घट जान मसान!’ श्मशान का दिल भर आया। एक सर्द आह भरकर उसने पहलू में खड़ी पहाड़ी से कहा, ‘मैं इंसान को जितना […]
