Arrhythmia in Winter: सर्दियों का मौसम आमतौर पर त्योहारों और ठंड से जुड़ा होता है, लेकिन यह दिल की एक गंभीर समस्या का खतरा भी बढ़ाता है—दिल की धड़कन की गड़बड़ी, जिसे अरिदमिया कहा जाता है। मौसम बदलने, दिनचर्या में बदलाव और ठंडे वातावरण का असर दिल की इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर पड़ता है। यह खतरा खासतौर पर उन लोगों में अधिक होता है जिन्हें पहले से दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज है या जो उम्रदराज़ हैं।
सर्दियों में अरिदमिया क्यों बढ़ता है

ठंड में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। शरीर को गर्म रखने के लिए दिल तेज धड़कता है, जिससे उसकी सामान्य लय बिगड़ सकती है। सर्दियों में धूप कम मिलने से विटामिन D और शरीर की जैविक घड़ी (बॉडी क्लॉक) पर भी असर पड़ता है, जो दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा इस मौसम में शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, खान-पान बदल जाता है, शराब का सेवन और तनाव बढ़ जाता है—ये सभी कारण अरिदमिया को बढ़ा सकते हैं। फ्लू और निमोनिया जैसी सांस की बीमारियां भी सर्दियों में ज्यादा होती हैं। बुखार, पानी की कमी और सूजन के कारण दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है।
सर्दियों में दिखने वाली आम अरिदमिया
एट्रियल फिब्रिलेशन (AF): दिल की अनियमित और तेज धड़कन, जो ठंड, हाई बीपी और संक्रमण से बढ़ सकती है।
ब्रैडीकार्डिया: दिल की धड़कन का बहुत धीमा हो जाना, खासकर बुज़ुर्गों में।
वेंट्रिकुलर अरिदमिया: पहले से दिल की बीमारी वाले मरीजों में धड़कन की गड़बड़ी।
हार्ट ब्लॉक: सर्दियों में बीमारी या दवाओं के बदलाव से यह समस्या उभर सकती है।
किन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

छाती में तेज या अजीब धड़कन महसूस होना, चक्कर आना, अचानक थकान, सांस फूलना, सीने में दर्द या बेहोशी—ये सभी चेतावनी संकेत हैं। कुछ लोगों में चलने-फिरने की क्षमता कम हो जाती है। कई बार अरिदमिया बिना लक्षण के भी हो सकता है और जांच में ही पता चलता है। कब तुरंत इलाज जरूरी है अगर लक्षण अचानक, बहुत तेज या बढ़ते जा रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सीने में दर्द, बेहोशी, सांस लेने में दिक्कत, भ्रम की स्थिति या दिल की बहुत तेज या बहुत धीमी धड़कन—ये गंभीर स्थिति हो सकती है। जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी है या जिनके पास पेसमेकर/डिफिब्रिलेटर लगा है, उन्हें सर्दियों में ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।
बचाव और सर्दियों में दिल की देखभाल
- गर्म कपड़े पहनें, घर पर हल्का व्यायाम करें, संतुलित और दिल-स्वस्थ आहार लें, शराब कम पिएं और पर्याप्त पानी पिएं।
- ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखें।
- फ्लू का टीका लगवाएं और सांस की बीमारियों का समय पर इलाज कराएं।
- सर्दियों में दिल की धड़कन की गड़बड़ी एक गंभीर लेकिन रोकी जा सकने वाली समस्या है।
- सही जानकारी, समय पर लक्षण पहचानना और जल्दी इलाज से दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है।
- जागरूकता और सावधानी से सर्दियों में भी दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है।
डॉ. विवेक टंडन, डायरेक्टर – कार्डियक साइंसेज, शारदाकेयर हेल्थसिटी
