high blood pressure in children
high blood pressure in children

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अब 30 पार के लोगों को भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगी है। लेकिन हाल ही में हुए एक नए अध्ययन ने सबको चौंका दिया है। इस रिसर्च के मुताबिक पेरेंट्स को बच्चों के ब्लड प्रेशर पर भी नजर रखनी चाहिए।

High Blood Pressure in Children: हाई ब्लड प्रेशर यानी हाई बीपी को हमेशा से ही बड़ों की बीमारी माना जाता है। हालांकि अब 30 पार के लोगों को भी यह समस्या होने लगी है। लेकिन हाल ही में हुए एक नए अध्ययन ने सबको चौंका दिया है। इस रिसर्च के मुताबिक पेरेंट्स को बच्चों के ब्लड प्रेशर पर भी नजर रखनी चाहिए। इससे बच्चों को बड़े होने पर कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है।

रिसर्च का चौकाने वाला रिजल्ट

7 साल की उम्र से ही बच्चों का ब्लड प्रेशर चैक करवाना चाहिए।
Children’s blood pressure should be checked from the age of 7 years.

रिसर्च के अनुसार अगर बच्चों में 7 साल की उम्र में ही ब्लड प्रेशर ज्यादा पाया जाए तो भविष्य में उनमें दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि जिन बच्चों का बीपी बचपन में ज्यादा होता है। बड़े होने पर उनमें हार्ट डिजीज से मौत की आशंका करीब 50% तक ज्यादा होती है। ऐसे में 7 साल की उम्र से ही बच्चों का ब्लड प्रेशर चैक करवाना चाहिए।

हजारों बच्चों का किया अध्ययन

शिकागो की नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी की एक टीम ने 38,000 बच्चों पर एक लंबा अध्ययन किया। इन बच्चों का ब्लड प्रेशर 7 साल की उम्र में नापा गया। फिर उन्हें लगभग 54 साल तक ट्रैक किया गया। रिसर्च में साफ देखा गया कि जिन बच्चों का बीपी उनकी उम्र, लिंग और लंबाई के हिसाब से टॉप 10% में था, उनमें भविष्य में हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों से मौत का खतरा बहुत ज्यादा था।

सेहत पर शुरुआत से दें ध्यान

जामा पत्रिका में प्रकाशित हुई इस रिसर्च को बाल्टीमोर में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन हाइपरटेंशन साइंटिफिक सेशन 2025 में प्रस्तुत किया गया था। अध्ययन की मुख्य लेखिका डॉ. एलेक्सा फ्रीडमैन का कहना है कि हमें भी इस बात पर हैरानी हुई कि बचपन का हाई ब्लड प्रेशर इतने सालों बाद जानलेवा साबित हो सकता है। इससे यह साफ होता है कि बच्चों की सेहत पर शुरुआत से ही ध्यान देना बेहद जरूरी है।

अमेरिका में 3 साल की उम्र से जांच

भारत में आमतौर पर बच्चों का ब्लड प्रेशर चैक नहीं किया जाता है। लेकिन कई देशों में बचपन से ही बच्चों के ब्लड प्रेशर पर ध्यान दिया जाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार बच्चों के ब्लड प्रेशर जांच 3 साल की उम्र से हर साल होनी चाहिए। इससे समय रहते हाई बीपी को पहचाना जा सकता है। साथ ही दिल की बीमारियों से बचाव संभव है। हालांकि भारत सहित अन्य देशों में बच्चों का बीपी सिर्फ तभी जांचा जाता है जब कोई खास मेडिकल वजह हो।

पेरेंट्स को उठाने चाहिए ये कदम

हर माता-पिता अपने बच्चे की सेहत के लिए सजग होता है। इसलिए अगर आप अगली बार बच्चे की जांच करवाने जाएं तो उसका ब्लड प्रेशर जरूर चैक करवाएं। साथ ही बच्चों को हेल्दी डाइट दें। उन्हें नियमित रूप से एक्सरसाइज करवाएं और आउटडोर स्पोर्ट्स पर ध्यान दें। इससे बच्चों का वजन और लंबाई ठीक तरीके से बढ़ेगी। बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करना भी बहुत जरूरी है। इन कुछ कोशिशों से बच्चों को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...