Co-Parenting Tips
Co-Parenting Tips Credit: Istock

Overview: तलाक के बाद को-पेरेंटिंग में हो रही है दिक्कत, तो मलाइका से लें ये सीख

तलाक के बाद को-पेरेंटिंग चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन मलाइका अरोड़ा के अनुभव और सुझाव इसे आसान बना सकते हैं।

Co-Parenting Tips: तलाक एक कठिन निर्णय है और जब बच्चे शामिल हों, तो यह और भी जटिल हो जाता है। तलाक के बाद को-पेरेंटिंग  यानी बच्चों की परवरिश में दोनों माता-पिता का सहयोग, एक ऐसी चुनौती है जिसके लिए धैर्य, समझ और संतुलन की आवश्यकता होती है। कई बार आपसी मतभेद और ईगो के चलते बच्‍चे की परवरिश करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। लेकिन आपसी तालमेल और सूझबूझ से इसे आसान बनाया जा सकता है। जैसे बॉलीवुड अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा करती हैं। जी हां, तलाक के बाद  मलाइका और अरबाज खान अपने बेटे की सफल को-पेरेंटिंग कर रहे हैं। यदि आप भी को-पेरेंटिंग के बारे में जानना चाहते हैं तो मलाइका की ये एडवाइज फॉलो कर सकते हैं।

को-पेरेंटिंग की चुनौतियां

Co-Parenting Tips-को-पेरेंटिेंग के सुझाव
The Challenges of Co-Parenting

तलाक के बाद माता-पिता के बीच विश्वास अक्सर टूट जाता है। मलाइका ने एक इंटरव्‍यू में कहा, “को-पेरेंटिंग की अपनी चुनौतियां हैं, लेकिन समय के साथ हमने एक अच्छा संतुलन ढूंढ लिया। अरहान अब 22 साल का है और वह जानता है कि मां और पिता से किन बातों पर चर्चा करनी है।” मलाइका ने कहा कि बच्चों को माता-पिता की समस्याओं से दूर रखना चाहिए। उनकी यह सलाह को-पेरेंटिंग को आसान बनाने में महत्वपूर्ण है।

तलाक के बाद पेरेंटिंग प्लान है जरूरी

मलाइका का कहना है कि इस प्लान में बच्चों के समय, छुट्टियों, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य निर्णयों को शामिल करना चाहिए। एक अच्छा पेरेंटिंग प्लान असहमति को हल करने के तरीके भी बताता है। डिवोर्स कोच या फैमिली थेरपिस्ट की मदद से ऐसा प्लान बनाया जा सकता है, जो लंबे समय तक बच्चों के हित में काम करे।

सफल को-पेरेंटिंग के लिए सुझाव

को-पेरेंटिेंग के सुझाव
Tips for successful co-parenting

बच्चों की जरूरतों को प्राथमिकता दें: यह स्वीकार करें कि आपके बच्चे दोनों माता-पिता से प्यार करते हैं और उन्हें उनकी जरूरत है। माता-पिता में कमियां हो सकती हैं, लेकिन बच्चों के लिए दोनों का होना महत्वपूर्ण है। समस्‍या तब आती है जब कोई शारीरिक, यौन या गंभीर भावनात्मक दुर्व्यवहार हो।

एक-दूसरे का सम्मान करें: बच्चों के सामने सम्मानजनक व्यवहार करें। फोन पर बातचीत या मुलाकात के दौरान सकारात्मक और विनम्र रहें। यह बच्चों को कठिन परिस्थितियों से निपटने का तरीका सिखाता है।

घरों में एकरूपता बनाए रखें: दोनों घरों में नियम, अनुशासन और दिनचर्या में समानता लाने की कोशिश करें। सोने का समय, स्क्रीन टाइम या घर के कामों में थोड़ा अंतर ठीक है, लेकिन मुख्य नियमों में एकरूपता जरूरी है। साथ ही, आवश्यकता पड़ने पर लचीलापन भी दिखाएं।

बच्चों को बीच में न लाएं: बच्चों को संदेशवाहक, जासूस या सहयोगी न बनाएं। तलाक के कारणों, वित्तीय समझौतों या व्यक्तिगत समस्याओं की चर्चा बच्चों के सामने न करें।

माता-पिता की निंदा न करें: दूसरे माता-पिता के बारे में नकारात्मक बातें न कहें। इसके बजाय, सकारात्मक टिप्पणियां करें, जैसे “तुम्हारा गणित में हुनर तुम्हारी मां से आया है!” मलाइका की तरह, बच्चों को सकारात्मक माहौल दें।

बदलावों की चर्चा करें: को-पेरेंटिंग को बच्चों की परवरिश का एक व्यवसाय समझें। नियमित रूप से एक-दूसरे से बच्चों की प्रगति, आगामी योजनाओं और बदलावों पर चर्चा करें।

मलाइका का अनुभव

मलाइका ने बताया कि तलाक के बाद उन्हें खुद को प्राथमिकता देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन इस फैसले ने उन्हें और उनके बेटे को एक सकारात्मक माहौल दिया। उन्होंने बच्चों पर अपनी आशंकाएं न थोपने की सलाह दी। उनका मानना है कि बच्चों को माता-पिता की समस्याओं से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।