Summary: पहली बार स्कूल जा रहा है बच्चा? ऐसे मैनेज करें उसका स्लीप पैटर्न – 7 आसान टिप्स
बच्चे की नींद का सही रूटीन उसकी पढ़ाई, मूड और एनर्जी के लिए बेहद ज़रूरी है। इन 7 आसान टिप्स से आप उसके स्लीप पैटर्न को ठीक करके उसे स्कूल के लिए तैयार कर सकते हैं।
Child Sleep Schedule: जब बच्चा पहली बार स्कूल जाना शुरू करता है तो उसकी दिनचर्या में एक बड़ा बदलाव आता है। जहाँ पहले वह देर तक सोता था और खेलकूद में ही सारा समय बिताता था वहीं अब उसे जल्दी उठना और समय पर तैयार होना पड़ता है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती होती है बच्चे के स्लीप पैटर्न को सही करना। अच्छी नींद बच्चे की पढ़ाई, ध्यान और बेहतर मूड तीनों के लिए ज़रूरी है।
अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा समय पर सोए, समय पर उठे और पूरे दिन एनर्जेटिक रहे तो कुछ आदतों पर ख़ास ध्यान दें।
धीरे-धीरे डालें आदत

अचानक बच्चे के सोने और उठने का समय बदलने से वह चिड़चिड़ा हो सकता है। इस परेशानी से बचने के लिए स्कूल शुरू होने से कम से कम 2 हफ्ते पहले से ही उसका टाइम टेबल धीरे-धीरे एडजस्ट करें। उसे हर दिन 20-25 मिनट पहले सुलाएं। सुबह भी उसे थोड़ा-थोड़ा पहले उठाएं। ऐसा करने से उसका रूटीन सही समय पर सेट हो जाएगा।
माहौल बनाएं शांत और आरामदायक
अच्छी नींद के लिए शांत वातावरण होना बहुत ज़रूरी है। सोने से पहले टीवी, मोबाइल और तेज़ रोशनी से बच्चे को पूरी तरह से दूर रखें। कमरे की लाइट डिम करें और हल्का म्यूज़िक या सॉफ्ट स्टोरीटेलिंग करें। आरामदायक बिस्तर और साफ-सुथरा कमरा बच्चे को सोने में मदद करता है।
बेड बनाने की आदत डालें
बच्चों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियाँ देने से उनमें आत्मनिर्भरता और अनुशासन की भावना पनपती है। सोने से पहले बच्चे को अपना बेड खुद बनाने के लिए कहें। यह आदत उन्हें साफ-सफाई का महत्व सिखाती है और उनकी लाइफस्टाइल में एक सकारात्मक रूटीन को जोड़ती है। इस एक्टिविटी से बच्चों के दिमाग को यह सन्देश मिलता है की अब दिन खत्म हो गया है और ये समय आराम का है।
किताब पढ़ने की आदत डालें

सोने से पहले किताब पढ़ना बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह आदत उन्हें स्क्रीन टाइम से दूर रखती है और उनके दिमाग को शांत करती है। छोटी कहानियाँ, पिक्चर बुक्स या नर्सरी राइम्स पढ़ सकते हैं। इससे बच्चों में कल्पनाशक्ति बढ़ती है, शब्दावली अच्छी होती है और वे जल्दी सो जाते हैं। रोज़ रात एक ही समय पर किताब पढ़ने की आदत बच्चे के रूटीन को नियमित बनाती है।
वीकेंड पर भी रूटीन बनाएं रखें
अक्सर माता-पिता वीकेंड पर बच्चे को देर तक जगने देते हैं, लेकिन इससे पूरे हफ्ते का रूटीन बिगड़ सकता है। कोशिश करें कि बच्चे का सोने और उठने का समय रोज़ाना एक जैसा हो। यह आदत उसकी बॉडी क्लॉक को सही रखेगी और उन्हें सुबह उठने में परेशानी नहीं होगी।
आउटडोर एक्टिविटी पर ध्यान दें
दिनभर एक्टिव रहने और खेलकूद करने वाले बच्चे की नींद जल्दी आती है। रोज़ाना कम से कम 30-40 मिनट बच्चे को बाहर खेलने दें। दौड़ना, साइकिल चलाना, बैडमिंटन, फुटबॉल जैसी एक्टिविटी शरीर को थका देती हैं, जिससे बच्चा रात को गहरी नींद में सोता है। ध्यान रहे कि सोने के बिल्कुल पहले भारी खेल न खेलें, वरना बच्चा और एक्टिव हो सकता है।
योग को रूटीन में शामिल करें

योग और स्ट्रेचिंग न केवल बच्चे के शरीर को एक्टिव रखते हैं बल्कि उनकी नींद भी बेहतर करते हैं। सोने से पहले 10 मिनट बालासन, तितली आसन या हल्की स्ट्रेचिंग करवाई जा सकती है। ठीक इसी तरह सुबह उठने के बाद गहरी सांस लेने वाला योग सिखाएं इस तरह बच्चे को पूरे दिन फोकस्ड और शांत रहने में मदद मिलती है।
