Sleep Schedule
Sleep Schedule

Sleep Schedule: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में अनियमित नींद एक आम समस्या बन गई है। कई लोग देर रात तक जागते हैं और सुबह थकान महसूस करते हैं। इसका मुख्य कारण हमारे शरीर की बाइओलॉजिकल क्लॉक, जिसे सर्कैडियन रिदम कहते हैं, का असंतुलन है। नैचुरल सनलाइट इस क्लॉक को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाती है।

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे सुबह की धूप, दिन के समय की रोशनी, और शाम को रोशनी का लिमिटेड उपयोग करके हम अपनी स्लीप साइकिल में सुधार ला सकते हैं । इसके साथ ही, हम देखेंगे कि कैसे मौसम के अनुसार रोशनी के कॉनटेक्ट को उपयोग करना फायदेमंद होता है।

सुबह की धूप से नींद का संतुलन

सुबह उठने के बाद कम से कम 15 मिनट तक नैचुरल धूप में समय बिताना हमारी बाइओलॉजिकल क्लॉक को रीसेट करता है। यह ब्रेन को सिग्नल देता है कि दिन की शुरुआत हो गई है, जिससे हम दिनभर अलर्ट और एनर्जेटिक रहते हैं। सुबह की धूप मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को रोकती है, जो नींद लाने के लिए जिम्मेदार होता है, और कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाती है, जो हमें अलर्ट बनाता है। इसलिए, सुबह की धूप में समय बिताना रात की अच्छी नींद के लिए आवश्यक है।

दोपहर की धूप से ऊर्जा में वृद्धि

दोपहर के समय, खासकर लंच ब्रेक के दौरान, 10 मिनट की धूप में टहलना या बैठना दोपहर की सुस्ती को दूर करता है। यह हमारी एनर्जी और फोकस को बढ़ाता है, जिससे हम दोपहर के बाद भी ऐक्टिव रहते हैं। दोपहर की धूप सेरोटोनिन हार्मोन के स्तर को बढ़ाती है, जो मूड को बेहतर बनाता है और नींद की क्वालिटी में सुधार करता है। इसलिए, दिन में थोड़ी देर धूप में समय बिताना मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए अच्छा है।

शाम को आर्टिफिशिअल लाइट से बचें

शाम के समय, विशेषकर सोने से दो घंटे पहले, स्क्रीन और तेज़ आर्टिफ़िशिअल लाइट से बचना चाहिए। आर्टिफ़िशिअल लाइट , खासकर नीली रोशनी, मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को रोकती है, जिससे नींद आने में कठिनाई होती है। इसलिए, शाम को हल्की लाइट का उपयोग करें और स्क्रीन टाइम को सीमित करें। यह शरीर को आराम का सिग्नल देता है, जिससे नींद जल्दी और बेहतर आती है।

घर के अंदर हो नैचुरल लाइट

घर या ऑफिस में वर्क प्लेस को खिड़की के पास रखें ताकि नैचुरल लाइट मिलती रहे। हल्के पर्दे या शीयर कर्टन का उपयोग करें जो धूप को अंदर आने दें और प्राइवेसी भी बनाए रखें। नैचुरल लाइट न केवल मूड को बेहतर बनाती है, बल्कि सर्कैडियन रिदम को भी बैलेंस रखती है। इससे स्लीप साइकिल बढ़िया रहती है और ओवर ऑल हेल्थ में सुधार होता है।

मौसम के हिसाब से हो लाइट

सर्दियों में दिन छोटे होते हैं, जिससे नैचुरल लाइट कम मिलती है। ऐसे में, सुबह के समय लाइट थेरेपी बॉक्स का उपयोग करें या अधिक समय बाहर बिताएं। गर्मियों में दिन लंबे होते हैं, इसलिए सुबह और शाम के समय बाहर समय बिताना फायदेमंद होता है। मौसम के अनुसार रोशनी के संपर्क को समायोजित करना नींद के चक्र को संतुलित रखने में मदद करता है।

मेरा नाम दिव्या गोयल है। मैंने अर्थशास्त्र (Economics) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से हूं। लेखन मेरे लिए सिर्फ एक अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज से संवाद का एक ज़रिया है।मुझे महिला सशक्तिकरण, पारिवारिक...