Sleeping
Sleep Debt

Sleep Debt: आपके शरीर को जितनी नींद की जरूरत है और असल में उसे जितनी नींद मिलती है, उसके बीच के अंतर को स्लीप डेट कहा जाता है। यदि आप लगातार जरूरत से कम सोती हैं, तो यह स्लीप डेट कहलाता है। अभूत कम लोग ही यह जानते होंगे कि स्लीप डेट से थकान, कॉग्निटिव गिरावट, कमजोर इम्यूनिटी के साथ दिल के रोग और डायबिटीज जैसे क्रॉनिक रोग का खतरा बढ़ जाता है।

Sleep Debt
What is Sleep Debt

स्लीप डेट के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:

खराब नींद – अनियमित नींद का शेड्यूल, सोने से पहले स्क्रीन टाइम, या रात में कैफीन का सेवन करना।

काम और लाइफस्टाइल – लंबे समय तक काम करना, रात की शिफ्ट या व्यस्त सामाजिक जीवन।

तनाव और चिंता – मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नींद के पैटर्न को खराब कर सकती हैं और व्यक्ति को अच्छी नींद आने में दिक्कत हो सकती है।

मेडिकल कंडीशन – इनसोमनिया, स्लीप एप्निया और अन्य डिसऑर्डर क्रॉनिक नींद की कमी का कारण बन सकते हैं।

Changes in memory and mental status
Memory Loss

एक्यूमूलेटेड स्लीप डेट आपके हेल्थ और वेल बीइंग पर निम्नलिखित तरीकों से नकारात्मक असर डाल सकता है:

  • कॉग्निटिव इमपेयरमेंट – याददाश्त, ध्यान और निर्णय लेने की क्षमता में कमी।
  • खराब मूड – चिड़चिड़ापन, एंजायटी और डिप्रेशन।
  • कमजोर इम्यून सिस्टम – अधिक और बार-बार इन्फेक्शन होना।
  • क्रॉनिक रोगों का जोखिम बढ़ जाना – नींद की कमी मोटापे, डायबिटीज और दिल के रोगों से जुड़ी है।
  • प्रोडक्टिविटी में कमी – यदि दिन में नींद आती है तो यह काम के प्रदर्शन और क्रिएटिविटी को प्रभावित कर सकता है।
Good Sleep
Sleep Debt

लगातार कोशिश से स्लीप डेट को ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे:

लगातार नींद को प्राथमिकता दें : वीकेंड पर भी निश्चित समय पर सोने और जागने की कोशिश जरूरी है। बड़ों को रोजाना रात को 7-9 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है।

धीरे-धीरे नींद का समय बढ़ाएं : यदि आप बहुत ज्यादा स्लीप डेट से परेशान है, तो एक बार में बहुत ज्यादा सोने की कोशिश न करें। इसके बजाय, जब तक आपका शरीर ठीक न हो जाए, तब तक रोजाना रात 30 से 60 मिनट ज्यादा सोने की कोशिश करें।

रणनीतिक झपकी है जरूरी : दिन में 10 से 20 मिनट की झपकी रात की नींद पर असर डाले बिना अलर्टनेस बढ़ाने में मदद कर सकती है। देर शाम लंबी झपकी लेने से बचें, क्योंकि इससे आपकी रात की नींद खराब हो सकती है।

नींद के माहौल में सुधार लाएं : अपने बेडरूम को अंधेरा, शांत और ठंडा रखें। कम्फर्टेबल गद्दे और तकिए पर सोएं। सोने से पहले स्क्रीन कम से कम देखें और पढ़ने या मेडिटेशन पर ध्यान दें। 

नींद में खलल डालने वाली चीजों से बचें : शाम को या सोते समय कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करें। हेवी खाना न खाएं और सोने के समय एक्सरसाइज करें।

स्ट्रेस और एंजायटी को मैनेज करें : डीप ब्रीदिंग, मेडिटेशन या जर्नलिंग जैसे रिलैक्सेशन टेक्निक की प्रैक्टिस करें। यदि क्रॉनिक स्ट्रेस या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से आपकी नींद पर असर पड़ रहा है, तो प्रोफेशनल की मदद लें।

अपने शरीर की सुनें : थकान के संकेतों पर ध्यान दें और बहुत ज्यादा थकने से परहेज करें। 

स्पर्धा रानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज ने हिन्दी में एमए और वाईएमसीए से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। बीते 20 वर्षों से वे लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट लेखन में सक्रिय हैं। अपने करियर में कई प्रमुख सेलिब्रिटीज़ के इंटरव्यू...