Cancer Risk Prevention: कैंसर एक बहुत ही खतरनाक और लाइलाज बीमारी है, जो तेजी से फैलता है, और दोबारा होने पर ज़्यादा खतरनाक हो सकता है। हालांकि अगर सही समय पर इलाज मिल जाए तो इसे कंट्रोल जरूर किया जा सकता है। कैंसर का कोई पुख्ता इलाज न होने की बड़ी वजह यह है कि यह शरीर के किसी भी अंग पर हमला कर सकता है और बहुत तेजी से फैलता है, जिससे ज्यादातर पारंपरिक इलाज काम नहीं आ पाते। इसे समझना इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि अगर आपको एक बार कैंसर हो चुका है, तो बहुत ज्यादा संभावना है कि यह आपको दोबारा होगा और इस बार यह पहले से ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
इन आदतों को अपनाने से कैंसर का खतरा होगा कम
हालांकि, भले ही यह बीमारी लाइलाज हो लेकिन फिर भी इसे कई तरह से रोका जा सकता है और लगता है कि डॉक्टरों को इसका तरीका मिल गया है। आइए देखते हैं क्या हैं वे तीन चीजें जो कैंसर के खतरे को 60% तक कम कर सकती हैं। अगर आप भी अपने कैंसर को कम करना चाहते हैं तो इन तीन आदतों को जरूर अपना लें। हाल ही में हुई एक रिसर्च में पता चला है कि अगर हम अपनी रोज़मर्रा की तीन आदतों को अपना लें, तो कैंसर होने का खतरा करीब 60% तक कम हो सकता है। ये तीन आदतें हैं: विटामिन डी सप्लीमेंट लेना, ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करना और रोजाना हल्की-फुल्की कसरत करना।
विटामिन डी सेवन

विटामिन डी हड्डियों के लिए अच्छा होता है, यह तो सब जानते हैं, लेकिन यह कोशिकाओं के बढ़ने को कंट्रोल करने और सूजन कम करने में भी मदद करता है। रिसर्च से पता चलता है कि विटामिन डी कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने की रफ्तार को धीमा कर सकता है या उन्हें रोक सकता है।
विटामिन डी को अक्सर हड्डियों की सेहत के लिए जाना जाता है, लेकिन यह कोशिकाओं के बढ़ने को नियंत्रित करने और सूजन को कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन डी कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ को धीमा या रोक सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड और इसके फायदे
ओमेगा-3 फैटी एसिड जो आमतौर पर मछली के तेल में पाया जाता है, इसमें सूजन कम करने वाले गुण होते हैं और यह स्वस्थ कोशिका झिल्ली को बनाए रखने में मदद करता है।

ओमेगा-3 सूजन को कम करके और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करके सामान्य कोशिकाओं को कैंसर वाली कोशिकाओं में बदलने से रोक सकता है। इस स्टडी में, रोजाना 1 ग्राम ओमेगा-3 सप्लीमेंट की खुराक दी गई, जिसने विटामिन डी और कसरत के साथ मिलकर कैंसर के खतरे को कम करने में योगदान दिया।
हल्की कसरत है सबसे जरूरी
कैंसर से लड़ने में कसरत एक बहुत ताकतवर हथियार है। हल्की-फुल्की फिज़िकल एक्टिविटी से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, सूजन कम होती है और वजन भी कंट्रोल में रहता है – ये सभी बातें कैंसर के खतरे को कम करती हैं।

रेगुलर कसरत से शरीर में हार्मोन, जैसे कि इंसुलिन, भी नियंत्रित रहते हैं। अगर इंसुलिन का स्तर बढ़ा हुआ हो तो इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए, नियमित कसरत कैंसर से बचाव में एक अहम भूमिका निभाती है।
