Hindi Love Story: जब मैनें पहली बार उसे यानि पारो को देखा था तो मैं दंग रह गया था। सुंदरता और बात करने का सलीका वाकई काबिले तारीफ था। यह बात अमित ने अपनी डायरी में भी लिख रखी थी।
अमित के पड़ोस में “पारो” रहने आई थी। फिर संयोग से अमित और पारो कॉलेज में साथ साथ पढ़ने लगे। इस कारण दोनों की अक्सर मुलाकात और बातचीत होती रहती थी। धीरे धीरे अमित को पारो से प्यार हो गया था। प्यार भी इस कदर हुआ कि अमित पारो से मिलने के लिए तरसने लगा। अगर एक दिन भी किसी कारण मिलना नहीं हो पाता था तो अमित बैचेन सा हो जाया करता था। अमित का मन करता था कि उसका अधिक से अधिक समय पारो के साथ व्यतीत हो पर यह संभव नहीं हो पा रहा था। अमित पारो को बात ही बात में बोल दिया करता था कि पारो! मुझे तुम्हारा साथ अच्छा लगता है। बार बार मिलने का मन करता है। पारो अमित की बात सुनकर हँस कर टाल दिया करती थी।
पारो काफी सुलझी हुई थी। पारो को दिल ही दिल में आभास हो चुका था कि अमित को उससे प्यार हो गया है और अमित प्यार में खोया खोया सा परेशान सा रहने लगा है। बहुत पहले एक बार पारो ने अमित को कॉलेज की कैंटीन में किसी दूसरे के प्रेम प्रसंग पर बातों ही बातों में बताया था कि वह मानती है कि प्यार का दर्द वाकई गहरा होता है। पारो की इस बात पर अमित ने पारो से उसी वक्त पूछ लिया था कि आपको क्या पता कि प्यार का दर्द गहरा होता है? तब पारो ने अमित को बताया कि कॉलेज में उसकी प्रेम में डूबी हुई सहेलियों से, प्रेम कहानियों से, उपन्यासों से,अनेक प्रेमी युगल द्वारा आए दिन आत्महत्या जैसी घटनाएं कारित करने और कुछ फिल्मों से उसने अब तक यह तो महसूस किया ही है कि प्रेम का दर्द वाकई पीड़ादायक और असहनीय होता है। इसलिए वह प्रेम करने वालों के साथ पूरी सहानुभूति रखती है। उनके पल पल के दर्द को समझती है। पारो ने उस वक्त यह भी कहा था कि किसी ने प्रेम ही तो किया है। किसी को दिल से चाहा ही तो है तो फिर प्रेम के बदले किसी को नफरत या दर्द क्यों मिले?
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पारो ने एक दिन अपनी सहेली को अमित बारे में बताया था कि उसे खुद को पता नहीं कि उसे प्यार है या नहीं मगर वह यह तय कर चुकी है कि वह जब भी अमित से मिलेगी तो अमित के साथ उससे हँस कर मुस्कुरा कर ही मिलेगी और उसके दिल की बात सुनती रहेगी। उसके साथ सहानुभूति रखेगी ताकि वह खुश रहकर अपना जीवन जी सकें। प्यार के बदले वह उसका दिल कभी भी नहीं तोड़ेगी।
इस तरह प्यार का इकतरफा सिलसिला चल रहा था और दोनों के किसी न किसी तरह किसी न किसी जगह टकरा जाने पर पारो अमित के प्यार को, अमित के दर्द को महसूस कर उसका पूरा ख्याल भी रखने लगी।
एक रोज अमित से रहा नहीं गया और उसने पारो को हिम्मत कर बता ही दिया कि वह उससे प्यार कर बैठा है और अब बहुत बैचेन सा रहने लगा है। पारो पहले से ही यह अपेक्षित बात सुनकर बड़े ही सहज होकर अमित को अच्छा अच्छा कहकर मन की पूरी बात कहते रहने और मन को हल्का करने का पूरा अवसर देती रही। इस तरह आज अमित का मन बहुत खुश और हल्का हो चुका था कि उसने पारो को सब कुछ बता दिया और पारो ने भी उसके मन की पूरी बात सुनली है। धीरे धीरे अमित पारो से मिलने पर अपने मन की बातों को बता कर खुश होता रहा। मन हल्का करता रहा। एक रोज अमित और पारो के मिलने पर अमित अपना हाल सुनाता रहा तो पारो ने बड़े प्यार से अमित को समझाया कि देखो अमित! मुझे पता है कि तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो। मेरे लिए यह खुशी की बात है कि कोई मुझे प्यार करता है और मुझे चाहता है किंतु… अब किंतु सुनकर अमित के कान खड़े हो गए मगर वह गौर से सुनता रहा। पारो ने बोलना जारी रखते हुए कहा कि मुझे तुम्हारे जितना प्यार तुमसे है या नहीं मैं इस बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कह सकती हूं पर तुम्हारे प्यार को, तुम्हारी चाहत को, तुम्हारे भीतर के दर्द को समझती हूं। हां! इतना जरूर कहना चाहूंगी कि मुझे कभी प्यार हुआ तो तुम्हें बताने में कोई झिझक नहीं करूंगी। वैसे तुम्हारे प्यार की कद्र हमेशा करती रहूंगी।
अमित बड़े गौर से सुनता रहा और अन्त में अमित की दोनों आखें टपक पड़ी। कुछ देर तक दोनों तरफ़ खामोशी रही। फिर अमित ने खामोशी तोड़ते हुए कहना जारी रखते हुए कहा कि पारो! मुझे अच्छा लगा कि आपने बिना उखड़े हुए या बुरा माने हुए मेरे प्यार को समझते हुए अपने दिल की बात बताई है। चलो तब तक हम भी अपने दिल को समझाने का नाकाम प्रयास करेंगे मगर पारो! मैं तुमसे इतना कहना चाहूंगा कि मैं तुम्हें मन ही मन सदैव प्यार करता रहूंगा। तुम्हारा हर पल इन्तजार करता रहूंगा। और हां! तुम्हें अपने गले लगाने के लिए सदैव उत्सुक रहूंगा। और हां! मुझे यह भी उम्मीद है कि एक न एक दिन तुम्हें मुझसे प्यार हो ही जाएगा।अमित की बात पूरी होने पर पारो ने मुस्कुराते हुए कहा कि अमित! मैं तुम्हारे प्रेम की कद्र करती रहूंगी और तुम्हारे प्यार की पीड़ा को अपने दिल में सदैव महसूस करती रहूंगी। यह मत समझना कि मैं पत्थर दिल हूं। जाते जाते पारो मुस्कुराते हुए बोली कि अमित मैं भी दिल से चाहूंगी कि तुम्हारा सपना साकार हो। यदि ऐसा नहीं हुआ तो तुम्हारे प्यार के बदले तुम्हें और कुछ नहीं तो कभी न कभी एक जादू की झप्पी देने जरूर आऊंगी। यह मेरा वादा है। अमित के सामने थम्सअप का इशारा करते हुए और मुस्कुराते हुए फ़िर से अमित को बार बार मिलते रहने का बोल कर पारो आगे बढ़ गई और अमित देर रात तक वही सुन्न सा बैठा रह कर अपने अमर प्रेम के सपने को साकार होने के बारे में सोचता रहा। आंसू बहाता रहा। चिंतन करता रहा। हालांकि इसके बाद लंबा समय व्यतीत हो गया मगर अमित को आज भी उम्मीद है कि पारो एक न एक दिन प्यार भरा दिल लेकर उसे गले लगाने जरूर आएगी।
