वजन घटाने में मानसिक स्वास्थ्य पर कैसा पड़ता है असर: Weight Loss and Mental Health
Weight Loss and Mental Health

वजन घटाने से मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?

शरीर का बढ़ता वजन आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में शरीर के वजन को कम करके आप अपने मेंटल हेल्थ में सुधार ला सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में-

Weight Loss and Mental Health: वजन बढ़ना एक ऐसी समस्या है, जिससे निपटने के लिए करोड़ों लोग प्रयास कर रहे हैं क्योंकि मोटापा न सिर्फ आपके लुक को खराब करती है बल्कि इसकी वजह से कई बीमारियों का भी खतरा रहता है। ऐसे में बढ़ते वजन को कम करना आज के समय में काफी बड़ी चुनौती है। वजन घटाने से न सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। कुछ रिसर्च के मुताबिक, वजन कम करने से कई भावनात्मक लाभ भी होते हैं। यह जीवन के प्रति आपके दृष्टिकोण को बदलने में मदद कर सकता है। वजन घटाने से मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है, आइए जानते हैं इस विषय के बारे में विस्तार से-

मोटापे का मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है ?

वजन घटाने से मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है, इसके बारे में जानने से पहले आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि मोटापा आपके मेंटल हेल्थ को किस तरह प्रभावित करती है। भले ही आपकी उम्र कितनी भी अधिक या फिर कम हो, लेकिन कुछ ऐसी मानसिक समस्याएं है जिसका सामना आपको मोटापा बढ़ने पर करना पड़ता है।

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सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव

अधिक वजन आपकी सोशल लाइफ को खराब कर सकता है। शरीर का वजन अधिक होने से आप आलसी होते हैं। साथ ही आपका लुक भी आकर्षण और अनुशासित नजर नहीं आता है। इस तरह की धारणाएं कई लोगों के मन में होती हैं, जिसकी वजह से कई लोग आपने हीन भावना से भी देखने लग जाते हैं। ऐसे में आपके सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

negative impact of weight
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नकारात्मक व्यक्तिगत दृष्टिकोण

शरीर का वजन बढ़ने से न सिर्फ आपके लुक पर असर होता है, बल्कि यह आपको मानसिक रूप से भी बीमार कर सकता है। दरअसल, शरीर की अतिरिक्त चर्बी की वजह से आपके शरीर में सूजन उत्पन्न होती है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती है और डिप्रेशन का कारण बन सकती है। इससे आप सामाजिक स्थितियों में खुद को काफी अलग महसूस करते हैं। इस स्थिति से निकल पाना काफी ज्यादा कठिन हो जाता है।

इमोशनल ईटिंग

कुछ लोगों का बढ़ता वजन इमोशनल ईटिंग को प्रेरिण करता है। दरअसल, जब आपका वजन बढ़ता है, जो आप खुद को भावनात्मक रूप से आराम देने की कोशिश करते हैं। ऐसी स्थिति में कुछ लोग खाने को अपना सहारा बना लेते हैं। इसकी वजह से आपके शरीर का वजन और अधिक बढ़ सकता है। ऐसे में वजन को घटाना बहुत ही जरूरी है।

emotional eating
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वजन घटाने से आपके दिमाग पर कैसा असर पड़ता है ?

हम सामाजिक परिवेश और व्यक्तिगत संबंधों में अपने रंग-रूप पर अधिक जोर देते हैं। ऐसे में न सिर्फ चेहरे की खूबसूरती पर ध्यान देते हैं, बल्कि शरीर को आकर्षक बनाने का पूरा प्रयास भी करते हैं। ऐसे में जब आपका वजन कम होता है, तो आप काफी ज्यादा कॉन्फिडेंट फील करते हैं।

वजन कम करने के दौरान आप भावनात्मक रूप से काफी मजबूत महसूस करते हैं। इसकी वजह से आपके कई पहलुओं में सुधार देखने को मिलता है, जैसे- नींद में सुधार, शरीर में ऊर्जा, जीवन शक्ति और मनोदशा में सुधार आता है। इन सभी चीजों से आपका आत्मविश्वास, व्यक्तिगत दृष्टिकोण, पर्सनल आउटलुक, सेक्स लाइफ और सामाजिक जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। इससे स्ट्रेस, डिप्रेशन जैसी कई परेशानियों में सुधार ला सकते हैं।

अगर आप अपने शरीर का वजन कम करते हैं, तो आपकी कई पुरानी स्थितियों में भी सुधार लाया जा सकता है। खासतौर पर स्ट्रेस और डिप्रेशन की वजह से हुई समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है।

अगर आपका वजन जरूरत से अधिक है, तो इसे कम करने की जरूर कोशिश करें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि वजन को घटाने के लिए संतुलित आहार बहुत ही जरूरी है, ऐसे में खुद से अपना डाइट प्लान बनाने के बजाय किसी एक्सपर्ट की मदद से डाइट प्लान और अपना डेली रुटीन सेट करें, ताकि आपका वजन तेजी से कम हो सके।

निक्की मिश्रा पिछले 8 सालों से हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लिख रही हैं। उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में एमए और भारतीय विद्या भवन से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। लिखना उनके लिए सिर्फ एक प्रोफेशन...

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