ये विटामिन डी रिच फ़ूड रखेंगे आपकी हड्डियों का ख़्याल
विटामिन डी एक फैट-सोल्यूबल विटामिन है जो शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है। ये दोनों ही हड्डियों की मज़बूती के लिए ज़रूरी हैं।
Vitamin D rich food : आजकल अधिकांश लोग हाथ पैरों में दर्द, हड्डियों और जोड़ों की परेशानी का सामना कर रहे हैं। इसकी मुख्य वजह उनकी डाइट में विटामिन डी की कमी होना हैै। विटामिन डी एक फैट-सोल्यूबल विटामिन है जो शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है। ये दोनों ही हड्डियों की मज़बूती के लिए ज़रूरी हैं। इसलिए विटामिन डी की सही मात्रा हमारे शरीर में पहुँचना बेहद ज़रूरी है।
विटामिन डी के स्रोत
विटामिन डी सूरज की रोशनी, खानपान और सप्लीमेंट्स से मिलता है। सूर्य की किरणें इसका सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। यह हमारे शरीर कि विटामिन डी की आवश्यकता का 75 फ़ीसदी पूरा कर देती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन 20 से 30 मिनट सूर्य की किरणों के सामने घूमना चाहिए।

आजकल की व्यस्त दिनचर्या के चलते हर दिन धूप में बैठना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए अपनी विटामिन डी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए ऐसे फ़ूड की ज़रूरत होती है जिसमें विटामिन डी प्रचुर मत्रा में होता है। जानते हैं इन 15 विटामिन डी रिच फ़ूड कौन से हैं जिन्हें लेकर आप विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं।
अंडा
विटामिन डी रिच फूड्स की बात करें तो अंडे का नाम काफ़ी ऊपर आता है। इसमेंं विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है। हर दिन एक या दो अंडे डाइट में ज़रूर लें।
मछली
सालमन मछली में प्रचुर मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है। इसके अलावा हिलसा, सार्डिन, ट्यूना आदि में भी विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होती है।

कॉड लिवर ऑयल
कॉड मछली के लिवर से तैयार कॉड लिवर ऑयल में विटामिन डी की अच्छी मात्रा होती हैं।100 ग्राम कॉड लिवर ऑयल में करीब 210 से 250 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी उपस्थित होता है ।
ऑयस्टर
ऑयस्टर विटामिन डी का बेहतर स्रोत है। इसमें कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और सोडियम के साथ विटामिन डी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।ऑयस्टर की दो सामान्य सर्विंग्स में करीब 250 आईयू होता है।

बीफ लिवर
बीफ लिवर में कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस के साथ विटामिन डी भी पाया जाता है । 100 ग्राम बीफ लिवर में करीब 48 आईयू विटामिन डी उपलब्ध होता है ।
झींगा
झींगा मछली भी विटामिन डी का एक अच्छा स्त्रोत है। 1 कप झींगा में करीब 63 इंटरनेशनल यूनिट विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है। अगर आप नॉन-वेजीटेरियन हैं तो झींगा को सप्ताह में एक दिन ज़रूर सेवन करें।
डेरी प्रॉडक्ट्स
डेरी प्रॉडक्ट्स विटामिन डी के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। अगर आप शाकाहारी हैं तो आपको डेरी प्रॉडक्ट्स का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिये।

मशरूम
अगर शाकाहारी चीज़ों की बात करें तो मशरुम विटामिन डी का अच्छा स्त्रोत है। इसको बच्चे भी खूब पसंद करते हैं।
फ़ॉर्टिफ़ाइड फ़ूड
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए फोर्टिफाइड फ़ूड बहुत भी लाभकारी हो सकते हैं। इसमें दूध और अन्य रेडी टू ईट मील फ़ूड आते हैं।
संतरे का जूस
विटामिन डी वाले फलों में संतरे का नाम सबसे ऊपर आता है। कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और फास्फोरस के अलावा इसमें विटामिन डी भी प्रचुर मात्रा पाया जाता है।
सोया प्रोडक्ट्स
सोया प्रॉडक्ट्स जैसे टोफू, सोय मिल्क और सोया योगर्ट का इस्तेमाल विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है। सोया प्रोडक्ट्स में करीब 80 से 200 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी मौजूद हो सकता है।

दही
दूध के मुकाबले दही में विटामिन डी की अधिक मात्रा होती है। करीब 170 ग्राम दही में 80 से 200 आईयू तक विटामिन डी होता है।
मक्खन
मक्खन के इस्तेमाल से भी शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। 100 ग्राम मक्खन में करीब 60 आईयू विटामिन डी पाया जाता है।

रिकोटा चीज
इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम और जिंक के साथ-साथ विटामिन ए, बी, के, ई व डी भी होता है। रिकोटा चीज बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है।
पालक
पालक खाने से भी शरीर को विटामिन डी मिलता है। इसलिए अपनी डाइट में पालक और बाकी हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें। एक कप पकी हुई पालक में हमारी प्रतिदिन आवश्यकता का 25 प्रतिशत पूरी हो जाती है।
विटामिन डी के फ़ायदे
हड्डियों, मांसपेशियों के लिए ज़रूरी
विटामिन डी शरीर का कैल्शियम बनाए रखने में मददगार होता है। इस कारण यह हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता है। इसके कारण दांत मज़बूत रहते हैं। मांसपेशियों को भी यह मज़बूती प्रदान करता है।

इम्युनिटी बूस्टर
विटामिन डी शरीर में किसी तरह के बाहरी आक्रमण यानी वायरस, बैक्टीरिया, फंगस आदि के संक्रमण को रोक देता है। इसलिए इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए विटामिन D बहुत जरूरी है।

स्ट्रेस कम करता है
विटामिन D तनाव कम करने में बेहद मददगार होता है। यह डिप्रेशन को कम कर मूड सही करने का काम करता है।

ब्लड प्रेशर
विटामिन डी की सही माात्रा हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी के जोखिम को बहुत हद तक कम कर देती है. इसलिए आप भी रोजाना सूर्य की किरणों के सामने जरूर बैठें इससे शरीर को विटामिन D मिलता है।

कैंसर
कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव करने में विटामिन डी लाभकारी हो सकता है। इसलिए हर दिन अपनी डाइट में विटामिन डी की तय मात्रा ज़रूर सुनिश्चित करें।
विटामिन डी की कमी
भले ही कम मात्रा में सही लेकिन विटामिन डी शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है। इसकी कमी होने से शरीर में ये बीमारियों दिख सकती हैं-

ऑस्टियोपोरोसिस
हड्डियां कमजोर हो होने के कारण ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। इस कारण हड्डी के कमजोर और लचीले होने का खतरा बढ़ जाता है।
रिकेट्स
बच्चों में इसकी कमी के कारण रिकेट्स का कारण बन सकती है। इसमेंमें बच्चों की हड्डियां नरम होने लगती हैं।
ऑस्टियोमलेशिया
वयस्कों में इसकी कमी से ऑस्टियोमलेशिया का जोखिम हो सकता है। यह भी कमजोर हड्डियों की समस्या है।
इसकी कमी बीपी, शुगर व कैंसर के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर डालती है।
विटामिन डी की डोज़
- विटामिन डी की प्रतिदिन हमारे शरीर को आवश्यकता की बात करें तो यह अलग-अलग उम्र के साथ अलग-अलग होती है।
- 12 महीने तक के बच्चों को करीब 400 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) विटामिन डी की ज़रूरत होती है।
- एक साल से 71 साल की उम्र के बीच करीब 600 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) तक विटामिन डी की आवश्यता होती है।
- 71 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को करीब 800 आईयू विटामिन डी ज़रूरी होता है।

क्यों होती हैविटामिन डी की कमी
आजकल अधिकांश लोगों में विटामिन डी की कमी सामने आ रही है। इसके लिए कई कारण ज़िम्मेदार हैं। इनमें से ये कारण प्रमुख हैं-

- सूरज की रोशनी में कम जाने, सनस्क्रीन लगाने वजह से विटामिन डी की कमी होती जा रही है।
- ग़लत खान-पान और जंक फ़ूड की वजह से बढ़ता मोटापा भी विटामिन डी की कमी होने का प्रमुख कारण हो सकता है, क्योंकि रक्त में मौजूद फैट कोशिकाएं विटामिन डी को अवशोषित कर लेती हैं।
- जीवनशैली में बदलाव, डेस्क जॉब के चलते लाँग सिटिंग और धूप में चेहरे और हाथों को ढँक लेना भी इसकी कमी का प्रमुख कारण है।
- यदि आप ज्यादातर घर के अंदर रहते हैं या ठंडे देश में रहते हैं तो आपको विटामिन डी की कमी होने का खतरा हो सकता है।
- आपकी त्वचा में मेलेनिन सूरज की रोशनी की प्रतिक्रिया में विटामिन डी बनाने की क्षमता कम कर देता है। इसलिए जिन लोगों का रंग काला होता है उनमें विटामिन डी की कमी हो सकती है।
FAQ | क्या आप जानते हैं
विटामिन डी की कमी नहीं हो इसके लिए क्या करना चाहिये?
विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत क्या है ?
विटामिन डी की कमी से कौन-कौन सी बीमारी हो सकती हैं?
शरीर में विटामिन डी के कम होने के कौन से संकेत हैं?
