क्या प्रेग्नेंसी में व्रत रखना है सही? जानिए कैसे रखें उपवास
Fasting During pregnancy : प्रेग्नेंसी में व्रत रखने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इस दौरान खानपान का अच्छे से ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में व्रत रखना सही है या नहीं?
Fasting During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान व्रत रखना एक संवेदनशील मुद्दा है, क्योंकि इस समय माँ और गर्भस्थ शिशु दोनों को पर्याप्त पोषण की जरूरत होती है। व्रत रखने का निर्णय व्यक्तिगत स्वास्थ्य, डॉक्टर की सलाह, और गर्भावस्था की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि सही तरीके से और सावधानीपूर्वक व्रत रखा जाए, तो यह संभव है, लेकिन इसे करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
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व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह लें

प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर की पोषण संबंधी जरूरतें बढ़ जाती हैं। डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति, शिशु के विकास, और गर्भावस्था के चरण के आधार पर सुझाव देंगे कि व्रत रखना सुरक्षित है या नहीं।
पोषण का ध्यान रखें
व्रत से पहले और बाद में संतुलित आहार लें जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और विटामिन शामिल हों। नारियल पानी, ताजे फलों का रस, और दूध जैसे तरल पदार्थ पिएं ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। सूखे मेवे (बादाम, अखरोट) और फल (सेब, केला) खाएं, क्योंकि यह ऊर्जा प्रदान करते हैं।
लंबे समय तक भूखे न रहें
व्रत के दौरान बार-बार हल्का और पौष्टिक आहार लें। निर्जला व्रत (पानी न पीने वाला व्रत) से बचें, क्योंकि यह डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है।
तनाव न लें और आराम करें
शरीर को आराम देना बेहद जरूरी है। योग या हल्की स्ट्रेचिंग करें, लेकिन अधिक मेहनत वाले काम से बचें। इसके साथ ही यदि आपको गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes) या उच्च रक्तचाप है, तो व्रत न रखें। ब्लड शुगर लेवल गिरने पर तुरंत व्रत तोड़ें।

सावधानीपूर्वक व्रत तोड़ें
व्रत खोलने के लिए हल्का और सुपाच्य भोजन करें। तली-भुनी चीजों और भारी मसालों से बचें। इससे आप अपच जैसी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
कैसे रखें सुरक्षित उपवास
- दही, ओट्स, साबूदाना, और प्रोटीन युक्त भोजन लें।
- पर्याप्त पानी पिएं ताकि दिनभर हाइड्रेटेड रहें।
- खजूर, नारियल पानी, या फलों से शुरुआत करें।
- धीरे-धीरे सूप, खिचड़ी, और हल्का भोजन लें।
- अनार, सेब, केला, और संतरा जैसे फलों को शामिल करें।
कब व्रत न रखें
अगर आपको कमजोरी महसूस हो रही हो, तो व्रत न रखें।
गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने या आखिरी महीने में व्रत रखने से परहेज करें।
यदि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है, जैसे एनीमिया, मधुमेह, या हाई ब्लड प्रेशर।

प्रेग्नेंसी के दौरान व्रत रखना पूरी तरह से आपकी स्वास्थ्य स्थिति और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है। यदि आप व्रत रखना चाहती हैं, तो इसे सावधानीपूर्वक करें और अपने शरीर की जरूरतों का ध्यान रखें। किसी भी असुविधा या समस्या होने पर तुरंत व्रत छोड़ दें और डॉक्टर से परामर्श करें।
