Stress-Related Weight Loss: हम सभी ने बचपन से यही सीखा है कि किसी भी काम को हमेशा बेहद सोच-समझकर करना चाहिए। अगर हम बिना सोचे-समझे कोई काम करते हैं तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यह एकदम सही भी है। लेकिन थिंकिंग और ओवर थिंकिंग में काफी फर्क होता है। कुछ लोगों की यह आदत होती है कि वे छोटी-छोटी बातों के बारे में जरूरत से ज्यादा ही सोचते हैं। लेकिन ऐसा करने से ना केवल उनकी मानसिक शांति भंग होती है और व्यक्ति हरदम परेशान रहने लगता है। बल्कि इसका सीधा असर वेट लॉस जर्नी पर भी पड़ता है। मसलन, अगर इन दिनों आप अपना वजन कम करने की जुगत में लगे हैं, लेकिन साथ ही साथ आप एक ओवर थिंकर भी हैं तो आपका वजन कभी भी कम नहीं होगा। आपको शायद पता ना हो, लेकिन ओवरथिंकिंग और वजन आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह ओवरथिंकिंग आपकी वेट लॉस जर्नी को प्रभावित करती है-
बढ़ जाता है स्ट्रेस लेवल

अगर आपको ओवर थिंकिंग की आदत है तो यकीनन आप हमेशा की खुद को तनावग्रस्त महसूस करते होंगे। दअरसल, ओवरथिंकिंग के कारण व्यक्ति का स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है। जिसके चलते हमारे शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन उत्पन्न होता है, जो वजन घटाने में बाधा उत्पन्न कर सकता है। कोर्टिसोल एक ऐसा हार्मोन है, जो फैट स्टोरेज को बढ़ावा देता है, खासकर पेट के आसपास के एरिया में। कोर्टिसोल के बढ़े हुए स्तर के कारण व्यक्ति केा अनहेल्दी फूड आइटम्स खाने की इच्छा भी काफी बढ़ जाती है। इसके कारण भी किसी डाइट को फॉलो करना या हेल्दी फूड खाना काफी मुश्किल हो जाता है।
नींद में होती है परेशानी

आपने हमेशा यह नोटिस किया होगा कि जब भी आप किसी बात को लेकर बहुत अधिक सोचते हैं तो आपको रात में जल्दी से नींद नहीं आती है। दरअसल, बहुत ज्यादा सोचने से आपका दिमाग बहुत अधिक एक्टिव रहता है, जिससे आराम करना और सोना मुश्किल हो जाता है। जब आप अच्छी नींद नहीं लेते हैं तो इससे वजन कम करने में काफी परेशानी होती है। नींद की कमी के चलते लोग लेट नाइट ईटिंग या अनहेल्दी फूड खाते हैं और उनका वजन कम होने के स्थान पर बढ़ने लगता है।
करते हैं इमोशनल ईटिंग

जो लोग ओवरथिंकिंग करते हैं, उनके खाने का पैटर्न बिल्कुल भी सही नहीं होता है। दरअसल, जब व्यक्ति बहुत अधिक सोचता है तो वह तनावग्रस्त महसूस करता है। इस तनाव और चिंता से निपटने के लिए व्यक्ति इमोशनल ईटिंग करना शुरू कर देता है। वह ऐसे फूड्स को खाता है, जो उसे अधिक कंफर्टेबल फील करवाए। इस तरह के फूड्स अक्सर अनहेल्दी होते हैं और इनका कैलोरी काउंट भी अधिक होता है। जिसके कारण वजन कम करना या उसे मेंटेन करना यकीनन एक टफ टास्क बन जाता है।
फोकस की कमी

जो लोग जरूरत से ज्यादा सोचते हैं, उनमें अक्सर फोकस की कमी देखी जाती है। दरअसल, वे पूरा दिन सोचने में ही अपनी मेंटल एनर्जी को काफी हद तक खर्च कर देते हैं। जिसके चलते उनके लिए हेल्दी हैबिट्स पर फोकस करना या उस पर बने रहना काफी कठिन हो जाता है। ऐसे लोग अक्सर अपनी सोच व प्लॉन बदलते रहते हैं, जिसके कारण वे किसी भी डाइट या रूटीन को फॉलो नहीं कर पाते हैं और उनके लिए वजन कम करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
नहीं ले पाते सही डिसिजन

जरूरत से ज्यादा सोचने का एक नुकसान यह भी है। जब हम ओवरथिंकिंग करते हैं तो अपने वेट लॉस विकल्प के बारे में कुछ जरूरत से ज्यादा ही सोचते हैं। जिससे कोई भी निर्णय ले पाना काफी मुश्किल हो जाता है। हमें यह समझ ही नहीं आता है कि वजन कम करने के लिए कौन सा कदम उठाया जाए। इस तरह सही समय पर निर्णय ना लेने के कारण वजन घटाने में काफी मुश्किल हो सकती है। दरअसल, उस समय हम सोचते ज्यादा हैं और करते कम हैं।
अपनाएं ये तरीकें

अगर आपको लगता है कि आप एक ओवरथिंकर हैं और इसलिए अपने वजन को कम करने में परेशानी महसूस कर रहे हैं तो कुछ तरीकों को अपनाकर आप अपनी इस आदत को बदल सकते हैं। मसलन-
- अपने दिमाग को शांत करने और ओवरथिंकिंग को कम करने के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज या मेडिटेशन अवश्य करें।
- हमेशा अपेन जीवन में रियलिस्टिक गोल्स रखें। दरअसल, जब आप छोटे-छोटे कदम बढ़ाते हुए आगे बढ़ते जाते हैं तो इससे ओवरथिंकिंग की आदत को काफी हद तक मैनेज किया जा सकता है।
- हरदम सोचने की जगह अपना एक रूटीन सेट करें, जिसमें आप हेल्दी ईटिंग से लेकर एक्सरसाइज और सेल्फ केयर प्रैक्टिस आदि को शामिल करें। जब आप एक शेड्यूल बनाकर उसे फॉलो करते हैं तो इससे आपको ओवरथिंकिंग को कम करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि आपको पता होता है कि आपको क्या करना है। ऐसे में अतिरिक्त सोचने की जरूरत ही नहीं होती।
- ओवरथिंकिंग की आदत को कम करने के लिए किसी की मदद लें। आप प्रोफेशनल हेल्प ले सकते हैं या फिर किसी करीबी से बात करें। जब आप बात करके अपने मन की बात बोल देते हैं तो फिर ओवरथिंकिंग और उससे जुड़े तनाव को कम करने में मदद मिलती है।