Pregnancy body changes
Pregnancy body changes

Summary: गर्भावस्था में शारीरिक बदलाव

गर्भावस्था में सिर्फ पेट ही नहीं, बल्कि स्तनों, चेहरे, बालों, पैरों और मानसिक स्वास्थ्य में भी बड़े बदलाव आते हैं।

Pregnancy Body Changes: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में बहुत से बदलाव नजर आते हैं। यह बदलाव शारीरिक और मानसिक दोनों होते हैं। इन बदलावों के मुख्य कारण गर्भावस्था के दौरान महिला में हो रहे हार्मोनल स्तर में बदलाव है। आज हम इस लेख में जानेंगे गर्भावस्था के दौरान महिला के पेट के अलावा शरीर के किन अंगों में बदलाव नजर आते हैं और वह कौन से बदलाव हैं आईए जानते हैं।

गर्भावस्था के शुरुआती महीनों से ही महिला अपने स्तनों में बदलाव महसूस करने लगती है। महिला के स्तनों का आकार बढ़ने लगता है उसके निपल्स और उसके आसपास का हिस्सा पहले से ज्यादा गहरे रंग के लगने लगते हैं।

गर्भावस्था के दौरान हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण स्तनों में भारीपन महसूस होता है। आखरी महीने में उनसे दूध का रिसाव भी शुरू हो सकता है।

महिला के स्तनों में इस तरह के बदलाव बच्चों के जन्म के बाद पोषण की तैयारी के लिए होता है।

Pregnancy body changes
Face and Skin Changes

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव का असर महिला के चेहरे और त्वचा पर भी नजर आता है। चेहरे और त्वचा का बदलाव प्रत्येक गर्भवती महिलाओं में अलग हो सकते हैं जैसे कुछ महिलाओं के त्वचा गर्भावस्था के दौरान पहले से अधिक चमकदार और खूबसूरत हो जाती है, जबकि कुछ महिलाओं के चेहरे पर काले धब्बे आ सकते हैं, कुछ के चेहरे पर मुंहासे भी हो सकते हैं। महिलाओं के अंदर यह बदलाव पूरी तरह हार्मोनल स्तर पर निर्भर करता है।

गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में तेजी से एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में बदलाव आता है जिसका असर उनके बाल और नाखूनों पर भी दिखता है।

कुछ गर्भवती महिलाओं के बाल पहले से ज्यादा घने और चमकदार हो जाते हैं, जबकि कुछ के बाल झड़ने लगते हैं।

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के नाखून तेजी से बढ़ते हैं, लेकिन उनकी कठोरता में कमी आती है वह आसानी से टूट जाते हैं।

गर्भावस्था में वजन बढ़ाने के साथ पैरों में सूजन आम बात है कई बार पैरों में सूजन के साथ-साथ टांगों में ऐंठन भी रहता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में पैरों की नशे सूजी हुई नीली दिखाई पड़ती है। इन सब का मुख्य कारण गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव है।

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में बढ़ते वजन के साथ कमर दर्द और अकड़न की समस्या भी बढ़ जाती है जिसकी वजह से कभी-कभी उनके चाल में बदलाव भी आता है जिसे प्रेगनेंसी वाडले कहा जाता है।

गर्भाशय का बढ़ता वजन किडनी और पाचन तंत्र पर दबाव डालता है। जिसके कारण गर्भवती महिला को बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है। कुछ महिलाओं में खांसते या छींकते समय यूरीन लीकेज की समस्या भी हो जाती है।

गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ता है जो की पाचन तंत्र के कार्य को धीमा करता है जिसके कारण महिलाओं को गैस, कब्ज और एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है।

गर्भावस्था दौरान एक महिला के शरीर के साथ-साथ मानसिक स्थिति में भी बदलाव आता है। गर्भावस्था के दौरान हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण महिला मूड स्विंग, तनाव और थकान जैसी परेशानियों का सामना करती है।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...