Taste changes and smell sensitivity in pregnancy
Taste changes and smell sensitivity in pregnancy Credit: Istock

Summary: गर्भावस्था में बदलाव के पीछे का कारण

गर्भावस्था में रंग, स्वाद और गंध के बदलाव के पीछे हैं हार्मोनल और मनोवैज्ञानिक कारण जानिए पूरी बात।

Pregnancy Hormonal Changes: गर्भावस्था के दौरान महिलाएं बहुत से बदलावों से गुजरती हैं, इनमें शारीरिक और मानसिक बदलाव के साथ-साथ उनके स्वाद, रंग और गंध में भी बदलाव आता है। कई महिलाओं का तो यहां तक कहना होता है कि उन्हें पहले जो चीज खाना पसंद था अब उसका स्वाद उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं है। जिन चीजों की खुशबू पहले उन्हें अच्छी लगती थी, अब उनसे उनका जी खराब होता है। यहां सवाल यह है प्रेगनेंसी के दौरान स्वाद और गंध में इतना बदलाव क्यों आ जाता है, आईए जानते हैं इस लेख में।

Taste changes and smell sensitivity in pregnancy
Psychological and Hormonal Factors

गर्भावस्था के दौरान महिला में इस तरह के बदलाव का कारण मनोवैज्ञानिक और हार्मोनल दोनों ही होते हैं। अगर हम हार्मोनल कारण की बात करें तो प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और HGC हार्मोन के स्तर में तेजी से बदलाव होता है जो की गर्भवती महिला को स्वाद, गंध और रंग के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाते हैं।

मनोवैज्ञानिक कारण, गर्भावस्था के दौरान महिला कई तरह के डर, चिंता, तनाव और मूड स्विंग का सामना कर रही होती है जो की महिला के पसंद और स्वाद को प्रभावित करते हैं।

स्वाद का बदलना: गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में तेजी से बदलाव होता है। यह हार्मोन जीभ में मौजूद स्वाद के रिसेप्टर को प्रभावित करते हैं, जिस कारण गर्भवती महिला के स्वाद में बदलाव आता है। उन्हें खाद्य पदार्थ का स्वाद ज्यादा तेज, फीका या कड़वा महसूस हो सकता है। गर्भवती महिला के स्वाद में बदलाव का कारण इस दौरान होने वाले डर, चिंता या क्रेविंग्स भी हो सकती है। इसके अलावा महिला का जी खराब रहने के कारण भी उनके स्वाद में बदलाव नजर आ सकता है।

तेज गंध आना: गर्भवती महिला में बढ़ा हुआ एस्ट्रोजन स्तर गंध पहचानने वाली कोशिकाओं को अधिक सक्रिय बनता है यही वजह है कि गर्भवती महिला को हल्की गंध भी तेज महसूस होती है।

दृष्टि पर असर: गर्भावस्था के दौरान महिला में बढ़ा हुआ प्रोजेस्टेरोन हार्मोन आंखों की कॉर्निया में हल्के सूजन का कारण बनता है जिस वजह से महिला को रंगों को समझने में थोड़ी परेशानी होती है। गर्भावस्था के दौरान होने वाला तनाव और मूड स्विंग्स भी रंगों के पहचान को बदलते हैं उदाहरण के तौर पर अगर महिला खुश है तो उसे रंग ज्यादा चमकीले लग सकते हैं और उदास होने पर धुंधले लगा सकते हैं।

आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान महिला में इस तरह का बदलाव बहुत ही आम है, खासतौर पर पहले तीन महीने में। गर्भावस्था के बढ़ते महीनो के साथ-साथ इस तरह के बदलावों में कमी आती है। लेकिन अगर महिला बदलते स्वाद या गंध के कारण ठीक से खाना नहीं खा पा रही है तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

कैसे राहत पाए: महिला को जिन तेज गंध से परेशानी है उससे दूरी बनाएं। अपने खाने में नींबू, अदरक या पुदीने को शामिल करें, यह गर्भवती महिला के जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्या को कम करने में मददगार है।

एक बार में अधिक खाना ना खाएं। थोड़ा-थोड़ा खाना कई बार करके लें। दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिए जिससे गर्भवती महिला का पाचन सही रहे।

अपने तनाव, डर और चिंता को कम करने के लिए अपने पसंद के काम करें, खुद को व्यस्त रखें, अच्छा म्यूजिक सुने और अपनी पसंद की किताबें पढ़ें। ज्यादा परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...