पहले बच्‍चे के बाद  बहुत जल्दी दूसरी गर्भावस्था होना मां के लिए आसान नहीं होता, मगर फिर भी महिला अगर  गर्भवती हो जाती हैं  तो ऐसे समय बहुत जरूरी है कि वो अपने खानपान का खास ध्यान रखें, क्योंकि पहले बच्‍चे के बाद मां के शरीर को दुरुस्‍त करने और सभी पोषक तत्‍वों की भरपाई करना बहुत ज़रूरी होता है।  
 
‘‘मैं पहले शिशु को जन्म देने के 10 सप्ताह बाद ही दोबारा गर्भवती हो गई। इससे मेरे व गर्भस्थ शिशु की सेहत पर क्या असर पड़ सकता है?”
एक शिशु के जन्म के बाद अचानक दोबारा गर्भवती होना, यह घटना काफी तनावपूर्ण हो सकती है क्योंकि आप इसके लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं थीं। सबसे पहले तो अपना मन शांत करें। हालांकि एक के बाद दूसरी गर्भावस्था मां की सेहत पर काफी असर डालती है लेकिन फिर भी आप कुछ बातों का ध्यान रखकर इस चुनौती का सामना कर सकती हैं
 
  • गर्भावस्था का पता चलते ही प्रसव संबंधी देखभाल शुरू कर दें।
  • अपने खान-पान की आदतों में बदलाव लाएं। यदि आप पहले शिशु को स्तनपान भी करवा रही हैं तो शायद अभी आपके शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाया होगा। आपको अपने व गर्भ में पल रहे शिशु के लिए पोषण की भरपूर मात्रा लेनी होगी। डॉक्टर की सलाह से प्रोटीन, आयरन व दूसरे विटामिनों को अपनी खुराक में शामिल करें। खाने के लिए पूरा समय निकालें।हालांकि आपकी दिनचर्या काफी व्यस्त होगी, लेकिन अपने लिए समय तो निकालना ही होगा।
  • पर्याप्त मात्रा में वजन बढ़ाना होगा। नए भ्रूण शिशु को भी वही सब चाहिए जो आपने पहले शिशु के लिए किया था। डॉक्टर से राय लें व उसी के हिसाब से अपना वजन बढ़ाएं। उत्तम-पोषण युक्त आहार की मदद से धीरे-धीरे अपना वजन बढ़ाएं। अगर पूरी कोशिश के बावजूद वजन न बढ़े तो अपनी कैलोरी की मात्रा पर ध्यान दें।
  • यदि अब तक आप अपने शिशु को स्तनपान करवा रही थीं तो अब डॉक्टर की राय से उसे डिब्बे वाला या दूसरा दूध दे सकती हैं। आपको अपने नन्हें शिशु व गर्भ में पल रहे शिशु, दोनों की ही सेहत का ध्यान रखना है लेकिन साथ ही स्वयं आराम करना न भूलें।
  • हो सकता है कि आपके शरीर को दूसरों से ज्यादा आराम की जरूरत पड़े। आपको अपना घर भी संभालना है इसलिए प्राथमिकता तय करें। यह जरूरी नहीं कि हर गैरजरूरी काम भी आपने ही निपटाना है। जब शिशु सो जाए तो खुद भी आराम करें। रात को पापा की ड्यूटी लगाएं कि वे नन्हे को बोतल का दूध बनाकर पिलाएं। यदि स्तनपान कराती हों तो भी रात को शिशु को बहलाने के लिए तो पापा को उठा ही सकती हैं।
  • इतना व्यायाम अवश्य करें, जिससे आपको थकान महसूस न हो। यदि अलग से कसरत के लिए समय निकालना मुश्किल हो तो छोटे बेबी को स्टांलर में लिटाकर चहलकदमी के लिए जाएं। बेबी को किसी के पास छोड़ कर भी व्यायाम की कक्षा में जा सकती हैं।
  • अपने-आप को गर्भावस्था से जुड़े खतरों से दूर रखें; जैसे धूम्रपान या मदिरा सेवन! आपको व गर्भस्थ शिशु को हर हालत में तनाव से बचना होगा।

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