गर्भावस्था में आपका शरीर कितनी मेहनत करता है, शायद आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकतीं। इस समय तो इसे आपका ढेर सा लाड़ और देखभाल चाहिए। आइए, आपको सिखाएं कि इसे सुरक्षित रूप से कैसे किया जा सकता है।

मालिश (मसाज) :- पीठ दर्द या रात को जगाने वाली बेचैनी से छुटकारा पाना चाहती हैं तो शरीर की मालिश करें। गर्भावस्था में तनाव और पीड़ा से बचने का इससे बेहतर उपाय हो ही नहीं सकता लेकिन फिर भी आपको इससे जुड़े कुछ निर्देशों का पालन करना होगा ताकि यह मालिश आरामदायक होने के साथ-साथ सुरक्षित भी हो।

  • सही हाथों से मालिश करवाएं। यह देख लें कि मालिश देने वाले के पास इसका लाइसेंस है या नहीं? उन्हें गर्भावस्था से जुड़ी सारी सावधानियों की जानकारी है या नहीं?
  • गर्भावस्था की पहली तिमाही में मालिश से परहेज करें क्योंकि इससे मॉर्निंग सिकनेस उनींदापन बढ़ सकते हैं। अगर आप पहली तिमाही में मालिश करा चुकी हैं तो भी, कोई बात नहीं, इसमें कोई खतरे वाली बात नहीं होती।
  • सही मुद्रा में आराम करें चौथे महीने के बाद जरूरत से ज्यादा पीठ के बल न लेटें अपने मसाज थेरेपिस्ट से कहें कि वे मालिश के समय खास तरह के तकिए का इस्तेमाल करें या फोम वाले कुशन लगाएं, जिससे आपके शरीर को आराम मिल सके।
  • बिना गंध वाले लोशन का इस्तेमाल करें। तेज गंध से आपको परेशानी हो सकती है।
  • केवल सही जगह पर ही मलें। शरीर के कई हिस्से ऐसे हैं, जिन पर दबाव देने से कांट्रक्शन बढ़ सकता है। आप के मालिश करने वाले के पास गर्भावस्था से जुड़ी देखभाल का प्रशिक्षण होना चाहिए। पेट के निचले हिस्से पर मालिश न करवाएं। यदि वे ज्यादा तेज हाथ लगा रहे हों या आपको तकलीफ महसूस हो रही हो। तो उन्हें उसी समय बताएं। इस बारे में आप ही ज्यादा बेहतर राय दे सकती हैं।

अरोमाथैरेपी :- गर्भावस्था में सेंट के मामले में थोड़ा कॉमन सेंस का इस्तेमाल करें क्योंकि इसके कुछ तेल आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। किसी भी तरह की अरोमाथैरेपी  का सावधानी से प्रयोग करें। गुलाब, लैवेडर, चमेली,जैसमिन, टैंगिन, नैरोली व यलांग-यलांग जैसे तेल कुछ हद तक इस्तेमाल हो सकते हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं को बेसिल,जूनीपर, रोजमैरी, सेग पिपरमिंट, मारीनो वथाइम आदि तेलों के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि इससे यूटेराइन कांट्रक्शन हो सकता है। (मिडवाइफ प्रसव के समय इन तेलों का इस्तेमाल करती हैं।) यदि आप इन तेलों का इस्तेमाल कर चुकी हैं तो भी घबराने वाली कोई बात नहीं है। ये तेल त्वचा में अवशोषित नहीं हो पाते क्योंकि पीठ की त्वचा काफी मोटी होती है। बाथ व ब्यूटी शॉप पर बिकने वाले सारे उत्पाद सुरक्षित होते हैं बशर्तें उनकी सेंट कन्संट्रेटेड न हो।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बॉडी ट्रीटमेंट, स्क्रब, रैप और हाइड्रोथैरेपी:- यदि बॉडी स्क्रब आपकी संवेदनशील त्वचा को नुकसान न पहुंचाए तो उन्हें सुरक्षित माना जा सकता है। कुछ हर्बल रैप फायदेमंद होते हैं लेकिन इनसे आपके शरीर का तापमान बढ़ सकता है। हाइड्रोथैरेपी में भी 1000 फॉरेनहाइट तक का गुनगुना स्नान किया जा सकता है लेकिन सोना बाथ,स्टीम रूम व हॉट टब से दूर ही रहें।

टैनिंग बैड, स्प्रे व लोशन :- गर्भावस्था में चेहरे पर छाए पीलेपन से परेशान हैं। सॉरी लेकिन टेनिंग बैड आपके काम नहीं आएंगे। इनसे आपके शरीर का तापमान इतना बढ़ सकता है, जो कि शिशु के शारीरिक विकास में घातक होगा। अगर आप सनग्लास टैनिंगलोशन या स्प्रे इस्तेमाल करने जा रही हैं तो पहले अपने डॉक्टर की राय ले लें। आपको पता होना चाहिए कि कई बार हार्मोनल बदलाव की वजह से भी रंग बदलता है। हम आपको इसी किताब में टैटू, हिना व शरीर छिदवाने जैसी प्रक्रियाओं से जुड़ी सुरक्षा के बारे में भी बताएंगे। इसलिए उस पर भी ध्यान दें।

स्पा का एक दिन :- आह! स्पा गर्भवती महिला के लिए एक आरामदायक स्पा से बढ़ कर कुछ हो ही नहीं सकता। आजकल कई जगह स्पा की यह सुविधा विशेष रूप से दी जाने लगी है। स्पा के लिए जाते ही बता दें कि आप गर्भवती हैं। यदि डॉक्टर ने कुछ सावधानियां रखने को कहा है तो उन्हें वे भी बता दें ताकि वे उसी हिसाब से ट्रीटमेंट दे सकें, यदि डॉक्टर से पूछ कर जाएं तो और भी अच्छा रहेगा।

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