जानते हैं 9 घंटे से ज्यादा की नींद पैदा करती है आलस: Oversleeping Effects
Oversleeping Effects

Oversleeping Effects: सोना से सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा सोना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है । यह आपमें सुस्ती भर देता है। आपके दिमाग की कार्यक्षमता पर भी इसका नकारात्मक असर होता है। ‘आराम बड़ी चीज है मुह ढककर सोईए’ अगर आप भी इस सिद्धान्त को अपनाकर जब आंख खुलती है तब उठते हैं तो अपनी चादर को हटाकर बिस्तर छोड़कर उठने का समय अब आ गया है। आपको पता है कि अगर आप बहुत कम या ज्यादा सोएंगे तो आप अपनी सेहत को बिगाड़ रहे हैं। विभन्न मेडिकल स्टडीज में यह बात साबित हुई है कि एक व्यस्क के लिए 6 से 7 घंटे से कम सोना और 9 घंटे से ज्यादा सोना दोनों ही नुकसानदेह हैं। इससे आपको तनाव हो सकता है और हार्मोंस का डिसबैलेंस भी हो सकता है।

Oversleeping Effects: दिन भर थकावट का बने रहना

ज्यादा सोने का सबसे बड़ा नुकसान है कि आप दिनभर खुद को थका-सा महसूस करते हैं यहां तक कि नहाने के बाद भी आप फ्रैश फील नहीं करते। इससे न तो आप अपने अंदर कोई ऊर्जा महसूस करते हैं और आपको ऐसा लगेगा बस जैसे यों ही वक्त गुजर सा रहा है। इसलिए जिस तरह से काम के घंटे तय होते हैं अपने सोने और जागने के घंटे भी तय करें। ऐसा नहीं होना चाहिए कि जब नींद आई सो गए और आंख खुली उठ गए। आप नियमित समय पर बिस्तर पर जाएं और सोने की कोशिश करें। उसी तरह अलार्म लगाकर नियमित समय पर अपने बिस्तर को छोड़ें।

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साइड इफेक्ट्स

बहुत सारी चीजें एक-दूसरे से इंटरलिंक होती है जैसे कि कि अगर आप ज्यादा सोते हैं तो आप दिनभर सुस्ती रहेगी तो वर्कप्लेस पर आपकी कार्यक्षमता प्रभावित हो्ता जिसकी दरकार होती है। जाहिर है कि इससे आप साइकोलॉजिकल भी खुद को अच्छा महसूस नहीं करते। इससे आपको महसूस होने लगता है जैसे कि आप बीमार हैं। जबकि आप बीमार नहीं है आपके अंदर आलस है।

शारीरिक गतिविधि है जरूरी

आपकी शरीर को आपसे बेहतर कोई नहीं जानता। आपने कभी महसूस किया है कि आपको हाथ पैरों में दर्द और ऐंठन सी महसूस होती है। वह इसलिए है क्योंकि हमारे शरीर को उतने आराम की जरुरत ही नहीं होती जितना हम उसे दे देते हैं। हम पैदा हुए बच्चों को देख लें उन बच्चों को कोई काम नहीं करना होता बल्कि वह जितना ज्याउा सोते हैं उनके शरीर का विकास होता है। लेकिन जैसे-जैसे वो बढ़ते हैं उनके सोने के घंटे भी कम होने लगते हैं।

सुस्त रहने लगता है शरीर

हम सभी इंसान हैं ऐसा भी भी कोई एक दिन आता है जब हमारा मन किसी वजह से खराब होता है। हम पूरा दिन बिस्तर में पड़े होते हैं तब शरीर कितना टूटा हुआ सा महसूस होता है। या कभी छुट्टी वाले दिन ही देख लें जब हम देर से सोकर उठते हैं तो ऐसा लगता है कि मानो शरीर अकड़ गया हो। हम पूरा दिन कुछ नहीं करके गुजार देते हैं। वजह आपको पता है बेहद साफ है कि देर से सोकर उठने की वजह से हममें सुस्ती आती है।

खुद को पहचानें

अगर आप 9 घंटे से ज्यादा सो रहे हैं तो आज ही अपनी आदत को बदलें। दिमाग को और शरीर को उतना ही रेस्ट दें जिसकी उन्हें दरकार है।