Neck Pain Cure
Neck Pain Cure

Neck Pain Cure: गर्दन में दर्द की समस्या आज के समय में बेहद ही आम है। दरअसल, अधिकतर लोगों का सिटिंग जॉब है और गलत बॉडी पॉश्चर के कारण उनके गर्दन में दर्द होने लगता है। इसके अलावा, आजकल अधिकतर लोग अपना सारा काम फोन के माध्यम से करते हैं और गर्दन को झुकाकर फोन को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से भी गर्दन में दर्द होने लगता है।

अमूमन देखने में आता है कि बॉडी में कहीं पर भी दर्द होने पर लोग पेनकिलर का सहारा लेने लग जाते हैं, लेकिन वास्तव में यह तरीका आपकी बॉडी के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर आप नेचुरल तरीके से अपनी गर्दन के दर्द को दूर करना चाहते हैं तो ऐसे में आप योग का सहारा भी ले सकते हैं। ऐसे कई योगासन हैं, जो गर्दन के दर्द की समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इन योगासनों के बारे में-

गर्दन दर्द के लिए बालासन

Neck Pain Cure
Balasana

बालासन का नियमित अभ्यास ना केवल आपको गर्दन के दर्द से राहत दिलाता है, बल्कि इससे आपकी बैक को काफी आराम मिलता है। साथ ही साथ इससे आपकी कब्ज की समस्या भी दूर होती है और नर्वस सिस्टम पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर एड़ी पर बैठ जाएं।
  • अब, अपने कूल्हों को एड़ी पर टिकाएं, आगे झुकें, और अपने माथे को फर्श पर नीचे की ओर ले जाएं।
  • अपनी बाहों को अपने शरीर के साथ फर्श पर रखें, हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए।
  • धीरे से अपनी छाती को अपनी जांघों पर दबाएं और कुछ मिनट के लिए इस स्थिति में रहें।
  • इसके बाद, धीरे-धीरे पुनः सामान्य अवस्था में लौट आएं।

नोट-

  • अगर आप गंभीर पीठ या घुटने की चोट से जूझ रहे हैं तो इस आसन को ना करें।
  • वहीं, गर्भवती महिलाओं को भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।

गर्दन दर्द के लिए नटराजसन

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Natrajsan

यह आसन बॉडी पॉश्चर को बेहतर बनाने के लिए काफी अच्छा माना जाता है और गर्दन दर्द की एक मुख्य वजह बैड बॉडी पॉश्चर भी होता है। इसके अलावा, इस आसन का अभ्यास करने से तनाव दूर होता है व मन में शांति का अहसास होता है।

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं।
  • इस दौरान, अपनी बाहों को हॉरिजॉन्टली फैलाएं।
  • अब अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को अपने कूल्हों के करीब लाएं। ध्यान रखें कि पैरों के तलवे पूरी तरह से जमीन पर हैं।
  • घुटनों को बाईं ओर तब तक घुमाएं जब तक कि बायां घुटना जमीन को न छू ले। सिर को दाईं ओर मोड़ें और अपनी दाहिनी हथेली को देखें।
  • हर बार सांस छोड़ने के साथ, इस पॉश्चर में रिलैक्स करें।
  • अब कुछ मिनटों के बाद, दूसरी साइड से भी यही मुद्रा को दोहराएं।
  • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से बचना चाहिए।

गर्दन दर्द के लिए मार्जरीआसन

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Margariasana

मार्जरीआसन का अभ्यास करने से आपको एक नहीं कई लाभ होते हैं। सबसे पहले तो यह आपकी रीढ़ को अधिक लचीला बनाता है। जिससे बैक संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही साथ, यह इससे आपका पाचन तंत्र भी बेहतर तरीके से काम करता है। गर्दन दर्द के अलावा, यह आपके कलाई और कंधों को भी मजबूत करता है। साथ ही साथ ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है।

  • सबसे पहले घुटनों और हाथ के बल मैट पर बैठें।
  • कमर को बाहर तरफ की ओर खींचे। इस दौरान आपको पीठ में खिंचाव महसूस होगा।
  • सांस लेते हुई सिर को ऊपर की तरफ, छत की ओर ले जाएं।
  • उसके बाद, कमर को थोड़ा ढीला छोड़ें और सिर को छाती की तरफ लाएं।
  • इन दोनों पॉश्चर में लगभग 30 सेकंड अभ्यास करें।
  • अगर आपको पीठ या गर्दन से संबंधित समस्या है, तो आप इस आसन का अभ्यास करने से परहेज करें।

गर्दन दर्द के लिए विपरीत करणी आसन

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Viprit kardi asan

विपरीत करणी आसन सिर्फ गर्दन के दर्द के लिए ही नहीं, बल्कि कमर दर्द से भी राहत दिलाता है। हालांकि, अगर आपको पीठ या कमर दर्द से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है तो एक्सपर्ट की सलाद के बिना इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब, अपने पैरों को सीधा ऊपर उठाएं।
  • पैर छत के समानांतर हैं और आपके पैर दीवार को छू रहे हैं।
  • हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए शरीर के बगल में अपनी बाहों के साथ आराम करें।
  • लंबी गहरी सांसें लें। घुटनों को पहले लाते हुए धीरे-धीरे नीचे आएं। फिर अपनी बाईं ओर मुड़ें और धीरे से बैठ जाएं।

गर्दन दर्द के लिए उत्थित त्रिकोणासन

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Trikonasan

यह आसन तनाव को दूर करने के साथ-साथ पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है। साथ ही साथ अगर आपको गर्दन में दर्द की समस्या है तो भी आप इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं।

  • इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
  • इस दौरान, जितना हो सके अपने पैरों को फैलाएं।
  • अपनी पीठ को सीधा रखते हुए, अपने हाथों को बगल की ओर फैलाएं।
  • श्वास लें और धीरे-धीरे दाहिनी ओर झुकें, अपने दाहिने हाथ से अपने टखने को स्पर्श करें।
  • इस मुद्रा में रहते हुए अपने बाएं हाथ को देखें।
  • अब धीरे से अपनी बॉडी को सामान्य अवस्था में ले आएं।
  • इसके बाद, आप दूसरी साइड से भी इसी आसन का अभ्यास करें।

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