जब एक महिला की उम्र बढ़ने लगती है तो उसे कई स्वास्थ्य समस्याएं घेरने लग जाती हैं। बढ़ती उम्र में ना केवल महिलाओं की स्किन पर उसका असर नजर आता है, बल्कि उन्होंने हड्डियों में कमजोरी, याददाश्त कमजोर हो जाना, शरीर में दर्द व अकड़न सहित अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में प्री-मेनोपॉज और मेनोपॉज के लक्षण भी नजर आते हैं, जो उनकी स्वास्थ्य समस्याओं को और भी अधिक जटिल बना देते हैं। हालांकि, इन सभी समस्याओं से बचने का एक बेहतर उपाय है योगाभ्यास करना।

योग खुद को स्वस्थ व निरोगी रखने का एक बेहतरीन विकल्प है। अगर आप सच में चाहती हैं कि आपकी उम्र मात्र एक अंक बनकर रह जाए और आप एक स्वस्थ जीवन जी सके तो ऐसे में आपको कुछ योगासनों का अभ्यास करना चाहिए। जिसके बारे में आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं-

सुखासन

सुखासन का अभ्यास करने से आपको मानसिक रूप से काफी शांति मिलेगी। साथ ही इस आसन के अभ्यास से घुटनों में भी खिंचाव आता है। साथ ही यह आसन पीठ के लिए भी लाभकारी माना गया है। आप इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट बिछाएं और फिर पालथी मारकर बैठ जाएं। अब अपनी आंखों को बंद करें। इस दौरान आपकी हथेलियां घुटनों पर हों। इसके बाद गहरी सांस लें और जब तक संभव हो, इस अवस्था में रूकें। इस आसन को आप योगाभ्यास की शुरूआत में कर सकती हैं।

ताड़ासन

ताड़ासन एक ऐसा आसन है, जिसे किसी भी उम्र में बेहद आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसे करना बेहद ही आसान है। अगर आपकी उम्र अधिक है तो इस आसन का अभ्यास करने से ना सिर्फ आपके पूरे शरीर में खिंचाव आएगा, बल्कि शरीर में रक्त संचार भी बेहतर होगा। इतना ही नहीं, यह आपके पाचन तंत्र के लिए भी बेहद लाभकारी है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आपके दोनों पैर आपस में मिले हों। अब आप अब अपने हाथों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं और पूरे शरीर में एक खिंचाव महसूस करें। इस दौरान आपकी आंखें बंद हों और आप एक गहरी सांस लें। कुछ क्षण इसी अवस्था में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में पुनः लौट आएं।

वज्रासन

वज्रासन एक ऐसा योगासन है, जिसे भोजन के पश्चात् भी किया जा सकता है। यह ना केवल पाचनतंत्र के लिए लाभदायक है, बल्कि इससे गठिया, कमर दर्द, मासिक धर्म समस्याएं, कमजोर याददाश्त व सफेद बाल जैसी कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। इस आसन के अभ्यास के लिए आप आप घुटने टेक कर बैठ जाएं। इस दौरान अपने घुटनों को आपस में जोड़े रखें। ध्यान रखें कि आप कुछ तरह बैठें कि आपके पेल्विक एड़ी हों और पैर की उंगलियां बाहर की ओर मुड़ी हुई हों। आप अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर ऊपर की ओर रखें और अपनी पीठ को सीधा रखें। वहीं, अगर आपके घुटने में चोट लगी है, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें। वहीं, अगर आपको घुटनों में दर्द रहता है तो अप अपने घुटनों को नीचे कुशन रखकर ही इस आसन का अभ्यास करें। 

पवनमुक्तासन

महिलाओं के लिए पवनमुक्तासन एक अच्छा आसन माना गया है। दरअसल, जब उम्र बढ़ने लगती है तो महिला का पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। इतना ही नहीं, महिला को वायु विकार जैसे गैस व एसिडिटी आदि की समस्या भी होती है। इन सभी समस्याओं से राहत दिलाने में पवनमुक्तासन बेहद ही प्रभावशाली तरीके से काम करता है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए आप सबसे पहले मैट बिछाकर सीधे ले जाएं। अब धीरे से श्वास छोड़ते हुए पैरों को मोड़ें अपने पेट के पास लाएं। पेट पर दबाव बनाने के लिए आप हाथों की मदद से पैरों को पकड़ें। साथ ही गर्दन को भी उठाएं और कुछ देर इसी अवस्था में रूकें। उसके बाद सामान्य अवस्था में लौट आएं। आप इस आसन का अभ्यास एक-एक पैर से भी कर सकती हैं। वहीं अगर आपको कमर दर्द की शिकायत रहती है तो इस आसन का अभ्यास करते हुए गर्दन को जमीन से उपर ना उठाएं।

प्राणायाम

बढ़ती उम्र में शरीर को सिर्फ बाहरी तौर पर ही नहीं, बल्कि भीतरी रूप से भी खुद का ख्याल रखना होता है। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका है प्राणायाम करना। प्राणायाम करने से मन को शांति मिलती है और चिड़चिड़ेपन व मूड स्विंग्स की समस्या भी दूर होती है। कुछ महिलाओं को बढ़ती उम्र में भूलने की समस्या होती है, लेकिन अगर नियमित रूप से प्राणायाम का अभ्यास किया जाए तो इससे याददाश्त मजबूत होती है। साथ ही आपकी एकाग्रता भी बढ़ती है। मेनोपॉज के दौरान कुछ महिलाओं को तेजी से वजन बढ़ना या फिर पाचन तंत्र का कमजोर होना आदि परेशानी होती है, उसमें भी प्राणायाम लाभकारी है। आप ओम् चैंटिंग से लेकर कपालभांति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, शीतली प्राणायाम आदि प्राणायाम कर सकती है। अगर आपको थॉयराइड की समस्या है तो उसके लिए महिला को उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इससे आप कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से खुद का बचाव का सकती हैं।

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