Yoga For Cholesterol Control
Yoga For Cholesterol Control

Yoga Poses For Cholesterol Control: यह तो हम सभी जानते हैं कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर सेहत के लिए बिलकुल भी उचित नहीं है। यह हद्य रोगों से लेकर अन्य कई तरह के हेल्थ रिस्क को बढ़ाता है। कोलेस्ट्रॉल शरीर केे लिए जरूरी है। यह आपके शरीर की नार्मल फंक्शनिंग और मेंटनेंस के लिए बेहद आवश्यक है। हालांकि, जब शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है तो इससे शरीर पर दुष्प्रभाव नजर आने लगता है।

शरीर में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की मुख्य वजह खराब लाइफस्टाइल को माना जाता है। इसलिए अगर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना है, तो इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने लाइफस्टाइल को बेहतर बनाएं और साथ ही साथ उसे अधिक एक्टिव भी बनाएं। अगर आप नियमित रूप से कुछ योगासनों का अभ्यास करते हैं तो इससे आपको अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने में मदद मिलती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रण रखने में आपकी मदद करेंगे-

कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें चक्रासन

Yoga For Cholesterol Control
If you want to manage your cholesterol level, then practicing Chakrasana can be good for you

अगर आप अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करना चाहते हैं तो ऐसे में चक्रासन का अभ्यास करना आपके लिए अच्छा हो सकता है। इस आसन के अभ्यास से ना केवल पेट के अंगों की मालिश होती है, बल्कि यह लीवर की फंक्शनिंग को भी बेहतर बनाता है। जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। चक्रासन का अभ्यास करने के लिए इन स्टेप को फॉलो करें-

  • सबसे पहले मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब आप अपने दोनों पैरों को मोड़ें और उन्हें अपने हिप्स के पास लेकर आएं।
  • अब आप अपने दोनों हाथों को भी मैट पर इस तरह रखें कि आपकी दोनों हथेलियां जमीन पर हों।
  • इसके बाद आप अपनी कमर, पेट और छाती को ऊपर की ओर उठाएं। कुछ वक्त इसी अवस्था में रूकें और फिर धीरे-धीरे वापिस आ जाएं।
  • ध्यान दें कि आप अपने शरीर को उठाते हुए या फिर वापिस लाते समय बिल्कुल भी झटका ना दें।
  • अगर आपका किसी तरह का ऑपरेशन हुआ है या फिर आप गर्दन या कमर से जुड़ी कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह के बिना इस आसन का अभ्यास बिलकुल भी ना करें।

कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें शलभासन

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It improves your digestion

कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए शलभासन का अभ्यास करना भी अच्छा माना गया है। यह आपके पाचन में सुधार करता है। इसके कारण कब्ज की समस्या दूर होती है। नियमित मल त्याग कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। शलभासन करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें-

  • शलभासन का अभ्यास करने के लिए आप मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
  • अब आप गहरी सांस लें और अपने दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें।
  • हालांकि, इस दौरान आपके हाथ और फेस जमीन पर ही टिका होना चाहिए।
  • आप कुछ सेकंड तक इसी अवस्था में रूके रहने का प्रयास करें।
  • इसके बाद आप धीरे-धीरे अपनी सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे लाने का प्रयास करें।
  • आप अपनी क्षमतानुसार इस आसन का अभ्यास करें।

कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें कपालभाति प्राणायाम

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Kapalbhati Pranayam

अगर आप योगा में एक बिगनर हैं और इसलिए कठिन योगासनों का अभ्यास करने में आपको समस्या होती है तो ऐसे में आप कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करें। यह एक ब्रीदिंग एक्सरसाइज है, जो ना केवल वजन कम करने में सहायक है। बल्कि इसे आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट अप होता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास आप कुछ इस तरह करें-

  • कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पद्मासन अवस्था में बैठ जाएं।
  • अब अपने हाथों को घुटनों पर रखें और गहरी सांस अंदर लें।
  • फिर आप झटके से सांस को बाहर छोड़ें।
  • आप इस स्टेप को बार-बार दोहराएं। इसी तरह आप अपनी यथाशक्ति अनुसार इस तरह सांस को अंदर व बाहर करें।

कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें पश्चिमोत्तानासन

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Paschimottanasana

पश्चिमोत्तानासन एक ऐसा आसन है, जो आपके लीवर और किडनी को उत्तेजित करने के साथ-साथ मोटापे को कम करता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने के लिए पश्चिमोत्तानासन को एक बेहद ही प्रभावशाली आसन माना जाता है। आप इन स्टेप्स को फॉलो करके पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास कर सकते हैं-

  • सबसे पहले मैट बिछाकर उस पर बैठ जाएं।
  • अब आप दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाएं। हालांकि, इस दौरान आपके पैरों के बीच गैप नहीं होना चाहिए।
  • अब आप गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर को आगे की ओर झुकाना शुरू करें।
  • आपसे जितना संभव हो, उतना आगे झुकें।
  • आपके हाथों को पैरों के तलवे से टच करवाने की कोशिश करें। साथ ही, नाक को घुटनों से स्पर्श करवाने का प्रयास करें।
  • अब आप कुछ देर तक इसी अवस्था में रूकें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौट आएं।
  • अगर आपको कमर से जुड़ी कोई समस्या है या फिर किसी तरह की इंजरी हुई है तो ऐसे में आप इस आसन का अभ्यास करने से परहेज करें।

डिस्क्लेमर- यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। किसी भी आसन का अभ्यास करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। साथ ही योग विशेषज्ञ की देख-रेख में ही योगाभ्यास करें।

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