मेनोपॉज, यह एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में अक्सर महिलाएं बात नहीं करतीं। न ही परिवारों में इसे लेकर कोई अवेयरनेस होती है। जबकि सच्चाई ये है कि मेनोपॉज के दौरान महिलाएं कई समस्याओं से जूझती हैं। हॉट फ्लश, मूड स्विंग्स, वजन बढ़ना और बालों का झड़ना जैसी कई परेशानियों का वे सामना करती हैं। उन्हें थकान महसूस होती है, सिरदर्द रहता है, इसके बावजूद उनकी यह स्थिति कोई समझ नहीं पाता। वहीं अब महिलाएं अर्ली मेनोपॉज की परेशानी से भी जूझ रही हैं।
जानिए क्या है अर्ली मेनोपॉज की उम्र

विशेषज्ञों के अनुसार मेनोपॉज की औसत उम्र 47.5 साल है, लेकिन अब कुछ महिलाएं 40 की उम्र में ही मेनोपॉज का सामना कर रही हैं। इसे अर्ली मेनोपॉज या पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार कभी-कभी हेल्थ प्रॉब्लम्स तो कभी लाइफस्टाइल के कारण हो रहे हार्मोनल चेंजेज के कारण महिलाओं को अर्ली मेनोपॉज होता है। हार्मोनल नूट्रिशनिस्ट ऐली गॉडबोल्ड के अनुसार मेनोपॉज का समय इस बात पर भी निर्भर करता है कि महिलाएं 20 से 30 की उम्र में अपनी बॉडी का कैसा ख्याल रखती हैं।
उस समय की गई लापरवाही आगे के लिए घातक होती है। इसलिए शुरुआती सालों में आहार के साथ ही वजन, व्यायाम, भरपूर नींद और टेंशन के स्तर पर ध्यान दें। ऐसा नहीं करने पर आप अर्ली मेनोपॉज या पेरिमेनोपॉज का शिकार हो सकती हैं। इतना ही नहीं इससे मेनोपॉज के समय आपको कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
पेरिमेनोपॉज में प्रोजेस्टेरोन का स्तर तेजी से नीचे गिरने लगता है। जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन में भी गिरावट आने लगती है। ऐसे में पीरियड्स बंद हो जाते हैं और महिला पेरिमेनोपॉज की स्टेज में आ जाती है।
इन कारणों से भी होता है पेरिमेनोपॉज

यहां ये जानना बेहद जरूरी है कि मेनोपोज बहुत ही नेचुरल है, लेकिन इसका समय से पहले आना खतरनाक है। हालांकि कई बार ओवरी सर्जरी, अनुवांशिक कारणों या फिर कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान कीमोथेरेपी के कारण भी महिलाओं में अर्ली मेनोपॉज होता है।
विशेषज्ञों के अनुसार अर्ली मेनोपॉज के कारण कई सारे छिपे हुए खतरे भी महिलाओं में शरीर और दिमाग में घर कर जाते हैं। वे डिप्रेशन का शिकार हो सकती हैं, उन्हें बहुत जल्दी-जल्दी गुस्सा आने लगता है, उनका मूड पल-पल बदलता है।
इसी के साथ सिर दर्द, एंजाइटी, ब्रेन फॉग, गर्मी लगना, रात में ज्यादा पसीना आना, अनिद्रा की शिकायत, जोड़ों में दर्द होना, बार-बार यूरिन आना, पेट में ऐंठन होना, पार्टनर के करीब जाने की इच्छा न होना आदि भी आम बात है। ऐसे में कई महिलाएं नशे की भी आदी हो जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार लगातार शराब का सेवन करना भी इसका एक कारण हो सकता है।
ये हैं मेनोपॉज के लक्षण

जब एक महिला को कम से कम 12 महीने तक पीरियड्स नहीं आते तो इसे मेनोपोज कहा जाता है। इसमें प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर पर कमी आ जाती है और एग बनना बंद हो जाता है। पेरिमेनोपॉज के भी यही लक्षण हैं। हाल ही में ब्रिटेन में 45 से 65 साल की महिलाओं के एक सर्वे में सामने आया कि उनमें से 49 प्रतिशत मेनोपॉज के दौरान डिप्रेशन में रहीं। वहीं 7 प्रतिशत के मन में इस दौरान सुसाइड जैसे ख्याल आए। 50 प्रतिशत महिलाओं ने माना कि मेनोपॉज के दौरान उनके परिवार ने उनका कोई ध्यान नहीं रखा।