Village people
Village of Bachelors

Summary:‘कुंवारों का गांव’ बरवां कलां: जहां आज भी शादियों पर संकट बना हुआ है

बिहार के पटना से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित बरवां कलां गांव को बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण ‘कुंवारों का गांव’ कहा जाता है। सड़क, बिजली, पानी और रोजगार जैसी सुविधाएं न होने से यहां दशकों से शादियां नहीं हो पा रही हैं, जिससे यह गांव अपनी अनोखी और चिंताजनक पहचान के लिए जाना जाता है।

Village of Bachelors: भारत में हर जगह किसी ना किसी अनोखी चीज के लिए प्रसिद्ध है। कहीं के पकवान प्रसिद्ध हैं तो कहीं के पर्यटन स्थल। कुछ जगहों को तो वहां के अजीब परंपरा के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा भारत के कुछ गांव को वहां के चौंकाने वाली कहानियों लिए भी जाना जाता हैं। आज हम आपको बिहार के एक ऐसे ही गांव के बारे में बता रहे हैं, जिसे लोग “कुंवारों का गांव” कहते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि क्यों इस गांव को कुंवारों का गांव कहा जाता है।

यह गांव बिहार की राजधानी पटना से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित है और इस गांव का नाम बरवां कलां गांव है। इस गांव की सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस गांव में पिछले लगभग 50 सालों से शादियां ना के बराबर हुई हैं। ऐसा नहीं है कि यहां के लोगों की शादी करने की इच्छा नहीं है या वे शादी नहीं करना चाहते हैं, बल्कि इसके पीछे की वजह कुछ और है। दरअसल यहाँ शादी नहीं होने के पीछे का कारण है यहाँ की सामाजिक और व्यावहारिक समस्या है।

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Lack of facilities prevents marriages

बरवां कलां गांव में किसी की भी शादी नहीं होने के पीछे बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। यहाँ सड़क, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी जरूरी सुविधाएं ना होने के कारण दूसरे गांवों के लोग यहां अपनी बेटियों की शादी करने से कतराते हैं। गांव की आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर है, जिससे लोग यहाँ रिश्ते तय करने के लिए नहीं आते हैं।

इस गांव में साल 2017 में पहली शहनाई बजी थी। यह शादी भी तब हुई थी, जब यहां रहने वाले एक शख्स ने गांव से बाहर किसी महिला से शादी की थी। इस शादी के बाद लोगों को उम्मीद जगी, लेकिन यहाँ के हालात बिलकुल नहीं बदले। इसलिए आज भी यहां के कई युवक बिना शादी के जीवन बिताने को मजबूर हैं और यही समस्या इस गांव की अनोखी पहचान बन गई है।

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Administrative negligence is the reason

इस गांव के युवकों की शादी ना होने की वजह है यहाँ की प्रशासनिक लापरवाही। आज के समय में भी इस गांव में मूलभूत जरूरतें उपलब्ध नहीं हैं। यहाँ बिजली, पीने के पानी की भी सप्लाई नहीं है। यहां तक कि इस गांव में सड़क भी नहीं बनाई गईं है।

Road
The villagers built the road themselves.

इस गांव के रहने वाले लोगों ने कई बार सरकारी अधिकारियों से मदद मांगी, लेकिन सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलने के कारण, थक हार कर यहाँ के लोगों ने मिलकर खुद से ही पहाड़ काटकर एक कच्ची सड़क बनाई है, जिसकी मदद से अब गाड़ियां गांव तक आने लगी हैं। यहाँ के कई लोग शादी के लिए यज्ञ-हवन भी करवाते हैं, लेकिन यहाँ सब फेल है। अब देखना है कि आखिर कब तक इस गांव में सुविधाएँ पहुँचती हैं और यहाँ के कुंवारे लोगों की शादी होती है।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...