सब कुछ  एक कहानी हो गया-गृहलक्ष्मी की कविता
Sab Kuch Ek Kahani Ho Gaya

Hindi Poem: उस गली से गुजरे जमाना हो गया,

आज मेरा उस गली से जाना हो गया,

वो घर नहीं था..,वहां अब फ्लैट बन गया,

माँ के गुजरते ही वहां का नक्शा बदल गया,

ना थी वो हवाएं, ना थी वो खुशबुएं,

बरसा करती थीं, जहां माता -पिता की रहमतें,

यह देख मेरे अंदर का सैलाब उमड़ गया,

आज मेरा उस गली से जाना हो गया,

वो दिन भी कितने खुशनुमा हुआ करते थे,

जब हम सब बहन-भाई,

अक्कड़-बक्कड़ खेला करते थे,

लड़ना झगड़ना रोना, सब हुआ करता था, 

उसमें भी एक प्यार झलका करता था,

Also read: Mother : सास बहू के रिश्ते कैसे हो मजबूत

अब वह सब कुछ एक कहानी हो गया,

उस गली से गुजरे जमाना हो गया,

टूट गए चौबारे,उन्हीं में खो गया बचपन,

अब कभी ना भान होगा ,वो बालपन,

माता -पिता के साथ ही बचपन चला गया,

यह देख मेरे अंदर का सैलाब उमड़ गया,

उस गली से गुज़रे जमाना हो गया,

आज मेरा उस गली से जाना हो गया।।
मधुगोयल ✍️